विविध
संयुक्त जल प्रबंधन सूचकांक-2.0
- 24 Aug 2019
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चर्चा में क्यों?
जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों में वृद्धि करने के लिये, नीति आयोग ने संयुक्त जल प्रबंधन सूचकांक (Composite Water Management Index -CWMI 2.0) का दूसरा संस्करण तैयार किया है। 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से 13 ने पिछले साल की तुलना में अपने जल प्रबंधन में सुधार किया है।
प्रमुख बिंदु
- CWMI 2.0 ने आधार वर्ष 2016-17 के संदर्भ में वर्ष 2017-18 के लिये विभिन्न राज्यों को स्थान प्रदान किया है। रिपोर्ट में गुजरात ने वर्ष 2017-18 में 100 में से 75 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया है, इसके बाद आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान है।
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में हिमाचल प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा। इसके बाद उत्तराखंड, त्रिपुरा और असम का स्थान है।
- संघशासित प्रदेशों ने पहली बार अपने आँकड़े दिये हैं, जिनमें पुद्दुचेरी शीर्ष स्थान पर रहा है।
- सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के मामले में हरियाणा सामान्य राज्यों में पहले स्थान पर और पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड पहले स्थान पर रहा है।
- औसतन 80 प्रतिशत राज्यों ने पिछले तीन वर्षों में सूचकांक का आकलन किया और अपने जल प्रबंधन स्कोर में सुधार किया, जिसमें औसत सुधार +5.2 प्वाइंट रहा।
चार्ट -1: CWMI 2.0 वर्ष 2019 में विभिन्न राज्यों की रैंकिंग
पृष्ठभूमि
- भारत के विकास और पर्यावरण प्रणाली को बनाए रखने के लिये तेज़ी से जल के वैज्ञानिक प्रबंधन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। सरकार जल प्रबंधन को लेकर अति सक्रिय है और उसने जल प्रबंधन से जुड़े कार्यों को गति देने के लिये जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया। नवगठित जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण और जल सुरक्षा के लिये जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Misson) की शुरुआत कर जल चुनौतियों से निपटने का प्रयास किया है।
- नीति आयोग ने सबसे पहले राज्यों के बीच सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद की भावना पैदा करने के लिये एक साधन के रूप में वर्ष 2018 में संयुक्त जल प्रबंधन सूचकांक की शुरुआत की।
- यह मैट्रिक्स के अखिल भारतीय सेट तैयार करने का पहला प्रयास था, जो जल प्रबंधन और जल चक्र के विभिन्न आयामों को मापता है। रिपोर्ट को बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया और राज्यों को अपने जल को भविष्य हेतु सुरक्षित करने के लिये कहाँ ध्यान देने की ज़रूरत है, इस बारे में दिशा-निर्देश दिये गए।
- CWMI जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के संदर्भ में राज्यों/संघशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन करने और उनमें सुधार लाने का साधन है। यह कार्य जल शक्ति मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और सभी राज्यों/संघशासित प्रदेशों की साझेदारी से पूर्ण होता है। यह सूचकांक राज्यों को उपयोगी जानकारी प्रदान करता है ताकि वे जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिये उपयुक्त रणनीति तैयार करके उसे लागू कर सके।
समग्र जल प्रबंधन सूचकांक
(Composite Water Management Index -CWMI)
- नीति आयोग जल के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (Composition Water Management Index -CWMI) प्रकाशित करता है।
- समग्र जल प्रबंधन सूचकांक जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आकलन और उनमें सुधार लाने का एक प्रमुख साधन है।
- यह सूचकांक राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को उपयोगी सूचना उपलब्ध करा रहा है जिससे वे उचित रणनीति बनाकर उसे जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में लागू कर सकेंगे। साथ ही एक वेब पोर्टल भी इसके लिये लॉन्च किया गया है।
- समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में भूजल, जल निकायों की पुनर्स्थापना, सिंचाई, खेती के तरीके, पेयजल, नीति और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के 28 विभिन्न संकेतकों के साथ 9 विस्तृत क्षेत्र शामिल हैं।
- समीक्षा के उद्देश्य से राज्यों को दो विशेष समूहों- ‘पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्य’ और ‘अन्य राज्यों’ में बाँटा गया है।