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भारतीय अर्थव्यवस्था

विंडफॉल टैक्स

  • 15 Sep 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विंडफॉल टैक्स, रूस-यूक्रेन संघर्ष, कोविड-19, राजकोषीय नीति।

मेन्स के लिये:

विंडफॉल टैक्स से संबंधित तर्क और मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वित्त मंत्रालय ने जुलाई 2022 में घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स /अप्रत्याशित कर लगाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा है कि यह तदर्थ (अचानक बनाया या लिया गया) कदम नहीं है, बल्कि उद्योग के साथ पूर्ण परामर्श के बाद उठाया गया है।

  • भारत के अलावा यूनाइटेड किंगडम, इटली और जर्मनी सहित कई देशों ने पहले ही ऊर्जा कंपनियों के सुपर नॉर्मल प्रॉफिट पर अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Profit Tax) लगा दिया है या ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं।

विंडफॉल टैक्स:

  • परिचय:
    • विंडफॉल टैक्स किसी विशेष कंपनी या उद्योग को हुए अप्रत्याशित बढ़े मुनाफे पर लगाईं गई उच्च कर दर है। उदाहरण के लिये रूस-यूक्रेन संघर्ष के परिणामस्वरूप ऊर्जा मूल्य-वृद्धि।
    • ये ऐसे लाभ हैं जिन्हें फर्म द्वारा किसी सक्रिय निवेश रणनीति या व्यवसाय के विस्तार के लिये ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
    • अप्रत्याशित लाभ को "बिना किसी अतिरिक्त प्रयास या व्यय के आय में अनर्जित, अप्रत्याशित लाभ" के रूप में परिभाषित किया गया है।
    • सरकारें आमतौर पर इस तरह के मुनाफे पर कर की सामान्य दरों के ऊपर पूर्वव्यापी रूप से एकमुश्त कर लगाती हैं, जिसे विंडफॉल टैक्स कहा जाता है।
    • एक क्षेत्र जहाँ इस तरह के करों पर नियमित रूप से चर्चा की जाती है, वह है तेल बाज़ार, जहाँ कीमतों में उतार-चढ़ाव से उद्योग को अस्थिर या अनिश्चित लाभ होता है।
  • औचित्य:
    • अप्रत्याशित लाभ के पुनर्वितरण सहित कई कारणों से दुनिया भर की सरकारों द्वारा विंडफॉल टैक्स को पेश किया गया है, जब उपभोक्ता वस्तुओं की उच्च कीमतों से उत्पादकों को लाभ होता है, साथ ही सरकार को भी सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्तपोषण हेतु राजस्व की प्राप्ति होती है।

देशों द्वारा विंडफॉल टैक्स लगाने का कारण:

  • पिछले वर्ष के अंत से और चालू वर्ष की पहली दो तिमाहियों में तेल, गैस एवं कोयले की कीमतों में तेज़ वृद्धि देखी गई है, हालाँकि हाल ही में इनमें कमी आई है।
  • यह वृद्धि कारकों के संयोजन से उत्पन्न हुई है, जिसमें कोविड-19 का सामना करने हेतु आर्थिक सुधार के दौरान ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन जैसे कारक शामिल है, जो यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण और अधिक बढ़ गया है।
  • रूस-यूक्रेन संघर्ष के परिणामस्वरूप महामारी से उबरने और आपूर्ति के मुद्दों ने ऊर्जा की मांग को बढ़ा दिया, जिससे वैश्विक कीमतें बढ़ गईं।
  • बढ़ती कीमतों का अर्थ ऊर्जा कंपनियों के लिये भारी और रिकॉर्ड मुनाफा था, जिसका कारण बड़ी एवं छोटी अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू बिलों हेतु बढ़े गैस और बिजली के बिल थे।
  • यह कर ऐसे समय में लगाया गया है जब रिफाइनरों ने यूरोप जैसे घाटे में फँसे देशों को ईंधन निर्यात बढ़ाकर बड़ा लाभ कमाया है, जिसने अब रूस से तेल आयात का बहिष्कार किया है।
  • राष्ट्र (United Nations-UN) के प्रमुख ने सभी सरकारों से इन अत्यधिक मुनाफे पर कर लगाने का आग्रह किया "और इस कठिन समय में सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करने के लिये धन का उपयोग करने को कहा।"
  • अप्रत्याशित करों को लागू करने के आह्वान को IMF जैसे संगठनों में भी समर्थन मिला, जिसने इस प्रकार के करों को आरोपित करने के विषय/तरीकों पर एक परामर्श-पत्र जारी किया।

विंडफॉल टैक्स से संबंधित मुद्दे:

  • बाज़ार में अनिश्चितता:
    • कर व्यवस्था में निश्चितता और स्थिरता होने पर कंपनियाँ किसी क्षेत्र में निवेश करने में विश्वास रखती हैं।
    • चूँकि अप्रत्याशित कर पूर्वव्यापी रूप में लगाए जाते हैं और प्रायः अप्रत्याशित घटनाओं से प्रभावित होते हैं, ये भविष्य के करों के बारे में बाज़ार में अनिश्चितता पैदा कर सकते हैं।
  • प्रकृति में लोकलुभावन:
    • ऐसा माना जाता है कि इस तरह के कर अल्पावधि में लोकलुभावन और राजनीतिक रूप से उपयुक्त होते हैं।
  • भविष्य के निवेश में कमी:
    • एक अस्थायी अप्रत्याशित लाभ कर का परिचय भविष्य के निवेश को कम करता है क्योंकि संभावित निवेशक निवेश निर्णय लेते समय संभावित करों की संभावना का आकलन करेंगे।
      • यदि कीमतों में तीव्र वृद्धि से एकतरफा लाभ में वृद्धि होती है, तो इसे वास्तविक रूप में अप्रत्याशित कहा जा सकता है, लेकिन यह तर्क दिया जा सकता है कि ये ऐसे लाभ हैं जिसे  कंपनियों ने अंतिम उपयोगकर्त्ता को अंतिम उत्पाद प्रदान करने के क्रम में जोखिम लेने वाले उद्योगों के लिये एक पुरस्कार के रूप में अर्जित किया है।
    • यह परिभाषित नहीं है कि यह कर किस पर लगाया जाना चाहिये, उच्च-मूल्य वाली बिक्री या छोटी कंपनियों के व्यापार के लिये ज़िम्मेदार बड़ी कंपनियाँ, यह सवाल उठाती हैं कि क्या एक निश्चित सीमा से नीचे के राजस्व या लाभ वाले उत्पादकों को छूट दी जानी चाहिये अथवा नहीं।

UPSC सिविल सेवा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ):

प्रश्न. संविधान (101वाँ संशोधन) अधिनियम, 2016 की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या करें। क्या आपको लगता है कि यह "करों के व्यापक प्रभाव को दूर करने और वस्तुओं एवं सेवाओं के लिये सामान्य राष्ट्रीय बाज़ार प्रदान करने" हेतुे पर्याप्त प्रभावशाली है? (2017)

स्रोत: द हिंदू

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