शासन व्यवस्था
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण- II
- 09 Jun 2021
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चर्चा में क्यों?
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM (G)] चरण- II कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न चुनौतियों के बीच लगातार प्रगति कर रहा है, जिसमें 1249 गाँवों को ODF (खुले में शौच मुक्त) प्लस घोषित किया गया है।
- SBM (G) चरण- II को फरवरी 2020 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था।
प्रमुख बिंदु
SBM (G) चरण- II के बारे में:
- यह चरण I के तहत प्राप्त की गई उपलब्धियों की स्थिरता और ग्रामीण भारत में ठोस/तरल और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिये पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करने पर ज़ोर देता है।
- कार्यान्वयन: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- II को वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि के लिये 1,40,881 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ एक मिशन के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
- फंडिंग पैटर्न और मानदंड: केंद्र और राज्यों के बीच सभी घटकों के लिये फंड शेयरिंग का अनुपात पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के लिये 90:10, अन्य राज्यों के लिये 60:40 और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100 होगा।
- SLWM के लिये निधिकरण मानदंडों को युक्तिसंगत बनाया गया है और परिवारों की संख्या के स्थान पर प्रति व्यक्ति आधार पर परिवर्तित किया गया है।
- ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की निगरानी निम्नलिखित चार संकेतकों के आधार पर की जाएगी-
- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन
- जैव अपघटित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (जिसमें पशु अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है)
- धूसर जल प्रबंधन
- मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन
- महत्त्व:
- ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत बुनियादी ढाँचों जैसे कि खाद के गड्ढे, सोखने वाले गड्ढे, अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब, शोधन संयंत्र आदि का भी निर्माण किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के इस चरण में घरेलू शौचालय एवं सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से रोज़गार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन प्रदान करना जारी रहेगा।
- यह ग्रामीण भारत को ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करेगा और देश में ग्रामीणों के स्वास्थ्य में पर्याप्त सुधार में मदद करेगा।
स्वच्छ भारत मिशन (जी) चरण- I:
- भारत में 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शुरुआत के समय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 38.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
- इस मिशन के अंतर्गत 10 करोड़ से ज़्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया जिसके परिमाणस्वरूप सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वयं को 2 अक्तूबर, 2019 को ODF घोषित कर दिया।
SBM के हिस्से के रूप में अन्य योजनाएँ:
- गोबर-धन (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan- GOBAR-DHAN) योजना: इसे वर्ष 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य गाँवों को स्वच्छ रखना, ग्रामीण घरों की आय बढ़ाना और मवेशियों द्वारा उत्पन्न कचरे से ऊर्जा का उत्पादन करना है।
- व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL): SBM के तहत लोगों को शौचालय निर्माण के लिये लगभग 15 हज़ार रुपए मिलते हैं।
- स्वच्छ विद्यालय अभियान: शिक्षा मंत्रालय ने एक वर्ष के भीतर सभी सरकारी स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिये अलग-अलग शौचालय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम शुरू किया।
आगे की राह
- महामारी ने बड़े पैमाने पर इस देश के लोगों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिये जागरूकता का प्रसार किया जाना चाहिये।
- 15वें वित्त आयोग द्वारा जल और स्वच्छता क्षेत्रों के लिये किये गए वर्ष 2021-25 में 1.42 लाख करोड़ रुपए के ऐतिहासिक आवंटन को ग्राम पंचायतों के लिये गेम चेंजर कहा गया है।
- 15वें वित्त आयोग द्वारा जल और स्वच्छता क्षेत्र के लिये वर्ष 2021-25 की समयावधि में 1.42 लाख करोड़ रुपए के ऐतिहासिक आवंटन की प्रशंसा की गई और इसे ग्राम पंचायतों के लिये गेम चेंजर बताया गया।