शासन व्यवस्था
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0
- 05 Dec 2024
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:आवास वित्त कंपनियाँ (HFCs), प्राथमिक ऋण संस्थान (PLI), प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0), ब्याज सब्सिडी योजना (ISS), मेन्स के लिये:किफायती आवास उपलब्ध कराने में वित्तीय संस्थानों की भूमिका, PMAY के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थ, PMAY-U 2.0 के कार्यान्वयन को बढ़ाने की रणनीतियाँ |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 14 नवंबर, 2024 को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) ने राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank- NHB) के साथ साझेदारी के साथ नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) तथा इसकी ब्याज सब्सिडी योजना (Interest Subsidy Scheme- ISS) पर केंद्रित एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
PMAY-U 2.0 में मुख्य विषय क्या हैं?
- PMAY-U 2.0 का उद्देश्य: PMAY-U 2.0 1 सितंबर 2024 से पाँच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में किफायती आवास के लिये राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों/PLI के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
- विधवाओं, एकल महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों, अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों और अन्य कमज़ोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- इसमें सफाई कर्मी, स्ट्रीट वेंडर (पीएम स्वनिधि योजना), कारीगर (प्रधानमंत्री-विश्वकर्मा योजना), आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, निर्माण श्रमिक, झुग्गी/चॉल निवासी और अन्य चिह्नित समूहों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- कार्यशाला में भागीदारी: कार्यशाला में विभिन्न बैंकों, आवास वित्त कंपनियों (Housing Finance Companies- HFC) और प्राथमिक ऋण संस्थानों (Primary Lending Institutions- PLI) के 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्होंने सफल कार्यान्वयन के लिये आवश्यक सहयोगात्मक प्रयास पर बल दिया।
- PMAY-U 2.0 की मुख्य विशेषताएँ:
- इस योजना में चार खंड शामिल हैं, जो लाभार्थियों को पात्रता के आधार पर चयन करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
- ISS वर्टिकल आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (Economically Weaker Sections- EWS), निम्न आय वर्ग (Low-Income Groups- LIG) और मध्यम आय वर्ग (Middle-Income Groups- MIG) को आवास ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करता है।
- PMAY-U 2.0 के अंतर्गत सरकारी सहायता प्रति इकाई 2.50 लाख तक होगी।
- वित्तीय संस्थाओं की भूमिका: सरकार ने बैंकों और आवास वित्त कंपनियों से वर्ष 2047 तक "सभी के लिये आवास" के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में इस सुधारात्मक यात्रा में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया, जो भारत के विकसित राष्ट्र बनने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है?
इस योजना के निम्नलिखित दो घटक हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G):
- शुभारंभ: वर्ष 2022 तक “सभी के लिये आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये, पूर्ववर्ती ग्रामीण आवास योजना इंदिरा आवास योजना (IAY) को 1 अप्रैल 2016 से केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) में पुनर्गठित किया गया।
- संबंधित मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- स्थिति: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने लाभार्थियों को 2.85 करोड़ आवास स्वीकृत किये हैं और मार्च 2023 तक 2.22 करोड़ आवास पूरे हो चुके हैं।
- उद्देश्य: मार्च 2022 के अंत तक सभी ग्रामीण परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का आवास उपलब्ध कराना, जो बेघर हैं या कच्चे या जीर्ण-शीर्ण आवासों में रह रहे हैं ।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले ग्रामीण लोगों को आवास इकाइयों के निर्माण तथा मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों के उन्नयन में पूर्ण अनुदान के रूप में सहायता प्रदान करना।
- लाभार्थी: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग, युद्ध में मारे गए रक्षा कर्मियों की विधवाएँ या उनके निकट संबंधी, पूर्व सैनिक और अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति और अल्पसंख्यक।
- लाभार्थियों का चयन: सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा और जियो-टैगिंग जैसे तीन-चरणीय सत्यापन के माध्यम से।
- लागत साझाकरण: मैदानी क्षेत्रों के मामले में केंद्र और राज्य 60:40 के अनुपात में लागत साझा करते हैं, तथा पूर्वोत्तर राज्यों, दो हिमालयी राज्यों और जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के मामले में 90:10 के अनुपात में लागत साझा करते हैं।
- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख सहित अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में केंद्र 100% लागत वहन करता है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (PMAY-U):
- शुभारंभ: 25 जून 2015 को प्रारंभ की गई इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिये आवास उपलब्ध कराना है।
- कार्यान्वयनकर्त्ता: आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय
- स्थिति: कुल 118.64 लाख मकान स्वीकृत किये गए हैं तथा 88.02 लाख से अधिक मकान बनकर तैयार हो चुके हैं/लाभार्थियों को वितरित किये जा चुके हैं।
- विशेषताएँ:
- पात्र शहरी गरीबों के लिये पक्का मकान सुनिश्चित करके झुग्गीवासियों सहित शहरी गरीबों के बीच शहरी आवास की कमी को दूर करना।
- मिशन में संपूर्ण शहरी क्षेत्र शामिल है, जिसमें सांविधिक शहर, अधिसूचित योजना क्षेत्र, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण या राज्य विधान के तहत शहरी नियोजन और विनियमन के कार्य सौंपे गए प्राधिकरण शामिल हैं।
- मिशन महिला सदस्यों के नाम पर या संयुक्त नाम पर मकान का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है।
- योजना चार खंडों में क्रियान्वित की गई:
- निजी भागीदारी के माध्यम से संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके मौजूदा झुग्गी निवासियों का यथास्थान पुनर्वास।
- डेब्ट लिंक्ड सब्सिडी: आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), निम्न आय समूह (LIG) और मध्यम आय समूह (MIG-I और MIG-II) के लोग घर खरीदने या बनाने के लिये क्रमशः 6 लाख रुपए, 9 लाख रुपए और 12 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर 6.5%, 4% और 3% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
- लाभार्थी-नेतृत्व वाली व्यक्तिगत आवास निर्माण/संवर्द्धन: EWS श्रेणियों के पात्र परिवारों को व्यक्तिगत घरों के निर्माण या सुधार के लिये प्रति EWS आवास 1.5 लाख रुपए तक की केंद्रीय सहायता दी जाती है।
PMAY-U2.0 के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थ क्या हैं?
- किफायती आवास तक पहुँच: PMAY-U2.0 से शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिये किफायती आवास तक पहुँच में उल्लेखनीय वृद्धि होने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।
- आर्थिक बढ़ावा: यह कार्यक्रम घर के स्वामित्व को प्रोत्साहित करके आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है, जिससे अधिक निर्माण परियोजनाएँ शुरू होंगी तथा आवास उद्योग में रोज़गार का सृजन होगा।
- सामाजिक समावेशन: यह पहल हाशिये पर पड़े समुदायों को आवास समाधान प्रदान करके सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है, इस प्रकार समावेशी शहरी विकास में योगदान देती है।
- शहरी बुनियादी ढाँचे पर प्रभाव: बेहतर आवास से बेहतर शहरी बुनियादी ढाँचे का निर्माण हो सकता है, क्योंकि अधिक परिवारों को बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच प्राप्त होगी, जिससे समग्र शहरी नियोजन प्रयासों में योगदान मिलेगा।
PMAY-U 2.0 के कार्यान्वयन की संभावित वृद्धि में कौन-सी रणनीतियाँ हैं?
- निगरानी तंत्र को मज़बूत करना: आवास संबंधी परियोजनाओं की प्रगति पर नज़र रखने और सब्सिडी का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिये मज़बूत निगरानी प्रणाली स्थापित करना।
- जन जागरूकता अभियान: योजना के लाभों और आवेदन प्रक्रियाओं के बारे में संभावित लाभार्थियों को शिक्षित करने के लिये जागरूकता कार्यक्रम शुरू करना, जिससे व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
- वित्तीय संस्थानों के लिये क्षमता निर्माण: बैंकों और आवास संबंधी वित्त कंपनियों के कर्मचारियों को PMAY-U 2.0 की बारीकियों पर प्रशिक्षण प्रदान करना, जिससे ये आवेदकों की प्रभावी रूप से सहायता कर सकें।
- प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना: एक एकीकृत वेब पोर्टल के माध्यम से प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, जो आवेदन प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, स्थिति अद्यतन को ट्रैक करता है, और हितधारकों के बीच संचार की सुविधा प्रदान करता है।
- राज्य सरकारों के साथ सहयोग: आवास संबंधी लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने की दिशा में प्रयासों को संरेखित करने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना।
दृष्टि मेन्स प्रश्न प्रश्न: प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी 2.0 भारत में सतत् शहरी विकास प्राप्त करने में किस प्रकार योगदान देती है। चर्चा कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. दीपक पारिख समिति अन्य चीज़ों के साथ-साथ निम्नलिखित में से किस एक उद्देश्य के लिये गठित की गई थी? (2009) (a) कुछ अल्पसंख्यक समुदायों की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का अध्ययन के लिये उत्तर: (b) प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से गैर-वित्तीय ऋण में क्या शामिल है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) मुख्य परीक्षा:Q. भारत में शहरी जीवन की गुणवत्ता की संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ 'स्मार्ट सिटी कार्यक्रम' के उद्देश्यों और रणनीति को पेश कीजिये। (2016) Q. भारत में शहरीकरण की तीव्र प्रक्रिया से उत्पन्न विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर चर्चा कीजिये। (2013) |