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RBI अधिशेष हस्तांतरण

  • 23 May 2023
  • 6 min read

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने केंद्र सरकार को अधिशेष धन के हस्तांतरण के लिये  मंज़ूरी दे दी है, जिससे राजकोषीय स्थिति को वृहत स्तर पर प्रोत्साहन मिला है।

  • लेखा वर्ष 2022-23 के लिये अधिशेष हस्तांतरण 87,416 करोड़ रुपए है, जो विगत वर्ष की तुलना में 188% अधिक है।

अधिशेष हस्तांतरण की वृद्धि में निहित कारक एवं इनका योगदान तथा प्रभाव: 

  • निहित कारकों का योगदान: 
    • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और तेल विपणन कंपनियों से उच्च लाभांश।
    • बिमल जालान समिति की सिफारिशों और मुद्रा मुद्रण शुल्क के अनुसार निवेश पर आय में वृद्धि, डॉलर संग्रह पर मूल्यांकन परिवर्तन, विदेशी परिसंपत्तियों का पुनर्मूल्यांकन और भंडार में समायोजन।
    • डॉलर के मुकाबले रुपए का अवमूल्यन अधिशेष हस्तांतरण को प्रभावित करता है।
    • अधिशेष वितरण ढाँचे पर उच्च दरें भुगतान में वृद्धि में योगदान करती हैं।
    • अमेरिकी खजाने में विदेशी मुद्रा और निवेश की बिक्री पर उच्च आय।
  • अधिशेष हस्तांतरण के प्रभाव:  
    • विनिवेश कार्यक्रम में अनिश्चितताओं के बीच विशेष रूप से राजकोषीय संख्या के प्रबंधन में सरकार के लिये राजकोषीय राहत
    • करों में उछाल और अन्य राजस्व स्रोतों में संभावित कमी की भरपाई में मदद करता है।
      • जब कोई कर उत्प्लावक होता है, तो कर की दर बढ़ाए बिना उसका राजस्व बढ़ जाता है।
    • बजट लक्ष्यों का समर्थन करने के लिये एक राजकोषीय प्रतिरोधक प्रदान करता है। 
  • विनिवेश कार्यक्रम पर अधिशेष हस्तांतरण प्रभाव:
    • कम विनिवेश, दूरसंचार भुगतान या कर राजस्व के कारण होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई में सहायता करता है।
    • राजकोषीय घाटे को अपेक्षाकृत आसानी से प्रबंधित करने की सरकार की क्षमता को बढ़ाता है।
  • तरलता और मौद्रिक नीति हेतु निहितार्थ: 
    • लाभांश प्रवाह और मुद्रा की मांग में सीज़नल मॉडरेशन के कारण निकट अवधि में घर्षण तरलता कम होने की उम्मीद है।
    • सख्त तरलता की स्थिति भविष्य में बनी रह सकती है, जिसके लिये  RBI  को वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में 1.5 लाख करोड़ रुपए के खुले बाज़ार परिचालन की आवश्यकता होगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिशेष कैसे उत्पन्न करता है?

  • RBI की आय:
    • घरेलू और विदेशी प्रतिभूतियों पर ब्याज।
    • इसकी सेवाओं से शुल्क और कमीशन।
    • विदेशी मुद्रा लेनदेन से लाभ।
    • सहायक और सहयोगियों से रिटर्न।
  • RBI के व्यय:
    • करेंसी नोटों की छपाई।
    • जमाराशियों और ऋणों पर ब्याज का भुगतान।
    • कर्मचारियों के वेतन और पेंशन।
    • कार्यालयों और शाखाओं के परिचालन व्यय।
    • आकस्मिकताओं और मूल्यह्रास के लिये प्रावधान।
  • अधिशेष: 
    • RBI की आय और व्यय के बीच का अंतर अधिशेष  कहलाता है।
    • भंडार और प्रतिधारित लाभ के लिये प्रावधान करने के बाद RBI,अधिशेष को सरकार को हस्तांतरित करता है।
    • भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 (अधिशेष लाभ का आवंटन) के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिशेष को स्थानांतरित करता है।
      • वाई एच मालेगाम (2013) की अध्यक्षता वाली RBI बोर्ड की एक तकनीकी समिति, जिसने भंडार की पर्याप्तता और अधिशेष वितरण नीति की समीक्षा की, ने सरकार को उच्च हस्तांतरण की सिफारिश की।  

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. यदि आर.बी.आई. प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा: (2020)

  1. वैधानिक तरलता अनुपात को घटाकर उसे अनुकूलित करना
  2. सीमांत स्थायी सुविधा दर को बढ़ाना
  3. बैंक दर को घटाना तथा रेपो दर को भी घटाना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b) 


प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2015)

  1. बैंक दर
  2. खुला बाज़ार परिचालन
  3. सार्वजनिक ऋण
  4. सार्वजनिक राजस्व

उपर्युक्त में से कौन-सा/से मौद्रिक नीति का/के घटक है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 2
(d) केवल 1, 3 और 4

उत्तर: (c) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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