प्रीलिम्स फैक्ट्स: 21 मार्च, 2020
नवरोज़
Navroz
भारतीय प्रधानमंत्री ने नवरोज़ (Navroz) के अवसर पर देश को शुभकामनाएँ दी।
मुख्य बिंदु:
- प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाने वाला नवरोज़ पारसियों, ज़रथुस्ट्र पंथ (Zoroastrianism) के अनुयायियों और मुस्लिम के विभिन्न संप्रदायों (शिया व सुन्नी दोनों) के लिये नए वर्ष की शुरुआत होने का एक उत्सव है।
- 1079 ईस्वी में एक फारसी (ईरानी) राजा जलालुद्दीन मालेकशाह (Jalaluddin Malekshah) ने राजस्व इकट्ठा करने और लोगों से कर वसूलने के लिये नवरोज़ (नव वर्ष) त्योहार की शुरुआत की।
- 21 मार्च को वसंत ऋतु की शुरुआत और विषुव (Equinox) के दिन को चिह्नित करने के तौर पर देखा जाता है। यह ईरानी कैलेंडर के पहले महीने के पहले दिन मनाया जाता है।
- इसे यूनेस्को के अंतर्गत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत भारत की मानवता (UNESCO Intangible Cultural Heritage of Humanity of India) सूची में अंतर्लिखित किया गया है। भारत में इसे जमशेद नवरोज़ (Jamshed Navroz) के नाम से जाना जाता है।
महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना
Mahatma Gandhi Bunkar Bima Yojana
भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय (Ministry of Textiles) ने देश भर में 51-59 आयु वर्ग के हथकरघा बुनकरों/श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना (Mahatma Gandhi Bunkar Bima Yojana- MGBBY) को लागू किया है।
मुख्य बिंदु:
- भारत सरकार ने जनश्री बीमा योजना (Janshree Bima Yojana) के संयोजन के साथ वर्ष 2003 में बुनकर बीमा योजना (Bunkar Bima Yojana) शुरू की थी। वर्ष 2005-06 के बाद इस योजना को संशोधित किया गया और इसे महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना (MGBBY) नाम दिया गया।
- इस योजना के तहत भारत सरकार, भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India- LIC) के साथ मिलकर हथकरघा बुनकरों को बीमा सुविधा प्रदान कर रही है।
- इस योजना के तहत भारत सरकार प्राकृतिक मौत तथा आकस्मिक मृत्यु के मामले में और दुर्घटना के कारण आंशिक एवं स्थायी विकलांगता के मामले में सभी समुदाय के बुनकरों को बीमा सुविधा प्रदान करती है।
- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer- DBT) के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे LIC द्वारा दावा लाभ प्रदान किया जाता है।
- भारत सरकार सभी हथकरघा बुनकरों/श्रमिकों को प्रभावी तरीके से लाभ प्रदान करने के लिये तथा बुनकरों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिये राज्य सरकारों और LIC के सहयोग से देश भर में हथकरघा समूहों में हस्तकला सहयोग शिविरों का आयोजन कर रही है।
टेक फॉर ट्राइबल्स
Tech For Tribals
जनजातीय उद्यमिता के विकास के लिये भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) ने राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों के साथ मिलकर टेक फॉर ट्राइबल्स (Tech For Tribals) परियोजना की शुरुआत की।
उद्देश्य:
- इस परियोजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री वन धन योजना (Pradhan Mantri Van Dhan Yojana- PMVDY) के तहत नामांकित जनजातीय वनोपज संग्रहकर्त्ताओं का क्षमता निर्माण एवं उद्यमिता कौशल प्रदान करना है। ये जनजातीय वनोपज संग्रहकर्त्ता वन धन विकास केंद्र (VDVK) के अंतर्गत आते हैं।
मुख्य बिंदु:
- इस परियोजना को आईआईटी रुड़की, आईआईएम इंदौर, भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस और जयपुर स्थित सृजन (SRIJAN) के साथ ट्राइफेड और आईआईटी कानपुर द्वारा 19 मार्च, 2020 को लॉन्च किया गया।
- इस परियोजना के पहले चरण के तहत आदिवासी उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत 5 करोड़ जनजातीय उद्यमियों को लाभ पहुँचाया जायेगा।
- टेक फॉर ट्राइबल्स (Tech For Tribals) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MINISTRY OF MICRO, SMALL & MEDIUM ENTERPRISES) द्वारा समर्थित ट्राइफेड की एक पहल है।
- टेक फॉर ट्राइबल्स प्रोग्राम के तहत सहयोगी पार्टनर वन उपज का मूल्य संवर्द्धन और प्रसंस्करण में उद्यमशीलता से संबंधित एक पाठ्यक्रम विकसित करेंगे।
वन धन विकास केंद्र
(Van Dhan Vikas Kendra- VDVK):
- भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत 28 राज्यों में 1200 वन धन विकास केंद्र (VDVK) की स्थापना की गई है जिसके अंतर्गत 3.6 लाख जनजातीय वन उत्पादकों को संगठित किया गया हैं।
- एक विशिष्ट वन धन विकास केंद्र (VDVK) में 15 स्वयं सहायता समूह शामिल हैं जिनमें से प्रत्येक में 20 जनजातीय लोग सम्मिलित हैं।
एनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग
Annual Refresher Programme In Teaching
भारत सरकार एमओओसीएस (MOOCs) ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्वयं (SWAYAM) का उपयोग करके उच्च शिक्षा संकाय के पेशेवर विकास के लिये एनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग (Annual Refresher Programme In Teaching- ARPIT) चला रही है।
मुख्य बिंदु:
- भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिसंबर, 2018 में ARPIT कार्यक्रम लॉन्च किया था।
- ARPIT को शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है और यह भारत सरकार के ‘हर एक काम देश के नाम’ पहल का हिस्सा है।
- ARPIT एक ऑनलाइन पहल है जिसके द्वारा MOOCs (Massive Open Online Courses) प्लेटफॉर्म स्वयं का उपयोग करके 15 लाख उच्च शिक्षा संबंधी शिक्षक ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
- ARPIT के क्रियान्वयन के लिये 75 विषय-विशिष्ट संस्थानों की पहचान की गई है जिन्हें पहले चरण में ‘नेशनल रिसोर्स सेंटर्स’ के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- इन संस्थानों को विषयों पर नवीनतम विकास, नई एवं उदीयमान प्रवृत्तियों, शैक्षिक सुधार और संशोधित पाठ्यक्रम को करने की पद्धतियों पर केंद्रित ऑनलाइन ट्रेनिंग मटेरियल तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। इस पाठ्यक्रम में अकादमिक विकास के हिस्से के रूप में अंतर्निहित मूल्यांकन अभ्यास और गतिविधियाँ शामिल हैं।
- ARPIT के अंतर्गत अब तक लगभग 1.8 लाख से अधिक शिक्षक प्रशिक्षित किये जा चुके हैं।