शासन व्यवस्था
विश्व युवा कौशल दिवस
- 16 Jul 2021
- 10 min read
प्रिलिम्स के लियेविश्व युवा कौशल दिवस, इंचियोन घोषणा, जन शिक्षण संस्थान, संयुक्त राष्ट्र महासभा मेन्स के लियेमानव संसाधन में कौशल विकास की आवश्यकता |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया गया, यह प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को मनाया जाता है।
- इसे वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) द्वारा नामित किया गया था।
प्रमुख बिंदु
विश्व युवा कौशल दिवस के विषय में:
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य विश्व के युवाओं को रोज़गार, काम और उद्यमिता के लिये आवश्यक कौशल प्रदान करना है।
- इंचियोन घोषणा: एजुकेशन 2030 मिशन (Incheon Declaration: Education 2030) जो मुख्यतः तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, की प्राप्ति करना।"
- यह दृष्टिकोण सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal)-4 द्वारा पूरी तरह से धारण कर लिया गया है, जिसका उद्देश्य "समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना तथा सभी के लिये आजीवन अवसरों को बढ़ावा देना है”।
- लैंगिक असमानता को दूर करने के लिये।
- वर्ष 2021 की थीम:
- 'युवा कौशल पोस्ट-महामारी की पुनर्कल्पना' (Reimagining Youth Skills Post-Pandemic)।
कोविड-19 के दौरान युवा रोज़गार और स्कूलों की स्थिति:
- यूनेस्को (UNESCO) के अनुमानों के अनुसार, मार्च 2020 और मई 2021 के बीच 50% देशों में 30 सप्ताह से अधिक समय तक स्कूल बंद रहे थे।
- तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण (Technical and Vocational Education and Training- TVET) के एक सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं (जिसे यूनेस्को, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था) ने खुलासा किया कि दूरस्थ शिक्षा कौशल प्रदान करने का सबसे सामान्य तरीका था।
- वयस्कों (Adult) के 3.7% की तुलना में युवा (Youth) रोज़गार पिछले वर्ष 8.7% गिर गया।
भारत द्वारा घोषणा:
- प्रधानमंत्री ने 75 नए स्वीकृत जन शिक्षण संस्थानों (Jan Shikshan Sansthan- JSS) की घोषणा की और इसके लिये विशेष रूप से बनाया गया एक पोर्टल भी लॉन्च किया।
- जेएसएस का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-साक्षर, नव-साक्षर और साथ ही स्कूल छोड़ने वालों को संबंधित क्षेत्र के बाज़ार के लिये प्रासंगिक कौशल की पहचान करके व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- उद्योग की मांग के अनुरूप 57 नए पाठ्यक्रमों को शुरू किया गया।
युवा कौशल के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदम
- औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (ITI): वर्ष 1950 में संकल्पित औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (ITIs) का उद्देश्य भारत में मौजूदा प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और आधुनिकीकरण करना है।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): वर्ष 2015 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य भारत के युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 : इसे भारत के युवाओं को रोज़गारपरक कौशल में दक्ष बनाने हेतु वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया, जिसमें 300 से अधिक कौशल पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
- पूर्व शिक्षण मान्यता (RPL) कार्यक्रम: व्यक्तियों द्वारा अधिगृहीत पूर्व कौशल को मान्यता प्रदान करने के लिये इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी। यह प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के प्रमुख घटकों में से एक है।
- इसके तहत एक व्यक्ति का मूल्यांकन कौशल के एक निश्चित सेट के साथ या पूर्व शिक्षण अनुभव के आधार पर किया जाता है और उसे राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुसार ग्रेड के साथ प्रमाणित किया जाता है।
- राष्ट्रीय कॅरियर सेवा (NCS) परियोजना : राष्ट्रीय कॅरियर सेवा (National Career Service- NCS) परियोजना के तहत रोज़गार चाहने वाले पंजीकृत उम्मीदवारों के लिये वर्ष 2015 में ‘मुफ्त ऑनलाइन कॅरियर कौशल प्रशिक्षण’ की शुरुआत की गई।
- कौशल प्रबंधन और प्रशिक्षण केंद्र प्रत्यायन (SMART): यह देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में प्रशिक्षण केंद्रों के प्रत्यायन, ग्रेडिंग, संबद्धता और निरंतर निगरानी पर केंद्रित एक एकल विंडो आईटी एप्लीकेशन प्रदान करता है।
- आजीविका संवर्द्धन हेतु कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (SANKALP) योजना: यह योजना अभिसरण एवं समन्वय के माध्यम से ज़िला-स्तरीय कौशल पारिस्थितिकी तंत्र पर ध्यान केंद्रित करती है। यह विश्व बैंक के सहयोग से शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन के लिये कौशल सुदृढ़ीकरण (STRIVE): औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन के लिये कौशल सुदृढ़ीकरण: स्ट्राइव योजना आईटीआई और शिक्षुता के माध्यम से प्रदान किये जाने वाले कौशल प्रशिक्षण की प्रासंगिकता एवं दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से विश्व बैंक की सहायता प्राप्त भारत सरकार की परियोजना है।
- प्रधानमंत्री युवा योजना (युवा उद्यमिता विकास अभियान): वर्ष 2016 में शुरू किये गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्यमिता शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से उद्यमिता विकास के लिये एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाना; उद्यमशीलता समर्थन नेटवर्क की वकालत करना तथा आसान पहुँच सुनिश्चित करना एवं समावेशी विकास के लिये सामाजिक उद्यमों को बढ़ावा देना है।
- युवा, आगामी और बहुमुखी लेखक (YUVA) योजना, युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिये एक परामर्श कार्यक्रम है।
- कौशलाचार्य पुरस्कार: इस पुरस्कार को कौशल प्रशिक्षकों द्वारा दिये गए योगदान को मान्यता देने और अधिक प्रशिक्षकों को कौशल भारत मिशन में शामिल होने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- स्कीम फॉर हायर एजुकेशन यूथ इन अप्रेंटिसशिप एंड स्किल्स’ अथवा ‘श्रेयस (SHREYAS): इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) के माध्यम से वर्ष 2019 सत्र के सामान्य स्नातकों को उद्योग शिक्षुता अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
- आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी-नियोक्ता मानचित्रण यानी ‘असीम’ (ASEEM): वर्ष 2020 में शुरू किया गया यह पोर्टल कौशल युक्त लोगों को स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में मदद करता है।
जनजातीय समुदाय के लिये विशेष पहल:
- गोल कार्यक्रम (Going Online As Leaders' -GOAL): इस कार्यक्रम को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है जिससे आदिवासी युवाओं और महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों यथा- बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन, आदिवासी कला एवं संस्कृति आदि में डिजिटल कौशल व प्रौद्योगिकी के माध्यम से दीर्घकालिक स्तर पर ज्ञान प्राप्त हो सके।
- इसी प्रकार वन धन योजना आदिवासी समाज को नए अवसरों से प्रभावी ढंग से जोड़ रही है।