शहरी वित्त और 16वें वित्त आयोग का मुद्दा | 05 Jul 2024

प्रिलिम्स के लिये:

74वाँ संविधान संशोधन, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया, भौगोलिक सूचना प्रणाली, वित्त आयोग 

मेन्स के लिये:

शहरी स्थानीय निकायों के समक्ष वित्तीय कमी, शहरी स्थानीय शासन के सशक्तीकरण के उपाय।

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

भारत में 16वें वित्त आयोग (Finance Commission- FC) से संबंधित हाल के घटनाक्रमों ने राजकोषीय विकेंद्रीकरण से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों और संघीय ढाँचे के भीतर उनकी वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया है।

  • विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि अगले दशक में बुनियादी शहरी बुनियादी ढाँचे के लिये 840 बिलियन अमरीकी डॉलर की आवश्यकता होगी।

शहरी क्षेत्रों में वित्तीय स्थिरता संबंधी मुद्दे क्या हैं?

  • शहरीकरण की चुनौतियाँ: भारत के शहरी क्षेत्र, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 66% और कुल सरकारी राजस्व में लगभग 90% का योगदान करते हैं, भारी बुनियादी ढाँचे तथा वित्तीय चुनौतियों का सामना करते हैं।
    • महत्त्वपूर्ण आर्थिक केंद्र होने के बावजूद, शहरों को अपर्याप्त वित्तीय सहायता प्राप्त होती है तथा अंतर-सरकारी हस्तांतरण सकल घरेलू उत्पाद का केवल 0.5% होता है, जिससे आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने और बुनियादी ढाँचे को बनाए रखने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है।
  • वित्तीय हस्तांतरण मुद्दे: शहरी स्थानीय निकायों को धनराशि का हस्तांतरण अन्य विकासशील देशों की तुलना में काफी कम है।
    • उदाहरण के लिये, दक्षिण अफ्रीका अपने सकल घरेलू उत्पाद का 2.6%, मेक्सिको 1.6%, फिलीपींस 2.5% और ब्राज़ील 5.1% अपने शहरों को आवंटित करता है।
    • यह कमी शहरी उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, जो कि GST की शुरुआत से और भी बदतर हो गई है, जिसने ULB के अपने कर राजस्व को कम कर दिया है।
  • संसाधनों का दोहन: 221 नगर निगमों (2020-21) के रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया सर्वेक्षण से पता चला है कि इनमें से 70% से अधिक निगमों के राजस्व में गिरावट देखी गई, जबकि इसके विपरीत, उनके व्यय में लगभग 71.2% की वृद्धि हुई।
    • RBI की रिपोर्ट में संपत्ति कर के सीमित कवरेज और नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने में इसकी विफलता पर भी प्रकाश डाला गया है।
    • आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के अनुसार भारत में संपत्ति कर संग्रह दर (GDP अनुपात में संपत्ति कर) दुनिया में सबसे कम है।
  • अनुदान में कमी: विशेषज्ञों का तर्क है कि GST ने न केवल चुंगी समाप्त कर दी, बल्कि कई छोटे उद्यमियों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप शहरी स्थानीय निकायों के कर राजस्व में उल्लेखनीय कमी देखी गई।
    • पहले शहरी केंद्रों के कुल राजस्व व्यय का लगभग 55% चुंगी से पूरा किया जाता था, जो अब काफी कम हो गया है।
  • अन्य मामले:
    • जनगणना डेटा संबंधी चिंताएँ: अद्यतन जनगणना आँकड़ों (2011 से) की अनुपस्थिति शहरी आबादी और उसकी आवश्यकताओं का सटीक आकलन करने में चुनौती पेश करती है।
      • यह पुराना डेटा साक्ष्य-आधारित राजकोषीय हस्तांतरण योजना को प्रभावित करता है, जो कि गतिशील शहरीकरण प्रवृत्तियों, जिसमें टियर-2 और 3 शहरों की ओर प्रवास भी शामिल है, को उजागर करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • नीतिगत विकृतियाँ: समानांतर एजेंसियाँ ​​और योजनाएँ, जैसे कि सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि, स्थानीय सरकारों की वित्तीय स्वायत्तता को कमज़ोर करती हैं, इच्छित संघीय ढाँचे को विकृत करती हैं और शहरी शासन तथा सेवा वितरण को जटिल बनाती हैं।
    • कम क्रियात्मक स्वायत्तता: महामारी के दौरान, राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर के नेताओं को आपदा न्यूनीकरण रणनीतियों पर विचार करते देखा गया, हालाँकि नगर निगमों के प्रमुखों को इस समूह में शामिल नहीं किया गया।
      • स्थानीय सरकारों को राज्य सरकारों के सहायक के रूप में मानने का पुराना दृष्टिकोण नीतिगत प्रतिमान पर हावी बना हुआ है।
    • संरचनात्मक मुद्दे: कुछ शहरी स्थानीय सरकारों के पास बुनियादी ढाँचे और मानव संसाधन नहीं हैं। जबकि कुछ राज्यों में स्थानीय निकायों के लिये नियमित चुनाव नहीं कराए जाते हैं। इससे उनके कामकाज और सेवाओं की डिलीवरी प्रभावित होती है।

16वें वित्त आयोग के लिये प्रमुख विचारणीय विषय क्या हैं?

  • परिचय:
    • भारत में वित्त आयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।
      • इसका प्राथमिक कार्य केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की सिफारिश करना है।
    • 15वें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर, 2017 को किया गया था। इसने अपनी अंतरिम और अंतिम रिपोर्ट के माध्यम से 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाली छह वर्षों की अवधि को कवर करते हुए सिफारिशें कीं।
      • पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2025-26 तक मान्य हैं।
  • संदर्भ की शर्तें:
    • कर आय का विभाजन: संविधान के अध्याय-I के तहत केंद्र सरकार और राज्यों के बीच करों के वितरण की सिफारिश करना।
      • इसमें कर आय से राज्यों के बीच शेयरों का आवंटन शामिल है।
    • सहायता अनुदान के सिद्धांत: भारत की संचित निधि से राज्यों को सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की स्थापना करना।
      • इसमें विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 275 के अंतर्गत राज्यों को सहायता अनुदान के रूप में प्रदान की जाने वाली राशि का निर्धारण करना शामिल है।
    • स्थानीय निकायों के लिये राज्य निधि को बढ़ाना: राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के उपायों की पहचान करना।
      • इसका उद्देश्य राज्य के अपने वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर, राज्य के भीतर पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिये उपलब्ध संसाधनों को पूरक बनाना है।
    • आपदा प्रबंधन वित्तपोषण का मूल्यांकन: आयोग आपदा प्रबंधन पहल से संबंधित वर्तमान वित्तपोषण संरचनाओं की समीक्षा कर सकता है। 
      • इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत बनाए गए फंड की जाँच करना और सुधार या बदलाव के लिये उपयुक्त सिफारिशें प्रस्तुत करना शामिल है।

असम सरकार ने राज्य वित्त आयोग में नियुक्ति की

  • असम सरकार ने सातवें असम राज्य वित्त आयोग का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता (सेवानिवृत्त) और छह अन्य सदस्य होंगे।
  • 73वें और 74वें संविधान संशोधन द्वारा गठित राज्य वित्त आयोग (State Finance Commission- SFC) का उद्देश्य भारत में राज्य तथा उप-राज्य स्तर पर राजकोषीय संबंधों को सुव्यवस्थित करना है, जिसकी नियुक्तियाँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-I एवं 243-Y द्वारा शासित होती हैं।
    • अनुच्छेद 243-I: राज्य के राज्यपाल को प्रत्येक पाँच वर्ष में एक वित्त आयोग गठित करने का आदेश देता है।
    • अनुच्छेद 243Y: इसके तहत गठित वित्त आयोग नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा भी करेगा और राज्यपाल को सिफारिशें करेगा।

शहरी वित्त को बेहतर बनाने हेतु क्या कदम उठाने की आवश्यकता है?

  • नगर निगम के राजस्व को मज़बूत करना: सभी वित्त आयोगों ने नगर निगम के वित्त को बेहतर बनाने हेतु संपत्ति कर राजस्व को बढ़ाने की आवश्यकता को पहचाना है। उदाहरण के लिये:
    • 12वें वित्त आयोग ने संपत्ति कर प्रशासन में सुधार के लिये भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographical Information System- GIS) और डिजिटलीकरण के उपयोग को प्रोत्साहित किया।
    • 14वें वित्त आयोग ने अनुशंसा की कि नगर निकायों को खाली भूमि पर कर लगाने में सक्षम किया जाए।
  • कर प्रशासन का आधुनिकीकरण: पुरानी प्रणालियाँ अकुशलता और लीकेज का कारण बनती हैं। स्थानीय निकाय संपत्ति कर मूल्यांकन, ई-फाइलिंग और ऑनलाइन भुगतान के लिये डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू कर सकते हैं।
    • इससे पारदर्शिता बढ़ती है, नागरिकों को सुविधा मिलती है तथा संग्रह दर में वृद्धि होती है।
  • विशिष्ट सेवाओं के लिये उपयोगकर्त्ता शुल्क का पता लगाएँ: एक व्यापक कर संरचना के बजाय, कुछ सेवाओं हेतु उपयोगकर्त्ता शुल्क हो सकते हैं। यह पार्किंग, थोक जनरेटर के लिये अपशिष्ट संग्रह या मनोरंजन सुविधाओं पर लागू हो सकता है।
    • मुख्य बात यह सुनिश्चित करना है कि शुल्क उचित हो और सेवा प्रदान करने की लागत को प्रतिबिंबित करे। बेंगलुरु जैसे शहरों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये उपयोगकर्त्ता शुल्क को सफलतापूर्वक लागू किया है।
  • रणनीतिक संपत्ति प्रबंधन: स्थानीय निकायों के पास अक्सर कम उपयोग वाली संपत्तियाँ होती हैं। इन्हें वाणिज्यिक स्थानों, बाज़ारों या पार्किंग स्थलों के विकास के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnerships- PPP) के माध्यम से मुद्रीकृत किया जा सकता है।
    • इससे स्थानीय निकाय के अधिकार क्षेत्र में किराये की आय और आर्थिक गतिविधि उत्पन्न होती है। विश्व बैंक स्थानीय सरकारों के लिये बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये वित्तपोषण और विशेषज्ञता तक पहुँचने के साधन के रूप में PPP की सिफारिश करता है।
  • स्थानीय व्यवसायों और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: एक संपन्न स्थानीय अर्थव्यवस्था से स्थानीय निकायों के लिये उच्च कर राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके लिये किये जाने वाले पहलों में व्यवसाय लाइसेंस को सुव्यवस्थित करना, स्टार्टअप के लिये कर छूट की पेशकश करना या नवाचार केंद्र स्थापित शामिल हो सकता है।
    • अमेरिका में टेक्सास में स्थित शहर ऑस्टिन उद्यमियों के लिये अनुकूल परिवेश के लिये जाना जाता है, जिसके कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था समृद्ध हुई।
  • सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) का अन्वेषण: ये बाज़ार लाभ सृजन के साथ-साथ सामाजिक प्रभाव पर ध्यान केंद्रित वाले सामाजिक उद्यमों को पूंजी जुटाने का माध्यम प्रदान करते हैं। स्थानीय निकाय एक नया SSE स्थापित करने या पहले से मौजूद किसी के साथ सहयोग करने की व्यवहार्यता की जाँच कर सकते हैं।
    • इससे उन पहलों के लिये निवेश आकर्षित हो सकता है जिनसे स्थानीय सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ स्थानीय निकाय के लिये राजस्व उत्पन्न होता है।
  • वैल्यू कैप्चर तंत्र का क्रियान्वन: इसमें सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाओं के परिणामस्वरूप निजी संपत्तियों के मूल्य में हुए वर्द्धन के एक हिस्से का अधिग्रहण (कैप्चर) करना शामिल है।
    • हॉन्गकॉन्ग एक ऐसे शहर का प्रमुख उदाहरण है जो अवसंरचना परियोजनाओं के लिये भूमि मूल्य कैप्चर का प्रभावी ढंग से उपयोग करता है।

निष्कर्ष:

राजकोषीय हस्तांतरण सिद्धांतों की पुनः समीक्षा करके, वर्तमान शहरीकरण गतिशीलता के आधार पर कार्यप्रणाली को अद्यतन करके तथा शहरी क्षेत्रों के लिये IGT में पर्याप्त वृद्धि की सिफारिश कर उक्त चुनौतियों का समाधान करने में 16वाँ वित्त आयोग की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

  • इन सिफारिशों के परिणाम दूरगामी होंगे, जो भारत के आर्थिक विकास, सामाजिक समानता लक्ष्यों और शहरी केंद्रों में पर्यावरणीय स्थिरता प्रयासों को प्रभावित करेंगे। 
  • प्रभावी कार्यान्वयन के लिये नीतियों को संरेखित करने और देश में सतत् शहरी विकास सुनिश्चित करने के लिये केंद्र तथा राज्य सरकारों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: क्या 16वें वित्त आयोग द्वारा निधियों का वर्द्धित न्यागमन भारत में शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के समक्ष विद्यामान वित्त संबंधी प्रणालीगत चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकता है। विश्लेषण कीजिये।

और पढ़ें: 16वाँ वित्त आयोग

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2023) 

  1. जनांकिकीय निष्पादन  
  2. वन और पारिस्थितिकी  
  3. शासन सुधार  
  4. स्थिर सरकार  
  5. कर एवं राजकोषीय प्रयास

समस्तर कर-अवक्रमण के लिये पंद्रहवें वित्त आयोग ने उपर्युक्त में से कितने को जनसंख्या क्षेत्रफल और आय के अंतर के अलावा निकष के रूप में प्रयुक्त किया?  

(a) केवल दो
(b) केवल तीन 
(c) केवल चार
(d) सभी पाँच

उत्तर: (b)


प्रश्न. भारत के संविधान के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति का यह कर्त्तव्य है कि निम्नलिखित में से किसको संसद के समक्ष रखा जाए? (2012)

  1. केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशें
  2. लोक लेखा समिति की रिपोर्ट
  3. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट
  4. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत के वित्त आयोग के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (2011)

(a) यह बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये विदेशी पूंजी की आमद को प्रोत्साहित करता है।
(b) यह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के बीच वित्त के उचित वितरण की सुविधा प्रदान करता है।
(c) यह वित्तीय प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
(d) इस संदर्भ में कोई भी कथन (a), (b) और (c) सही नहीं है।

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. तेरहवें वित्त आयोग की अनुशंसाओं की विवेचना कीजिये जो स्थानीय शासन की वित्त-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये पिछले आयोगों से भिन्न हैं। (2013)