मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश: GCC नीति 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश ने देश की पहली समर्पित वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) नीति शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य को वैश्विक नवाचार और सहयोग के लिये एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
मुख्य बिंदु
- मध्य प्रदेश GCC नीति 2025
- मध्य प्रदेश GCC नीति 2025 में पूंजीगत व्यय, वेतन, कौशल उन्नयन और अनुसंधान एवं विकास के लिये प्रोत्साहनों को एकीकृत किया गया है।
- एक समर्पित नोडल एजेंसी, मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (MPSeDC), नीति कार्यान्वयन की देखरेख करेगी।
- लक्ष्यित क्षेत्र और रणनीतिक फोकस:
- यह नीति IT, वित्त, इंजीनियरिंग, मानव संसाधन और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित प्रमुख क्षेत्रों को लक्षित करती है।
- डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और साइबर सुरक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
- व्यवसाय केंद्रों का विकेंद्रीकरण:
- यह टियर-2 शहरों में GCC विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत का पहला समर्पित ढाँचा है।
- इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक मेट्रो शहरों से परे व्यापार केंद्रों को स्थानांतरित करना तथा क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
- इस नीति का उद्देश्य 50 से अधिक GCC को आकर्षित करना तथा 37,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ सृजित करना है।
- इसका उद्देश्य मध्य प्रदेश को IT/ITeS, उन्नत विश्लेषण, अनुसंधान एवं विकास तथा डिजिटल परिवर्तन के लिये उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
- विदेशी निवेश और औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र:
- यह नीति विभिन्न उद्योगों में विदेशी निवेश और बुनियादी ढाँचे के विकास को सुविधाजनक बनाती है।
- इस नीति का अनावरण भोपाल में द्विवार्षिक वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन से पहले किया गया।
- आधारभूत संरचना:
- मध्य प्रदेश में पाँच विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ), 15 से अधिक IT पार्क और 150 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ESDM) इकाइयाँ हैं।
- प्रमुख IT केंद्रों में इंदौर, भोपाल और जबलपुर शामिल हैं, जहाँ नॉलेज सिटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 जैसी परियोजनाएँ भी प्रस्तावित हैं।
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग (2023) में चौथे स्थान पर, मध्य प्रदेश सुव्यवस्थित नियामक प्रक्रियाओं और निवेशक-अनुकूल नीतियों को सुनिश्चित करता है।
- नीति कार्यान्वयन और शासन:
- MPSeDC नीति क्रियान्वयन के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- एक समर्पित नीति कार्यान्वयन इकाई (PIU) परियोजना अनुमोदन, प्रोत्साहन आवंटन और अनुपालन निगरानी का प्रबंधन करेगी।
- नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक तकनीकी केंद्रों को आकर्षित करने के माध्यम से, मध्य प्रदेश 2030 तक 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर के GCC बाज़ार के भारत के दृष्टिकोण में योगदान देता है।
वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC)
- परिचय:
- वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC), जिन्हें वैश्विक इन-हाउस केंद्र (GIC) के रूप में भी जाना जाता है, विश्वभर के देशों में बहुराष्ट्रीय निगमों (MNC) द्वारा स्थापित रणनीतिक चौकियाँ हैं।
- वैश्विक कॉर्पोरेट ढाँचे के भीतर आंतरिक संस्थाओं के रूप में कार्य करते हुए, ये केंद्र IT सेवाएँ, अनुसंधान और विकास, ग्राहक सहायता और विभिन्न अन्य व्यावसायिक कार्यों सहित विशिष्ट क्षमताएँ प्रदान करते हैं।
- GCC के उदाहरण:
- जनरल इलेक्ट्रिक (GI) का बेंगलुरु में एक बड़ा GCC है, जो विमानन और स्वास्थ्य सेवा व्यवसायों के लिये अनुसंधान एवं विकास तथा इंजीनियरिंग पर केंद्रित है।
- नेस्ले ने स्विट्ज़रलैंड के लुसान में एक GCC की स्थापना की है, जो इसके खाद्य और पेय ब्रांडों के लिये उत्पाद विकास और नवाचार के लिये समर्पित है।
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छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में CRPF का नया ऑपरेशन बेस
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) ने छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर क्षेत्र में माओवादी गलियारे में एक नया ऑपरेशन बेस स्थापित किया गया, जिससे राज्य के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति प्रबल हुई है।
मुख्य बिंदु
- फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB): परिचय
- 196वीं और 205वीं कमांडो बटालियन फॉर रेज़ोल्यूट एक्शन (CoBRA) ने अन्य अर्द्धसैनिक इकाइयों के साथ मिलकर इस बेस की स्थापना में सहायता की।
- FOB एक सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में है, जहाँ माओवादी प्रशिक्षण शिविर, हथियार, गोला-बारूद के भंडार और राशन इकाइयाँ स्थित हैं।
- यह दक्षिण और पश्चिम बस्तर संभाग के माओवादियों के गढ़ में स्थित है।
- सुरक्षा चुनौतियाँ और प्रतिरोध:
- यह क्षेत्र सशस्त्र माओवादी कैडरों की पहली बटालियन के संचालन केंद्र के रूप में कार्य करता है।
- CRPF ने माओवादियों द्वारा अपने शहीदों की याद में बनाए गए लाल रंग के ऊँचे स्मारक को भारी मिट्टी हटाने वाली मशीन से ध्वस्त कर दिया।
- सरकारी रणनीति और विस्तार:
- यह बेस नए FOB की शृंखला में 13वाँ बेस है, जिसे केंद्र सरकार के मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लक्ष्य के तहत बनाया जा रहा है।
- माओवादियों के वार्षिक सामरिक जवाबी आक्रामक अभियान (TCOC) के शुरू होने से पहले और अधिक FOB बनाने की योजना बनाई गई है।
- TCOC नक्सलियों द्वारा किया जाने वाला ग्रीष्मकालीन आक्रमण है, जो शुष्क वनों में बेहतर दृश्यता का लाभ उठाकर सुरक्षा बलों पर हमला करता है।
- छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान:
- पिछले तीन-चार वर्षों में CRPF ने छत्तीसगढ़ में 40 से अधिक पैदल पुल स्थापित किये हैं।
- सबसे तीव्र नक्सल विरोधी अभियान ओडिशा और तेलंगाना की सीमा से लगे दक्षिणी बस्तर में केंद्रित हैं।
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF)
- CRPF की स्थापना 1939 में रियासतों में राजनीतिक उथल-पुथल और अशांति के जवाब में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में की गई थी।
- 1949 में इस बल का नाम बदलकर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल कर दिया गया।
- तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने CRPF की बहुमुखी भूमिका की कल्पना की थी तथा इसके कार्यों को नव स्वतंत्र राष्ट्र की उभरती जरूरतों के अनुरूप ढाला था।
- कोबरा (CoBRA):
- यह भारत के केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की एक विशेष ऑपरेशन इकाई है जो गुरिल्ला रणनीति और जंगल युद्ध में कुशल है। मूल रूप से नक्सलवादी आंदोलन का मुकाबला करने के लिये स्थापित किया गया था।
- CoBRA को विषम युद्ध में संलग्न विद्रोही समूहों से निपटने के लिये तैनात किया गया है।
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हरियाणा Switch to English
ऑन्कोलॉजी कॉन्क्लेव 2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हरियाणा के झज्जर स्थित AIIMS के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) में दूसरे AIIMS ऑन्कोलॉजी कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- झज्जर संस्थान:
- झज्जर संस्थान भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक वित्त पोषित स्वास्थ्य परियोजनाओं में से एक है।
- इसका ध्यान कैंसर देखभाल को उन्नत बनाने तथा अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।
- ओन्कोलॉजी कॉन्क्लेव:
- दो दिवसीय सम्मेलन में भारत भर के राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों (INI) के शीर्ष ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ एकत्रित हुए।
- चर्चा कैंसर देखभाल में प्रगति, उपचार पद्धतियों और चल रहे अनुसंधान पहलों पर केंद्रित थी।
- इस कार्यक्रम में स्तन कैंसर के साथ-साथ सिर और गर्दन के कैंसर की रोकथाम और प्रबंधन में सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
- संस्थान में नवाचार और अनुसंधान:
- यह केंद्र स्टार्ट-अप्स के साथ सहयोग करता है, Ph.D. शोधार्थियों को शामिल करता है तथा वैज्ञानिकों को अनुसंधान में शामिल करता है।
- इस अनुसंधान का उद्देश्य वास्तविक दुनिया में ऐसे अनुप्रयोगों का निर्माण करना है जो बाज़ार और समाज दोनों के लिये लाभकारी हों।
कैंसर
- यह एक जटिल और व्यापक शब्द है जिसका उपयोग शरीर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि और प्रसार से जुड़ी बीमारियों के समूह का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
- ये असामान्य कोशिकाएँ, जिन्हें कैंसर कोशिकाएँ कहा जाता है, स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर आक्रमण करने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखती हैं।
- एक स्वस्थ शरीर में कोशिकाएँ नियमित रूप से बढ़ती, विभाजित और मरती हैं, जिससे ऊतकों और अंगों का सामान्य कामकाज होता रहता है।
- हालाँकि कैंसर के मामले में, कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तन या असामान्यताएँ इस सामान्य कोशिका चक्र को बाधित करती हैं, जिससे कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से विभाजित और बढ़ती हैं।
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बिहार Switch to English
बिहार में भूकंप के झटके
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, 17 फरवरी, 2025 को बिहार के सिवान में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS):
- यह भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिये ज़िम्मेदार एजेंसी है।
- यह देशभर में भूकंपीय वेधशालाओं का एक नेटवर्क संचालित करता है तथा भूकंप और सुनामी पर वास्तविक समय का डेटा और सूचना प्रदान करता है।
- यह जनता को भूकंप संबंधी अलर्ट और अपडेट प्रदान करने के लिये BhooKamp नामक एक वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी चलाता है।
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उत्तर प्रदेश Switch to English
काशी तमिल संगमम
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वाराणसी में काशी तमिल संगमम के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया। यह विशिष्ट आयोजन भारत की सांस्कृतिक नींव को उजागर करता है और काशी और तमिलनाडु के बीच साझा भावनात्मक और रचनात्मक बंधन पर ज़ोर देता है।
मुख्य बिंदु
- प्रेरणा और दृष्टि:
- संगमम 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत (One India, Excellent India)' के दृष्टिकोण से प्रेरित है।
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह आयोजन एक भव्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहल का हिस्सा है जिसका उद्देश्य इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।
- यह आयोजन भव्य महाकुंभ 2025 समारोह के साथ एकीकृत है, जो सदियों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाएगा और काशी तमिल संगमम के माध्यम से भारत को एकजुट करने के दृष्टिकोण को मज़बूत करेगा।
- काशी, कुंभ और अयोध्या का महत्त्व:
- यह सम्मेलन विशेष महत्त्व रखता है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद यह पहला सम्मेलन है।
- प्रतिनिधियों को काशी, कुंभ और अयोध्या की महानता का अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा।
- मुख्यमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिकता के केंद्र के रूप में काशी के ऐतिहासिक महत्त्व पर ज़ोर दिया और तमिल साहित्य की विरासत की प्रशंसा की।
- यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को इस अमूल्य विरासत से पुनः जोड़ता है।
- '4S' का विषय:
- इस वर्ष का संगमम '4S' विषय पर केंद्रित है, जो भारत की संत परंपरा (Saint Tradition), वैज्ञानिकों (Scientists), समाज सुधारकों (Social Reformers)और छात्रों (Students) को एकजुट करता है।
- इस विषय की प्रेरणा महर्षि अगस्त्य से ली गई है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सेतु का काम करने वाले ऋषि थे।
- काशी तमिल संगमम उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों के बीच संवाद का एक प्रभावी मंच बन गया है।
- संगीत, विरासत और भक्ति:
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह उत्सव गंगा के तट पर संगीत, विरासत और भक्ति को एक साथ पिरोता है।
- उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकास और विरासत को साथ-साथ चलना चाहिये।
- केंद्र सरकार की पहल:
- प्राचीन ग्रंथों को डिजिटल बनाने तथा अनुसंधान के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करने के लिये भारतीय ज्ञान प्रणाली के राष्ट्रीय डिजिटल भंडार की स्थापना जैसी पहलों पर प्रकाश डाला गया।
- भारतीय भाषा पुस्तक योजना, जो पाठ्यपुस्तकों का 22 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करेगी, छात्रों के लिये "डिजिटल महाकुंभ" का निर्माण करेगी।
काशी तमिल संगमम का महत्त्व
- काशी (उत्तर प्रदेश) और तमिलनाडु के बीच प्राचीन संबंध 15वीं शताब्दी से चला आ रहा है, जब मदुरै के आसपास के क्षेत्र के शासक राजा पराक्रम पांड्या अपने मंदिर के लिये शिवलिंग लाने के लिये काशी आए थे।
- लौटते समय वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिये रुके- लेकिन जब उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखने की कोशिश की, तो शिवलिंग को ले जाने वाली गाय ने आगे बढ़ने से मना कर दिया।
- पराक्रम पांड्या ने इसे भगवान की इच्छा समझा और वहाँ शिवलिंग स्थापित कर दिया, वह स्थान तमिलनाडु में शिवकाशी के नाम से जाना गया।
- जो भक्त काशी नहीं जा सकते थे, उनके लिये पांड्यों ने दक्षिण-पश्चिमी तमिलनाडु के तेनकाशी नामक स्थान पर काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया था, जो केरल के साथ राज्य की सीमा के समीप है।
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राजस्थान Switch to English
कोटा में अमोनिया गैस रिसाव
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के कोटा ज़िले के गड़ेपान गाँव के पास चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (CFCL) प्लांट से अमोनिया गैस लीक हो गई। इस गैस के रिसाव से सरकारी स्कूल के छात्र बीमार पड़ गए, बच्चों ने गैस की तेज़, दम घुटने वाली गंध के कारण जी मिचलाने और बेहोश होने की शिकायत की।
मुख्य बिंदु
- गैस रिसाव का प्रभाव:
- गैस रिसाव से स्कूल परिसर में पानी भरने गए छात्रों पर असर पड़ा, जिनमें से कुछ ने सांस लेने में तकलीफ और पेट दर्द की शिकायत की।
- स्कूल और CFCL फैक्ट्री की सीमाएँ एक-दूसरे से मिलती हैं, जिससे संभवतः यह जोखिम बढ़ा है।
- छात्रों की हालत बिगड़ने पर स्कूल स्टाफ ने उन्हें तुरंत अपने वाहनों से अस्पताल पहुँचाया।
- एहतियाती उपाय:
- घटना के बाद एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिया गया और बच्चों को घर भेज दिया गया, जिससे गाँव में दहशत फैल गई।
- लोकसभा अध्यक्ष और स्थानीय अधिकारियों ने प्रभावित छात्रों का हालचाल जानने के लिये अस्पताल का दौरा किया
अमोनिया गैस (NH3)
- परिचय:
- यह नाइट्रोजन और हाइड्रोजन का यौगिक है।
- यह एक रंगहीन गैस है जिसकी गंध तीखी और तीव्र होती है।
- अमोनिया अत्यधिक क्रियाशील और घुलनशील क्षारीय गैस है।
- उत्पादन का तरीका:
- प्राकृतिक:
- जीवाणु प्रक्रियाओं के माध्यम से मिट्टी में उत्पादित।
- पौधों, जानवरों और पशु अपशिष्ट सहित कार्बनिक पदार्थों के अपघटन के दौरान उत्पन्न।
- आंतों में उपस्थित बैक्टीरिया भी अमोनिया उत्पन्न करते हैं तथा इसकी एक छोटी मात्रा बिजली गिरने से उत्पन्न होती है।
- व्यावसायिक:
- प्राकृतिक गैस के भाप सुधार और कोयला गैसीकरण के माध्यम से उत्पादित।
- प्राकृतिक:
- उपयोग:
- इसका उपयोग यूरिया जैसे नाइट्रोजन यौगिकों के उत्पादन के लिये किया जाता है, जो उर्वरकों में नाइट्रोजन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला स्रोत है।
- फसलों, घास और पौधों के लिये मृदा पर सीधे उपयोग किया जाता है।
- विभिन्न सफाई उत्पादों में उपयोग किया जाता है।
- अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट और विभिन्न अमोनियम फॉस्फेट जैसे यौगिक बनाता है।
- विस्फोटकों के निर्माण में उपयोग किया जाता है .
- प्रशीतन और शीतलन प्रणालियों में उपयोग किया जाता है।
- प्रभाव:
- पौधे:
- पत्तियों को प्रत्यक्ष विषाक्त क्षति पहुँचाता है।
- पौधों की पाले, सूखे और रोगजनकों (जिनमें कीट और आक्रामक प्रजातियाँ शामिल हैं) के प्रति संवेदनशीलता में परिवर्तन होता है।
- स्वास्थ्य जोखिम:
- कम सांद्रता के संपर्क में लंबे समय तक रहने या उच्च सांद्रता के संपर्क में अल्पावधि रहने से श्वसन के कारण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- लक्षणों में नाक, गले में जलन और श्वसन पथ में जलन शामिल हो सकती है।
- पौधे:
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