Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 अगस्त, 2023 | 17 Aug 2023
रेल मंत्रालय की 7 मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को CCEA की मंज़ूरी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs- CCEA) ने रेल मंत्रालय की सात परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
- मल्टी-ट्रैकिंग के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी तथा भीड़भाड़ कम होगी, जिससे भारतीय रेलवे (Indian Railways) के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढाँचागत विकास सुनिश्चित होगा।
- 9 राज्यों के 35 ज़िलों को कवर करने वाली परियोजनाएँ मौजूदा भारतीय रेलवे नेटवर्क को 2339 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी तथा इन राज्यों के लोगों के लिये लगभग 7.06 करोड़ मानव-दिवस रोज़गार सृजित करेंगी।
- ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा तथा तैयार स्टील, क्लिंकर, कच्चे तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं के परिवहन के लिये आवश्यक मार्ग प्रदान करेंगे।
- ये परियोजनाएँ जलवायु लक्ष्यों को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता तथा एक बहुमुखी कार्यबल बनाने, रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के साथ संरेखित हैं।
- ये परियोजनाएँ पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PM-Gati Shakti National Master Plan) का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से लोगों, वस्तुओं एवं सेवाओं के लिये निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करती है।
पारस्परिक मान्यता व्यवस्था को कैबिनेट की मंज़ूरी
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC), राजस्व विभाग, भारत सरकार तथा ऑस्ट्रेलियाई सरकार के ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल को सम्मिलित करने वाले गृह मामलों के विभाग के बीच पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (MRA) को मंज़ूरी दे दी है।
- इस महत्त्वपूर्ण समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के लाइसेंस प्राप्त और विश्वसनीय निर्यातकों को सीमा शुल्क के माध्यम से उत्पादों की त्वरित निकासी में पारस्परिक पहुँचाना है।
- MRA व्यापार सुविधा में सुधार करते हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुरक्षा को बढ़ावा देता है क्योंकि यह विश्व सीमा शुल्क संगठन के मानकों के सुरक्षा ढाँचे के अनुरूप है।
- इस व्यवस्था का उद्देश्य ऑस्ट्रेलियन ट्रस्टेड ट्रेडर प्रोग्राम और भारतीय अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर कार्यक्रम को पारस्परिक मान्यता के तहत लाकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है।
टिटिकाका झील
टिटिकाका झील जलवायु परिवर्तन और सूखे के कारण गंभीर खतरे का सामना कर रही है। यह दक्षिण अमेरिका की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।
- यह झील बोलीविया और पेरू के बीच की सीमा पर स्थित है, इसका जल स्तर लगभग रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया है।
- वर्षा की कमी और बढ़ते तापमान के कारण वाष्पीकरण में वृद्धि की वजह से इस झील का प्रवाह और आयतन कम हो गया है।
- इसके परिणामस्वरूप नावें फँस जाती हैं तथा मछलियों की आबादी कम हो गई है।
- यह झील पौधों और जानवरों की 500 से अधिक प्रजातियों का वास स्थल है, जिनमें से कुछ स्थानिक और लुप्तप्राय हैं।
'कूसिना माने' पहल के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना
कर्नाटक की 'कूसिना माने' पहल, जिसे वर्ष 2023-24 के बज़ट में पेश किया गया है, यह महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी को बढ़ाने और लैंगिक असमानताओं को दूर करने की दिशा में एक प्रगतिशील विकास का प्रतीक है।
- इस पहल का उद्देश्य 4,000 ग्राम पंचायतों में बाल देखभाल केंद्र स्थापित करना है, जो मनरेगा के तहत कामकाज़ी माताओं और आसपास के अन्य लोगों की सहायता करेगा।
- यह बच्चों की देखभाल के उत्तरदायित्व को पुनर्वितरित करके संभावित रूप से निरंतर रोज़गार और अपस्किलिंग को सक्षम करके महिलाओं के समक्ष आने वाले "तीन गुने बोझ" को संबोधित करता है।
- यह 'मातृत्व दंड' के मुद्दे को संबोधित करेगा, जिसे महिलाओं के श्रम बल से पृथक रहने का मूल कारण माना जाता है।
और पढ़ें… मनरेगा, लैंगिक असमानता
यूक्रेन के अनाज व्यापार में सुलिना चैनल की महत्त्वपूर्ण भूमिका
- रात में ड्रोन हमलों के परिणामस्वरुप रूस ने यूक्रेन की डेन्यूब नदी के किनारे स्थित बंदरगाहों और अनाज भंडारण स्थलों पर हमले करने का निर्देश दिया है।
- यूक्रेन, जिसे "ब्रेडबास्केट ऑफ यूरोप" के रूप में जाना जाता है,की अर्थव्यवस्था कृषि उत्पादों के निर्यात पर काफी निर्भर करती है।
- डेन्यूब नदी यूरोप की दूसरी सबसे लंबी नदी है जो दस देशों से होकर बहती है और इस क्षेत्र के लिये एक प्रमुख परिवहन मार्ग एवं प्राकृतिक संसाधन दाता के रूप में काम करती है।
- ब्लैक सी ग्रेन पहल समझौते से रूस के हाल ही में अलग होने के बाद, यूक्रेन ने अनाज ले जाने के लिये डेन्यूब डेल्टा को अपने नए मार्ग के रूप में अपनाया।
- सुलिना चैनल इस "नए" व्यापार मार्ग का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह डेन्यूब नदी की 63 किमी लंबी शाखा है जो महत्त्वपूर्ण यूक्रेनी बंदरगाहों को काला सागर से जोड़ती है। यह चैनल पूरी तरह से रोमानिया की सीमा के अंदर है।
और पढ़ें…रूस-यूक्रेन संघर्ष
भारत और WHO डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल शुरू करेंगे:
- भारत सरकर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) गुजरात के गांधीनगर में चल रहे G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल की शुरुआत करेंगे।
- यह वैश्विक पहल स्वास्थ्य डेटा को एक साथ लाने, स्वास्थ्य प्लेटफार्मों को जोड़ने एवं विश्व में डिजिटल स्वास्थ्य में निवेश पर केंद्रित है।
- शिखर सम्मेलन का लक्ष्य एक महत्त्वपूर्ण अंतरिम मेडिकल काउंटरमेज़र (MCM) स्थापित करना भी है। इसमें भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तैयार रहने के लिये 'नेटवर्क का नेटवर्क दृष्टिकोण' शामिल है।
- विश्वव्यापी डिजिटल प्लेटफॉर्म के तीन मुख्य भाग होंगे:
- एक निवेश ट्रैकर।
- एक आस्क ट्रैकर (यह पता लगाने के लिये कि विभिन्न लोगों को किन उत्पादों और सेवाओं की आवश्यकता है।)
- मौजूदा डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफार्मों का एक संग्रह।
- डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और समाधान सार्वभौमिक स्वास्थ्य अभिसरण में सहायता करेंगे तथा साथ ही स्वास्थ्य सेवा वितरण में भी सुधार करेंगे।
और पढ़ें… राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन