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नीति आयोग ने जारी किया SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24

  • 16 Jul 2024
  • 21 min read

प्रिलिम्स के लिये:

नीति आयोग, संयुक्त राष्ट्र, सतत् विकास लक्ष्य , एसडीजी इंडिया इंडेक्स, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), नवीकरणीय ऊर्जा, स्किल इंडिया मिशन, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

मेन्स के लिये:

सतत् विकास लक्ष्य, सरकारी पहल, सतत् विकास लक्ष्यों के प्रति भारत का दृष्टिकोण

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों? 

NITI (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) आयोग ने वर्ष 2023-24 के लिये अपना नवीनतम सतत् विकास लक्ष्य (SDG) भारत सूचकांक (इंडिया इंडेक्स) जारी किया है, जो भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सतत् विकास में महत्त्वपूर्ण प्रगति दर्शाता है।

SDG इंडिया इंडेक्स क्या है?

  • परिचय: SDG इंडिया इंडेक्स नीति आयोग द्वारा विकसित एक उपकरण है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्य के प्रति भारत की प्रगति को मापने और ट्रैक करने के लिये है। 
    • सूचकांक सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण का समर्थन करता है तथा राज्यों को इन लक्ष्यों को अपनी विकास योजनाओं में एकीकृत करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
    • यह नीति निर्माताओं के लिये अंतराल की पहचान करने तथा वर्ष 2030 तक सतत् विकास प्राप्त करने की दिशा में कार्यों को प्राथमिकता देने के लिये एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है।
  • कार्यप्रणाली: यह सूचकांक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े संकेतकों का उपयोग करके 16 सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के अंतर्गत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन करता है।
    • SDG इंडिया इंडेक्स राष्ट्रीय संकेतक ढाँचे (National Indicator Framework) से जुड़े 113 संकेतकों का उपयोग करके राष्ट्रीय प्रगति को मापता है।
    • 16 सतत् विकास लक्ष्यों के लिये लक्ष्य के अनुसार स्कोर की गणना की जाती है तथा प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के लिये समग्र अंक निकाले जाते हैं। सूचकांक के समग्र अंक की गणना में लक्ष्य 14 (जलीय जीवन) को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि यह केवल नौ तटीय राज्यों से संबंधित है।
    • स्कोर 0-100 के बीच होता है तथा उच्च स्कोर सतत् विकास लक्ष्य की दिशा में अधिक प्रगति का संकेत देता है।
      • राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को उनके SDG इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है: आकांक्षी: 0-49, प्रदर्शनकर्त्ता: 50-64, अग्रणी: 65-99 और सफल व्यक्ति: 100।
  • विकास पर प्रभाव: यह सूचकांक प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को एक-दूसरे से सीखने एवं परिणाम-आधारित अंतराल को कम करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
    • यह प्रगति का व्यापक विश्लेषण प्रदान करता है, उपलब्धियों और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डालता है।
    • भारत ने सतत् विकास लक्ष्यों को अपनी राष्ट्रीय विकास रणनीतियों में पूरी तरह से एकीकृत किया है और संस्थागत स्वामित्व, सहयोगात्मक प्रतिस्पर्द्धा, क्षमता निर्माण तथा समग्र समाज दृष्टिकोण पर आधारित अपने सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण मॉडल पर गर्व करता है।
    • यह सूचकांक विकसित भारत @ 2047 की दिशा में प्रगति को मापने के लिये एक बैरोमीटर के रूप में कार्य करता है और राष्ट्रीय तथा उप-राष्ट्रीय विकास रणनीतियों को सूचित करता है।

SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • समग्र प्रगति: भारत का समग्र SDG स्कोर वर्ष 2023-24 में 71 हो गया, जो वर्ष 2020-21 में 66 और वर्ष 2018 में 57 था। सभी राज्यों ने समग्र स्कोर में सुधार दिखाया है। प्रगति मुख्य रूप से गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास और जलवायु कार्रवाई में लक्षित सरकारी हस्तक्षेपों से प्रेरित है।
    • शीर्ष प्रदर्शक: केरल और उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे, जिनमें से प्रत्येक को 79 अंक मिले।
    • खराब प्रदर्शक: बिहार 57 अंक के साथ पीछे रहा, जबकि झारखंड 62 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
    • अग्रणी राज्य: 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश (UT) अग्रणी श्रेणी में हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश सहित 10 नए प्रवेशक शामिल हैं।

विशिष्ट सतत् विकास लक्ष्य:

सतत् विकास लक्ष्य (SDG)

                                            मुख्य विशेषताएँ

लक्ष्य 1: गरीबी उन्मूलन

  • वर्ष 2020-21 में 60 की तुलना में वर्ष 2023-24 में 72 का उच्च स्कोर रहा और साथ ही वर्ष 2023-2024 में, मनरेगा के अंर्तगत काम का अनुरोध करने वाले 99.7% व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान किया गया।

लक्ष्य 2: शून्य  भुखमरी 

  • आकांक्षी से प्रदर्शनकर्त्ता श्रेणी के समग्र स्कोर में सुधार। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के अंतर्गत 99.01% लाभार्थी शामिल हैं।

लक्ष्य 3: उत्तम स्वास्थ्य एवं खुशहाली

  • वर्ष 2018 समग्र स्कोर में 52 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 77 हो गया। 9-11 महीने की उम्र के 93.23% बच्चों को पूर्णटीकाकरण किया गया और साथ ही प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु दर 97 है।

लक्ष्य 4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

  • प्रारंभिक शिक्षा के लिये समायोजित शुद्ध नामांकन दर (ANER), वर्ष 2021-22 के लिये 96.5% है। 88.65% स्कूलों में विद्युत एवं पेयजल दोनों की सुविधा उपलब्ध है।
  • उच्च शिक्षा (18-23 वर्ष) में महिलाओं तथा पुरुषों के बीच 100% समानता।

लक्ष्य 5: लैंगिक समानता

  • वर्ष 2018 समग्र स्कोर में 36 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 49 हो गया। जन्म के समय लिंगानुपात (प्रति 1,000 पुरुषों पर 929 महिलाएँ) है।

लक्ष्य 6: स्वच्छ जल एवं स्वच्छता

  • वर्ष 2018 में स्कोर 63 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 89 तक उल्लेखनीय सुधार हुआ। 99.29% ग्रामीण परिवारों ने पेयजल के अपने स्रोत में सुधार किया है।
  • 94.7% स्कूलों में लड़कियों के लिये शौचालय हैं।

लक्ष्य 7: वहनीय एवं स्वच्छ ऊर्जा

  • सभी SDG का उच्चतम स्कोर वर्ष 2018 में 51 से  बढ़कर वर्ष 2023-24 में 96 तक महत्त्वपूर्ण सुधार प्राप्त किये हैं। 
  • सौभाग्य योजना के तहत 100% घरों का विद्युतीकरण हुआ है।
  • खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन (LPG + PNG) कनेक्शन वाले घरों में महत्त्वपूर्ण सुधार 92.02% (वर्ष 2020) से 96.35% (वर्ष 2024) हो गया है।

लक्ष्य 8: उत्कृष्ट कार्य और आर्थिक विकास

  • वर्ष 2022-23 में स्थिर मूल्यों पर भारत की प्रति व्यक्ति GDP में 5.88% की वार्षिक वृद्धि दर।
  • बेरोज़गारी दर वर्ष 2018-19 में 6.2% से घटकर वर्ष 2022-23 में 3.40% हो गई।

लक्ष्य 9: उद्योग, नवाचार और बुनियादी सुविधाएँ

  • वर्ष 2018 में स्कोर 41 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 61 हो गया। पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत लक्षित 99.70% बस्तियाँ बारहमासी सड़कों से जुड़ गईं।

लक्ष्य 10: असमानताओं में कमी

  • वर्ष 2020-21 में अंक 67 से घटकर वर्ष 2023-24 में 65 हो गए।
  • पंचायती राज संस्थाओं की 45.61% सीटें महिलाओं के पास हैं। राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व 28.57% है।

लक्ष्य 11: संवहनीय शहर और समुदाय

  • वर्ष 2018 में स्कोर 39 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 83 तक उल्लेखनीय सुधार हुआ। संसाधित नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का प्रतिशत वर्ष 2020 में 68% से बढ़कर वर्ष 2024 में 78.46% हो गया है।
  • 97% वार्डों में 100% घर-घर से कचरा संग्रहण हो रहा है।

लक्ष्य 12: संवहनीय  उपभोग और उत्पादन

  • वर्ष 2022 में उत्पन्न होने वाले 91.5% बायोमेडिकल अपशिष्ट का उपचार किया जाता है।
  • वर्ष 2022-23 में 54.99% खतरनाक अपशिष्ट का पुनर्चक्रण/उपयोग किया गया।

लक्ष्य 13: जलवायु परिवर्तन

  • SDG इंडिया इंडेक्स 4 (2023-24) में वर्ष 2020-21 के 54 (परफॉर्मर श्रेणी) से 67 (फ्रंट रनर श्रेणी) में तक का सुधार हुआ।
  • आपदा जोखिम सूचकांक के अनुसार आपदा तैयारी स्कोर 19.20 है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा से विद्युत उत्पादन में सुधार वर्ष 2020 में 36.37% से बढ़कर वर्ष 2024 में 43.28% हो गया।
  • 94.86% उद्योग पर्यावरण मानकों का अनुपालन करते हैं।

लक्ष्य 14: जलीय जीवन

  • लक्ष्य 14 को सूचकांक के लिये समग्र स्कोर की गणना में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यह पूरी तरह से नौ तटीय राज्यों से संबंधित है।

लक्ष्य 15: भूमि पर जीवन (थलीय जीवन)

  • वर्ष 2020-21 में स्कोर 66 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 75 हो गया। भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 25% भाग वनों और वृक्षों से आच्छादित है।

लक्ष्य 16: शांति, न्याय एवं सशक्त संस्थाएँ

  • मार्च 2024 तक 95.5% जनसंख्या आधार कवरेज के अंतर्गत है।
  • NCRB 2022 के अनुसार IPC अपराधों की आरोप-पत्र दर 71.3% है।
  • लक्ष्यों का अवलोकन: "निर्धनता उन्मूलन", "सभ्य कार्य और आर्थिक विकास" और "भूमि पर जीवन" लक्ष्यों में वर्ष 2020-21 के अंकों की अपेक्षा राज्यों के अंकों में सर्वाधिक वृद्धि हुई जबकि "लैंगिक समता" तथा "शांति, न्याय एवं सुदृढ़ संस्थान" में वृद्धि सबसे कम रही।
    • "असमानताओं में कमी" एकमात्र लक्ष्य था जिसका स्कोर वर्ष 2020-21 के 67 से कम होकर वर्ष 2023-24 में 65 हुआ। इसका स्कोर कम होना धन के वितरण को दर्शाता है और सुझाव देता है कि भारत के कई क्षेत्रों, विशेषकर सामाजिक-आर्थिक परिप्रेक्ष्य के निम्न स्तर पर रोज़गार के अवसरों के संबंध में असमानता का स्तर बहुत अधिक है। असमानताओं को कम करने के लक्ष्य में कार्यबल भागीदारी में लैंगिक असमानता को संबोधित करना भी शामिल है।
    • लैंगिक समानता का स्कोर अन्य सभी लक्ष्यों के स्कोर से सबसे कम रहा, जिसमें विगत वर्ष की तुलना में अभूत कम वृद्धि हुई। जन्म के समय लिंगानुपात, भूमि और संपत्ति के स्वामित्व वाली महिलाएँ, रोज़गार तथा श्रम बल भागीदारी दर जैसे मुद्दे प्रमुख ध्यान देने योग्य क्षेत्र हैं, विशेषकर उन राज्यों में जहाँ जन्म के समय लिंग अनुपात 900 से कम है।
    • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लक्ष्य का स्कोर 4 अंक की वृद्धि के साथ 61 हो गया जो इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि कुछ राज्य, विशेषकर मध्य भारत में, वर्तमान में भी चुनौतियों का सामना करते हैं। भारत में मुख्य मुद्दा शिक्षा तक पहुँच नहीं अपितु शिक्षा की गुणवत्ता है जो रोज़गार के अवसरों को प्रभावित करती है।

नीति आयोग 

  • भारत में वर्ष 2015 में नीति आयोग ने योजना आयोग का स्थान लिया, जिसमें 'अधरोर्ध्व' (Bottom-Up) दृष्टिकोण के साथ सहकारी संघवाद पर ज़ोर दिया गया।
  • नीति आयोग में अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री, शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल तथा प्रधानमंत्री द्वारा नामित विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में विशेषज्ञ शामिल हैं।
    • मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रधानमंत्री द्वारा एक विशिष्ट अवधि के लिये नियुक्त किया जाता है जो भारत सरकार के सचिव पद पर होता है।
  • राज्यों की विविध शक्तियों और सुभेद्यताओं को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग भारत में आर्थिक नियोजन हेतु अधिक लचीले दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को अग्रणी  बनाने के लिये यह परिवर्तन आवश्यक है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य राज्यों के साथ सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना, ग्राम स्तर पर योजनाएँ विकसित करना, आर्थिक रणनीति में राष्ट्रीय सुरक्षा को शामिल करना, समाज के हाशियाई वर्गों पर ध्यान केंद्रित करना, हितधारकों और प्रबुद्ध मंडलों के साथ साझेदारी को प्रोत्साहित करना, ज्ञान तथा नवाचार के लिये एक समर्थन प्रणाली विकसित करना, अंतर-क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान करना और सुशासन व सतत् विकास प्रथाओं के लिये एक ज्ञानसाधन केंद्र (Resource Centre) बनाए रखना है।
  • प्रमुख पहल: SDG इंडिया इंडेक्स, सयुंत जल प्रबंधन सूचकांक, अटल नवाचार मिशन, आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम, स्वास्थ्य सूचकांक, भारत नवाचार सूचकांक और सुशासन सूचकांक

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 में दर्शाई गई भारत की समग्र प्रगति का मूल्यांकन कीजिये । इस प्रगति में किन कारकों ने योगदान दिया है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. अटल नवप्रवर्तन (इनोवेशन) मिशन किसके अधीन स्थापित किया गया है? (2019)

(a) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
(b) श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय
(c) नीति आयोग
(d) कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत सरकार ने नीति (NITI) आयोग की स्थापना निन्मलिखित में से किसका स्थान लेने के लिये की है? (2015)

(a) मानवाधिकार आयोग
(b) वित्त आयोग
(c) विधि आयोग
(d) योजना आयोग

उत्तर: (d)


प्रश्न. सतत् विकास को उस विकास के रूप में वर्णित किया जाता है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किये बिना वर्तमान की ज़रूरतों को पूरा करता है। इस परिप्रेक्ष्य में सतत् विकास की अवधारणा निम्नलिखित अवधारणाओं में से किसके साथ जुड़ी हुई है? (2010)

(a) सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण
(b) समावेशी विकास
(c) वैश्वीकरण
(d) वहन क्षमता

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. भारत के नीति आयोग द्वारा अनुसरण किये जा रहे सिद्धांत इससे पूर्व के योजना आयोग द्वारा अनुसरित सिद्धांतों से किस प्रकार भिन्न हैं? (2018) 

प्रश्न. "वहनीय (ऐफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधारणीय (सस्टेनबल) विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है”। भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018)

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