रैपिड फायर
ऑपरेशन मेघदूत
- 19 Apr 2024
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स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में ऑपरेशन मेघदूत ने अपनी 40वीं वर्षगाँठ पूरी की है जो उत्तरी लद्दाख क्षेत्र पर अपने प्रभुत्व को सुरक्षित करने के लिये सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) की उपलब्धियों को प्रकट करता है।
- इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के जवानों और भारतीय वायुसेना द्वारा आपूर्ति एयरलिफ्ट करना और उन्हें सियाचिन ग्लेशियर पर छोड़ना शामिल था।
- जुलाई 1949 में कराची समझौते के बाद से सियाचिन ग्लेशियर विवाद का विषय बना हुआ है। बाद में करने1980 के दशक के दौरान पाकिस्तान ने सियाचिन ग्लेशियर पर अपने दावे को वैधता प्रदान करने के प्रयास शुरू कर दिये, जिसके परिणामस्वरूप भारत द्वारा ऑपरेशन मेघदूत चलाया गया।
- ऑपरेशन मेघदूत 13 अप्रैल, 1984 को शुरू किया गया था, जब भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) उत्तरी लद्दाख क्षेत्र की चोटियों को सुरक्षित करने के लिये सियाचिन ग्लेशियर तक आगे बढ़ गई थी।
- इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप भारत का 70 किलोमीटर लंबे सियाचिन ग्लेशियर और उसके सभी सहायक ग्लेशियरों, साथ ही साल्टोरो रिज के तीन मुख्य दर्रों अर्थात् सिया ला, बिलाफोंड ला और ग्योंग ला पर कब्ज़ा हो गया।
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