स्ट्रीट वेंडर्स का कौशल संवर्द्धन | 01 Dec 2021
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि, PMKVY, मुद्रा योजना, विश्व युवा कौशल दिवस मेन्स के लिये:स्ट्रीट वेंडर्स की अपस्किलिंग : महत्त्व एवं उद्देश्य |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) 3.0 के रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (RPL) घटक के तहत दिल्ली में 2,500 स्ट्रीट फूड वेंडर्स को प्रशिक्षित करने के लिये एक पायलट परियोजना की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- यह परियोजना पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र कौशल परिषद (THSSC) तथा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के प्रशिक्षण भागीदारों द्वारा कार्यान्वित की जाएगी
- पंजीकृत स्ट्रीट फूड वेंडर्स चार-पाँच दिनों के परामर्श सत्रों से गुज़रेंगे, जहाँ वे अपनी दक्षता, योग्यता, रुचियों, अवसरों और यात्रा कार्यक्रम की संरचना के बारे में स्पष्टता प्राप्त करेंगे।
- विक्रेताओं को स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों, कोविड -19 प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा प्रावधानों, कर्मचारियों और ग्राहकों के साथ प्रभावी संचार तकनीक, नए जमाने के कौशल जैसे डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल भुगतान व ई-सेलिंग के क्षेत्र में शिक्षित किया जाएगा।
- मुद्रा योजना के तहत वेंडरों को भी ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
- यह विक्रेताओं को ई-कार्ट लाइसेंस के लिये योग्य बनाएगा, उन्हें भोजन तैयार करने और वेंडिंग के सौंदर्यशास्त्र में स्वच्छता की स्थिति में सुधार करना सिखाया जाएगा। साथ ही चार दिन के प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपए दिये जाएंगे।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य स्ट्रीट फूड वेंडर्स को प्रासंगिक कौशल प्रदान करना है, जिससे उपभोक्ताओं के लिये बेहतर सेवाएँ, राजस्व सृजन के अधिक अवसर और नागरिक नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- महत्त्व:
- भारत में लगभग 5.5 मिलियन स्ट्रीट फूड वेंडर्स हैं, जो अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में लगभग 14% का योगदान करते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में उनका कौशल महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
- यह निश्चित रूप से कार्यबल की कामकाजी और जीविका की स्थिति को ऊपर उठाने में मदद करेगा।
- यह पूर्वी दिल्ली में 4,000 विक्रेताओं और राष्ट्रीय स्तर पर 25 लाख स्ट्रीट वेंडरों को सामाजिक सुरक्षा और बचाव प्रदान करेगा।
- खाद्य विक्रेताओं से संबंधित अन्य योजनाएँ:
- पीएम स्वानिधि योजना
- मैं भी डिजिटल (me too digital)
- स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का नियमन) अधिनियम, 2014
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में:
- PMKVY को 2015 में स्किल इंडिया मिशन (Skill India Mission) के तहत लॉन्च किया गया था।
- इसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक भारत में 40 करोड़ से अधिक लोगों को विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित करना है।
- इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को समाज में बेहतर आजीविका और सम्मान के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण व प्रमाणन प्रदान करना है।
- PMKVY-1.0:
- प्रारंभ: भारत की सबसे बड़ी कौशल प्रमाणन योजना ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ 15 जुलाई, 2015 (विश्व युवा कौशल दिवस) को शुरू की गई थी।
- उद्देश्य: युवाओं को मुफ्त लघु अवधि का कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना एवं मौद्रिक पुरस्कार के माध्यम से कौशल विकास को प्रोत्साहित करना।
- कार्यान्वयन: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा PMKVY का कार्यान्वयन किया गया है।
- मुख्य घटक: लघु अवधि का प्रशिक्षण, विशेष परियोजनाएँ, पूर्व शिक्षण को मान्यता, कौशल और रोज़गार मेला आदि
- PMKVY 2.0 (2016-20):
- क्षेत्रक (Sector) और भूगोल (Geography) दोनों के संदर्भ में तथा भारत सरकार के अन्य मिशनों जैसे- मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत आदि के साथ अधिक संरेखण द्वारा शुरू किया गया।
- PMKVY 1.0 और PMKVY 2.0 के तहत देश में एक बेहतर मानकीकृत कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से 1.2 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
- PMKVY 3.0:
- इसे 28 राज्यों/आठ केंद्रशासित प्रदेशों के 717 ज़िलों में लॉन्च किया गया, PMKVY 3.0 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- यह योजना 948.90 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2020-2021 की योजना अवधि में आठ लाख उम्मीदवारों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की परिकल्पना करती है।
- वर्तमान युग और उद्योग 4.0 ने कौशल विकास को बढ़ावा देकर मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने पर ध्यान केंद्रित किया है।
RPL कार्यक्रम:
- इसे राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य कौशल विकास कार्यक्रमों की बेहतर योजना और कार्यान्वयन हेतु विकेंद्रीकरण एवं स्थानीय शासन को बढ़ावा देना है।
- यह एक औपचारिक व्यवस्था के बाहर रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग है और व्यक्ति को उसके कौशल हेतु सरकारी प्रमाणपत्र प्रदान करता है।