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डेली न्यूज़


भारतीय इतिहास

गोवा का मुक्ति संग्राम

  • 16 Feb 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गोवा का मुक्ति संघर्ष, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), ऑपरेशन विजय।

मेन्स के लिये:

स्वतंत्रता के बाद भारत का एकीकरण, गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गोवा के चुनाव में राजनीतिक अभियान के दौरान गोवा की मुक्ति एक विवादास्पद विषय बन गया।

  • 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होने के 15 वर्ष बाद वर्ष 1962 में गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया गया था। 1947 के तुरंत बाद गोवा के स्वतंत्र नहीं होने के कई जटिल कारक हैं।
  • गोवा को 19 दिसंबर, 1961 (गोवा का राज्य दिवस) को तीव्र भारतीय सैन्य कार्रवाई द्वारा मुक्त कराया  गया था जो दो दिनों से भी कम समय तक चली थी।

Goa

गोवा के भारतीय संघ में एकीकरण की समय रेखा:

  • वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत और पुर्तगाल के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण ढंग से शुरू हुए तथा वर्ष 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए।
  • हालाँकि भारत के पश्चिमी तट पर गोवा, दमन और दीव, दादरा एवं नगर हवेली के अपने परिक्षेत्रों के आत्मसमर्पण करने से पुर्तगाल के इनकार के बाद वर्ष 1950 में द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट आई।
    • दमन और दीव, दादरा एवं नगर हवेली को वर्ष 1961 में भारतीय मुख्य भूमि के साथ मिला लिया गया।
  • पुर्तगाल ने वर्ष 1951 में गोवा को एक औपनिवेशिक अधिकार क्षेत्र के रूप में नहीं, बल्कि एक विदेशी प्रांत के रूप में दावा करने के लिये अपने संविधान में परिवर्तन कर दिया। 
    • इस कदम का उद्देश्य स्पष्ट रूप से गोवा को नवगठित उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सैन्य गठबंधन का हिस्सा बनाना था।
    • इसका उद्देश्य भारत द्वारा हमले की स्थिति में संधि के सामूहिक सुरक्षा खंड को लागू करना था।
  • वर्ष 1955 तक दोनों राष्ट्रों के राजनयिक संबंधों पर संकट छाया रहा, जिससे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई और इसने भारतीय सैन्य बलों द्वारा गोवा की मुक्ति की शुरुआत की एवं वर्ष 1961 में भारतीय परिक्षेत्रों पर पुर्तगाली शासन को समाप्त कर दिया।
  • वर्ष 1961 में पुर्तगालियों के साथ राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन विजय चलाकर 19 दिसंबर को दमन और दीव तथा गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ मिला लिया गया।
  • इसने गोवा में पुर्तगाली विदेशी प्रांतीय शासन के 451 वर्षों का अंत कर दिया।

गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास:

  • वर्ष 1510 में गोवा एक पुर्तगाली उपनिवेश बन गया, जब एडमिरल ‘अल्फांसो द अल्बुकर्क’ ने जियापुर के सुल्तान युसूफ आदिल शाह की सेना को हराया।
  • बीसवीं सदी के अंत तक गोवा में पुर्तगाल के औपनिवेशिक शासन के विरोध में राष्ट्रवादी भावना का उद्गम शुरू हो गया था, जो कि शेष भारत में ब्रिटिश विरोधी राष्ट्रवादी आंदोलन के अनुरूप था।
  • वर्ष 1946 में समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने गोवा में एक ऐतिहासिक रैली का नेतृत्व किया जिसमें नागरिक स्वतंत्रता और भारत के साथ अंतिम एकीकरण का आह्वान किया गया, यह गोवा के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्त्वपूर्ण क्षण बन गया।
  • तत्कालीन आज़ाद गोमांतक दल (AGD) ने अनुसार, शांतिपूर्ण तरीकों से नागरिक स्वतंत्रता नहीं प्राप्त की जा सकती और इसके लिये आक्रामक सशस्त्र संघर्ष की आवश्यकता थी। 
  • जैसे-जैसे भारत स्वतंत्रता की ओर बढ़ा, यह स्पष्ट हो गया था कि गोवा जल्द ही मुक्त नहीं होगा, क्योंकि कई तरह के जटिल कारक थे:
    • विभाजन का आघात।
    • पाकिस्तान के साथ युद्ध का अनुभव।
    • भारत खुद को एक शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में प्रदर्शित करना चाहता था।
    • पुर्तगाल के नाटो का सदस्य होने के नाते।
  • इन कारकों ने भारत सरकार को एक और मोर्चा खोलने से रोक दिया जिसमें अंतर्राष्ट्रीय समुदाय शामिल हो सके।
  • इसके अलावा महात्मा गांधी की राय थी कि लोगों की चेतना को जागृत करने के लिये गोवा में अभी भी बहुत अधिक ज़मीनी कार्य करने की आवश्यकता है और यहाँ उभर रही विविध राजनीतिक आवाज़ों को पहले एक प्रमुख नेतृत्त्वकर्त्ता के अंतर्गत लाया जाना चाहिये।
  • गोवा में स्वतंत्रता के लिये लड़ने वाले समूहों (सत्याग्रह बनाम सैन्य कार्रवाई) के भीतर द्वंद्व के कारण भी गोवा की मुक्ति में देरी हुई।
    • सत्याग्रह के विचार ने सत्य की शक्ति और सत्य की खोज की आवश्यकता पर बल दिया।
    • इनका मानना था कि यदि कारण सही हो और संघर्ष अन्याय के खिलाफ हो तो उत्पीड़क से लड़ने के लिये शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं होती है।

गोवा:

  • अवस्थिति: गोवा, भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर कोंकण क्षेत्र में स्थित है और भौगोलिक रूप से दक्कन उच्च भूमि से पश्चिमी घाट द्वारा अलग होता है।
  • राजधानी: पणजी
  • आधिकारिक भाषा: कोंकणी 
    • कोंकणी, आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से एक है।
    • इसे वर्ष 1992 के 71वें संशोधन अधिनियम द्वारा मणिपुरी और नेपाली भाषा के साथ आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था।
  • सीमा: यह उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व और दक्षिण में कर्नाटक से घिरा हुआ है तथा अरब सागर इसके पश्चिमी तट पर है।
  • भूगोल:
    • गोवा का उच्चतम बिंदु सोंसोगोर (Sonsogor) है।
    • गोवा के उत्तर में तेरेखोल नदी बहती है जो गोवा को महाराष्ट्र से अलग करती है, राज्य की अन्य प्रमुख नदियों में मांडवी, जुआरी, चपोरा, रखोल, गलगिबाग, कुम्बरजुआ नहर, तलपोना और साल आदि शामिल हैं।
    • गोवा की अधिकांश मृदा आवरण लैटेराइट युक्त है।
  • वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान:

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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