सरकार ने कौशल प्रशिक्षण को मानकीकृत करने के लिये उठाया कदम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने सभी डिजिटल कार्यक्रमों में प्रशिक्षण और शिक्षा के मानकीकरण को सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (National Skills Qualifications Framework NSQF) (एक योग्यता-आधारित फ्रेमवर्क) के साथ अपने पाठ्यक्रमों को समायोजित किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसका उद्देश्य श्रमिकों को मानक स्तर के अनुकूल कुशल बनाना है।
- कौशल विकास पर DGT, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और एडोब इंडिया के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
- एडोब के साथ किया गया समझौता वर्ष 2020 तक भारत भर में दस लाख से अधिक छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने के लिये एक कार्यक्रम - एडोब डिजिटल दिशा के लॉन्च का अनुसरण करेगा।
- ऐसे लोग जो मानक दिशा-निर्देशों के तहत ड्रोन को उड़ा सकते हैं तथा इसका रख-रखाव भी कर सकते हैं, को प्रशिक्षित करने के लिये एक नया पाठ्यक्रम "मानव रहित हवाई वाहन/ ड्रोन पायलट" भी लॉन्च किया गया है।
प्रशिक्षण महानिदेशालय
- प्रशिक्षण महानिदेशालय (Directorate General of Training- DGT) श्रम मंत्रालय के अंतर्गत एक शीर्ष संगठन है जो राष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक प्रशिक्षण से संबंधित कार्यक्रमों, जिसमें महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार सेवा सम्मिलित है, के विकास और समन्वय के लिये कार्यरत है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम
- राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation -NSDC) सार्वजनिक निजी भागीदारी पर आधारित भारत में अपनी तरह की पहली संस्था है।
- इसका उद्देश्य महत्त्वपूर्ण उद्योगों की भागीदारी के माध्यम से कौशल विकास को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना और मानकों, पाठ्यक्रमों और गुणवत्ता आश्वासन के लिये आवश्यक ढाँचे का विकास करना है।
- NSDC व्यावसायिक प्रशिक्षण की पहल के लिये धन उपलब्ध कराता है।