संसद टीवी: भारतीय वायु सेना दिवस की 92वीं वर्षगाँठ | 14 Oct 2024

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय वायु सेना दिवस, ऑपरेशन विजय (1961), ऑपरेशन मेघदूत, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड

मेन्स के लिये:

भारत के सुरक्षा ढाँचे में भारतीय वायु सेना की भूमिका: प्रमुख संचालन, उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ 

चर्चा में क्यों?

प्रत्येक वर्ष 8 अक्तूबर को भारत देश के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों और पायलटों के सम्मान में भारतीय वायु सेना दिवस मनाता है। वर्ष 2024 में भारतीय वायु सेना (IAF) की 92वीं वर्षगाँठ थी, जो देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को मान्यता प्रदान करती है। 

भारतीय वायु सेना के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • इतिहास और उत्पत्ति:
    • भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश शासन के तहत एक सहायक बल के रूप में की गई थी और शुरुआत में इसमें कुछ ही विमान तथा कार्मिक शामिल थे।
      • पिछले कुछ दशकों में, यह विश्व की सबसे दुर्जेय वायु सेनाओं में से एक बन गई है, जिसने विभिन्न सैन्य अभियानों और मानवीय मिशनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • इसकी पहली आधिकारिक उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को हुई, जो इसके परिचालन यात्रा की शुरुआत थी।
    • 1 अप्रैल, 1954 को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा भारतीय वायुसेना को राष्ट्रपति के ध्वज (सम्मान) प्रदान किये गए थे।
      • ये रंग राष्ट्र के लिये भारतीय वायुसेना की उत्कृष्ट सेवा के सम्मान और मान्यता का प्रतीक हैं।
  • परिचय:
    • भारत का राष्ट्रपति सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर है।
    • भारतीय वायु सेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है।
    • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
    • भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य है: महिमा के साथ आकाश को स्पर्श करना।
    • वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वायु सेना की परिचालन कमान के लिये ज़िम्मेदार होता है।
  • भारतीय वायु सेना दिवस:
    • थीम: भारतीय वायु सेना दिवस 2024 की थीम है "भारतीय वायु सेना: सक्षम, शक्तिशाली, आत्मनिर्भर (Indian Air Force: Potent, Powerful, Self-Reliant)।"
      • यह थीम भारतीय वायुसेना की आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता पर ज़ोर देती है, जो एक मज़बूत रक्षा क्षमता के लिये भारत के दृष्टिकोण को दर्शाती है तथा यह अवसर वर्ष 1932 में भारतीय वायुसेना की स्थापना के बाद से प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 
  • महत्त्व: भारतीय वायुसेना एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है जो राष्ट्र की सुरक्षा में अपने कर्मियों के बलिदान और समर्पण को मान्यता देती है। 
  • भारतीय वायुसेना के महत्त्वपूर्ण ऑपरेशन:

भारतीय वायु सेना की कुछ उपलब्धियाँ क्या हैं?

  • आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता:
  • मेक इन इंडिया पहल: 
    • भारतीय वायुसेना स्वदेशी विनिर्माण को समर्थन देने के लिये MSME, स्टार्टअप्स, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और शिक्षा जगत के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है, जिससे रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता बढ़ी है।
  • परिचालन तत्परता: 
    • IAF ने महत्त्वपूर्ण अभ्यासों के माध्यम से अपनी परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन किया जैसे:
      • पोकरण रेंज में वायु शक्ति अभ्यास, जिसमें हथियारों को सटीक रूप से पहुँचाने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया।
    • वायु सेना स्तरीय अभ्यास गगन, जिससे IAF को लगभग परिचालन वातावरण में अभ्यास करने का मौका मिला।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
  • मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR):
    • भारतीय वायुसेना मानवीय संकटों में प्रथम प्रतिक्रियाकर्त्ता रही है तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करती रही है:
      • बाढ़ राहत कार्य संचालित किये तथा वनाग्नि की स्थिति का प्रबंधन किया।
      • कई देशों में लोगों को सफलतापूर्वक निकाला और आपदा राहत प्रदान की।
      • उल्लेखनीय उपलब्धि में मार्च 2024 में व्यापारिक जहाज़ MV रुएन का बचाव शामिल है, जो रणनीतिक परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन करता है।
  • नये कार्मिकों का एकीकरण:
    • अग्निवीरों का भारतीय वायु सेना संरचना में निर्बाध एकीकरण आधुनिक कार्मिक प्रबंधन और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
      • प्रथम अग्निवीर महिला ड्रिल टीम का गठन भारतीय वायुसेना के समावेशिता और उत्कृष्टता पर फोकस को दर्शाता है।  
  • प्रौद्योगिकी प्रगति:
    • साइबर वारफेयर, हाइपरसोनिक प्रणाली और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी नई-युग की प्रौद्योगिकियों पर ज़ोर, भारतीय वायुसेना को भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के लिये तैयार करना।
    • आधुनिकीकरण के प्रयास यह सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय वायुसेना बहु-क्षेत्रीय परिचालन वातावरण में एक विश्वसनीय निवारक बनी रहे।

भारतीय वायु सेना का महत्त्व क्या है?

  • राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा:
    • वायु श्रेष्ठता: भारतीय वायुसेना वायु श्रेष्ठता बनाए रखने और संभावित खतरों से भारत के हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।  
    • स्वदेशी विमानों और उन्नत हथियार प्रणालियों को शामिल करने सहित इसके आधुनिकीकरण प्रयासों से शत्रुओं को रोकने तथा सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने की इसकी क्षमता में वृद्धि होती है।
  • परिचालन तत्परता: 
    • वायु शक्ति और गगन जैसे अभ्यास करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता विभिन्न युद्ध परिदृश्यों के लिये इसकी तैयारी को दर्शाती है तथा किसी भी आक्रमण का त्वरित प्रत्युत्तर सुनिश्चित करती है।  
  • स्वदेशी विकास और आत्मनिर्भरता:
    • भारतीय वायुसेना स्वदेशी विकास पर अपने मज़बूत फोकस के माध्यम से भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है।  
      • भारतीय वायुसेना न केवल विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम करती है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में नवाचार को भी बढ़ावा देती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध और सहयोग:
    • वैश्विक सहभागिता: बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भागीदारी अन्य देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करती है तथा वैश्विक सुरक्षा एवं स्थिरता के प्रति भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
    • मानवीय सहायता: अंतर्राष्ट्रीय आपदा राहत और मानवीय मिशनों में भारतीय वायुसेना की भूमिका भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाती है, जो ज़रूरतमंद देशों की सहायता करने और राजनयिक संबंधों को मज़बूत करने के लिये उसकी तत्परता को प्रदर्शित करती है।

निष्कर्ष

भारतीय वायु सेना राष्ट्रीय सुरक्षा की आधारशिला है, जो इसके कर्मियों की प्रतिबद्धता और वीरता को दर्शाती है। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इसकी विरासत भविष्य की पीढ़ियों को राष्ट्र का सम्मान करने और उसकी सेवा करने के लिये प्रेरित करती है। जैसे-जैसे भारत विकसित होता जा रहा है, भारतीय वायुसेना अपनी रक्षा रणनीति का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व बनी हुई है, जो आकाश की सुरक्षा के लिये लचीलेपन और समर्पण की भावना को मूर्त रूप देती है।