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सतत् विकास लक्ष्यों में शामिल किये गए नए संकेतक

  • 13 Mar 2020
  • 8 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सतत् विकास लक्ष्य, संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग, संयुक्त राष्ट्र महासभा

मेन्स के लिये:

सतत् विकास लक्ष्यों में शामिल किये गए नए संकेतक तथा इन्हें शामिल किये जाने के कारण

चर्चा में क्यों?

6 मार्च, 2020 को न्यूयॉर्क में संपन्न संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (United Nations Statistical Commission- UNSC) के 51वें सत्र में सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDGs) के लिये ‘ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ (Global Indicator Framework) में 36 प्रमुख परिवर्तनों को मंज़ूरी दी गई है।

मुख्य बिंदु:

  • ये परिवर्तन ‘यूएन इंटर-एजेंसी एंड एक्सपर्ट ग्रुप ऑन एसडीजी इंडीकेटर्स’ (UN Inter-Agency and Expert Group on SDG Indicators: IAEG-SDG) द्वारा जारी '2020 व्यापक समीक्षा’ (2020 Comprehensive Review) पर आधारित हैं।
  • इस सत्र में रखे गए प्रस्तावों में वर्तमान फ्रेमवर्क के ढाँचे का प्रतिस्थापन, संशोधन संबंधी 36 महत्त्वपूर्ण परिवर्तन और 20 कम महत्त्व के परिवर्तन शामिल हैं।

क्या हैं परिवर्तन?

  • ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क के 36 प्रमुख परिवर्तनों को संक्षेप में निम्न प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है:
    • मौजूदा संकेतकों के प्रतिस्थापन हेतु 14 प्रस्ताव
    • मौजूदा संकेतकों के संशोधन हेतु 8 प्रस्ताव
    • अतिरिक्त संकेतकों के लिये 8 प्रस्ताव
    • मौजूदा संकेतकों को हटाने के लिये 6 प्रस्ताव

इनका विस्तृत विवरण इस प्रकार है-

1. मौजूदा संकेतकों के प्रतिस्थापन हेतु 14 प्रस्ताव:

  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-1 के 2 संकेतकों (1.a.1, 1.b.1) का प्रतिस्थापन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-7 के 1 संकेतक (7.b.1) का प्रतिस्थापन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-11 के 1 संकेतक (11.a.1) का प्रतिस्थापन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-12 के 2 संकेतकों (12.a.1, 12.b.1) का प्रतिस्थापन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-13 के 4 संकेतकों (13.2.1, 13.3.1, 13.a.1, 13.b.1) का प्रतिस्थापन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-15 के 1 संकेतक (15.a.1 और 15.b.1 संयुक्त रूप से) का प्रतिस्थापन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-17 के 3 संकेतकों (17.3.1, 17.17.1, 17.18.1) का प्रतिस्थापन

2. मौजूदा संकेतकों में संशोधन हेतु 8 प्रस्ताव:

  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-2 के 2 संकेतकों (2.5.2, परिभाषा) में संशोधन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-5 के 1 संकेतक (परिभाषा) में संशोधन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-6 के 1 संकेतक (6.3.1) में संशोधन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-8 के 1 संकेतक (8.3.1) में संशोधन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-11 के 1 संकेतक (11.6.1) में संशोधन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-15 के 1 संकेतक (15.9.1) में संशोधन
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-17 के 1 संकेतक (17.5.1) में संशोधन

3. अतिरिक्त संकेतकों के लिये 8 प्रस्ताव:

  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-2 में 1 अतिरिक्त संकेतक (2.2.3) जोड़ने संबंधी प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-3 में 1 अतिरिक्त संकेतक (3.d.2) जोड़ने संबंधी प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-4 में 1 अतिरिक्त संकेतक (4.1.2) जोड़ने संबंधी प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-10 में 3 अतिरिक्त संकेतकों (10.4.2, 10.7.3, 10.7.4) जोड़ने संबंधी प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-13 में 1 अतिरिक्त संकेतक (13.2.2) जोड़ने संबंधी प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-16 में 1 अतिरिक्त संकेतक (16.3.3) जोड़ने संबंधी प्रस्ताव

4. मौजूदा संकेतकों को हटाने के लिये 6 प्रस्ताव:

  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-1 से 1 संकेतक (1.a.1) हटाने का प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-4 से 1 संकेतक (4.2.1) हटाने का प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-8 से 1 संकेतक (8.9.2) हटाने का प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-11 से 1 संकेतक (11.c.1) हटाने का प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-13 से 1 संकेतक (13.3.2) हटाने का प्रस्ताव
  • सतत् विकास लक्ष्य संख्या-17 से 1 संकेतक (17.6.1) हटाने का प्रस्ताव

Sustainable-Development

ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क

(Global Indicator Framework):

  • संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग ने वैश्विक निगरानी के लिये अप्रैल, 2015 में 28 सदस्य देशों के साथ मिलकर IAEG-SDG का गठन किया।
  • भारत दक्षिण एशिया का प्रतिनिधित्व करने वाला IAEG-SDG का सदस्य है।
  • IAEG-SDG की अनुशंसा के आधार पर, मार्च, 2017 में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग ने अपने 48वें सत्र में ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क को अपनाया, जिसमें 232 संकेतक शामिल थे।
  • ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क को 6 जुलाई, 2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया।
  • ग्लोबल फ्रेमवर्क में निम्नलिखित 3 प्रकार के इंडिकेटर होते हैं-
    • टियर-I इंडिकेटर:
      ये इंडिकेटर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर स्थापित किये जाते हैं। इनसे संबंधित आँकड़े ऐसे देशों द्वारा नियमित रूप से प्रदान किये जाते हैं, जहाँ ये इंडिकेटर प्रासंगिक हैं।
    • टियर-II इंडिकेटर:
      ये इंडिकेटर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार स्थापित किये जाते हैं, और इनसे संबंधित आँकड़े संबंधित देशों द्वारा नियमित रूप से जारी किये जाते हैं।
    • टियर-III इंडिकेटर:
      इन इंडीकेटर्स के लिये अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्थापित कोई कार्यप्रणाली या मानक अभी तक उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कार्यप्रणाली/मानक का विकास या परीक्षण किया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग:

  • UNSC वैश्विक सांख्यिकीय प्रणाली की प्रगति हेतु प्रतिबद्ध एक संस्था है।
  • UNSC वैश्विक सांख्यिकीय सूचनाओं का संकलन और प्रसार करने के साथ-साथ सांख्यिकीय गतिविधियों के लिये मानक और मानदंड विकसित करता है तथा राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणालियों को मज़बूत करने के लिये विभिन्न देशों के प्रयासों का समर्थन करता है।
  • UNSC अंतर्राष्ट्रीय सांख्यिकीय गतिविधियों के समन्वय की सुविधा प्रदान करता है और वैश्विक सांख्यिकीय प्रणाली की सर्वोच्च इकाई के रूप में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग के कामकाज का समर्थन करता है।

स्रोत- डाउन टू अर्थ

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