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भारतीय राजव्यवस्था

आम चुनाव 2024 और गठबंधन सरकार

  • 06 Jun 2024
  • 16 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गठबंधन सरकार, आर्थिक सुधार, संघीय प्रणाली, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, भोजन का अधिकार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), आधार, वस्तु एवं सेवा कर (GST)

मेन्स के लिये:

गठबंधन सरकार के गुण और दोष, गठबंधन सरकारों की चुनौतियाँ

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार एक दशक तक लगातार दो कार्यकाल पूरा करने के बाद तीसरी बार सरकार में वापिस आई है।

  • हालाँकि, यह परिणाम एक पार्टी के प्रभुत्व के अंत का संकेत देता है और केंद्र में एक गठबंधन सरकार की वापसी का संकेत देता है।

गठबंधन सरकार क्या है?

  • परिचय:
    • गठबंधन सरकार को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है कि जब कई राजनीतिक दल मिलकर सरकार बनाते हैं और एक साझा कार्यक्रम के आधार पर राजनीतिक सत्ता का प्रयोग करते हैं।
    • आधुनिक संसदों में गठबंधन आमतौर पर तब होता है जब किसी एक राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता।
    • यदि निर्वाचित सदस्यों के बहुमत वाली कई पार्टियाँ अपनी नीतियों से बहुत अधिक समझौता किये बिना एक साझा योजना पर सहमत हों, तो वे सरकार बना सकती हैं।
  • गठबंधन सरकार की विशेषताएँ:
    • गठबंधन का तात्पर्य सरकार बनाने के लिये कम-से-कम दो पार्टियों के अस्तित्व से है।
      • गठबंधन राजनीति की पहचान विचारधारा नहीं बल्कि व्यावहारिकता है।
    • गठबंधन की राजनीति स्थिर नहीं बल्कि गतिशील मामला है क्योंकि गठबंधन के घटक और समूह विघटित हो जाते हैं तथा नए समूह बनाते हैं।
    • गठबंधन सरकार न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर कार्य करती है, जो गठबंधन के सभी सदस्यों की आकांक्षाओं को संतुष्ट नहीं कर सकती।
  • चुनाव पूर्व और चुनाव पश्चात् गठबंधन:
    • चुनाव पूर्व गठबंधन काफी लाभदायक होते हैं क्योंकि यह पार्टियों को संयुक्त घोषणापत्र के आधार पर मतदाताओं को लुभाने के लिये एक साझा मंच प्रदान करता है।
    • चुनाव-पश्चात संघ का उद्देश्य मतदाताओं को राजनीतिक सत्ता साझा करने तथा सरकार चलाने में सक्षम बनाना है।

गठबंधन पर पुंछी और सरकारिया आयोग की सिफारिशें:

  • पुंछी आयोग की संस्तुति: पुंछी आयोग ने स्पष्ट नियम स्थापित किये कि राज्यपालों को त्रिशंकु विधानसभाओं में मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति कैसे करनी चाहिये। ये दिशा-निर्देश राष्ट्रपति के लिये भी लागू हैं:
    • जिस पार्टी या पार्टियों के गठबंधन को विधानसभा में व्यापक समर्थन प्राप्त हो, उसे सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किया जाना चाहिये।
    • यदि कोई चुनाव पूर्व समझौता या गठबंधन पर आधारित है, तो उसे एक राजनीतिक दल माना जाना चाहिये और यदि ऐसे गठबंधन को बहुमत प्राप्त होता है, तो ऐसे गठबंधन के नेता को राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिये बुलाया जाएगा।
    • यदि किसी भी पार्टी या चुनाव पूर्व गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्यपाल को यहाँ दर्शाए गए वरीयता क्रम के आधार पर मुख्यमंत्री का चयन करना चाहिये।
      • चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाले दलों का समूह सबसे अधिक सीटें जीतता है।
      • सबसे बड़ी पार्टी द्वारा अन्य दलों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा।
      • चुनाव के बाद का गठबंधन जिसमें सभी सहयोगी सरकार में शामिल होंगे।
      • चुनाव-पश्चात् गठबंधन जिसमें कुछ दल सरकार में शामिल होंगे तथा शेष दल निर्दलीय होंगे, जो सरकार को बाह्य समर्थन प्रदान करेंगे।
  • सरकारिया आयोग ने पाया था कि भारतीय संघवाद में समस्याएँ केंद्र और राज्यों के बीच परामर्श तथा संवाद की कमी के कारण उत्पन्न होती हैं।
    • यह पाया गया कि अंतर-राज्यीय परिषद ने तब कार्य किया जब राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की प्रमुख भूमिका थी। यह गठबंधन सरकार की भूमिका को दर्शाता है जिसमें क्षेत्रीय दलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

2024 के आम चुनाव में अन्य घटनाक्रम:

  • महिलाएँ:
    • भारत ने वर्ष 2024 के आम चुनाव में लोकसभा के लिये 74 महिला सांसदों को चुना है, जो वर्ष 2019 की तुलना में चार कम और वर्ष 1952 में भारत के पहले चुनावों की तुलना में 52 अधिक है। सर्वाधिक 11 महिलाएँ पश्चिम बंगाल से चुनकर आई हैं।
    • ये 74 महिलाएँ निचले सदन की निर्वाचित संख्या का मात्र 13.63% हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका में यह संख्या 46%, ब्रिटेन में 35% तथा अमेरिका में 29% है।
    • इंदिरा गांधी भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं।

  • नोटा:
    • इंदौर विधानसभा में ‘इनमें से कोई नहीं’ (NOTA) विकल्प को 2 लाख से अधिक वोट प्राप्त हुए।
      • यह किसी भी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अब तक नोटा को मिले सर्वाधिक वोटों की संख्या है।
    • नोटा का विकल्प पहली बार वर्ष 2014 के आम चुनावों में पेश किया गया था।
    • नोटा का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है, क्योंकि यदि किसी सीट पर सबसे अधिक वोट नोटा को मिले हों, तो दूसरा सबसे सफल उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है।
      • हरियाणा में नोटा को एक काल्पनिक उम्मीदवार माना गया है।

गठबंधन सरकार के गुण और दोष क्या हैं?

  • गुण:
    • गठबंधन सरकार विभिन्न दलों को एक साथ लाकर संतुलित निर्णय लेती है तथा विभिन्न हितधारकों के हितों को संतुष्ट करती है।
    • भारत की विविध संस्कृतियाँ, भाषाएँ और समूह, गठबंधन सरकारों को एकदलीय सरकारों की तुलना में अधिक प्रतिनिधिक एवं लोकप्रिय जनमत को प्रतिबिंबित करते हैं।
    • गठबंधन की राजनीति, एकदलीय सरकार की तुलना में क्षेत्रीय ज़रूरतों के प्रति अधिक सजग रहकर भारत की संघीय प्रणाली को मज़बूत बनाती है।
  • दोष:
    • ये अस्थिर हैं क्योंकि गठबंधन सहयोगियों के बीच नीतिगत मुद्दों पर असहमति होने के कारण सरकार गिर सकती है।
    • गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री का अधिकार सीमित होता है क्योंकि महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले उन्हें गठबंधन सहयोगियों से परामर्श करना आवश्यक होता है।
    • गठबंधन सहयोगियों के लिये 'सुपर-कैबिनेट' की तरह संचालन समिति, शासन में कैबिनेट के अधिकार को सीमित करती है।
    • गठबंधन सरकार में छोटी पार्टियाँ संसद में अपने पात्रता  से अधिक की मांग करके महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं।
    • क्षेत्रीय दलों के नेता अपने क्षेत्र के विशिष्ट मुद्दों की वकालत करके राष्ट्रीय निर्णयों को प्रभावित करते हैं तथा गठबंधन वापसी के खतरे के तहत अपने हितों के अनुरूप कार्य करने के लिये केंद्र सरकार पर दबाव डालते हैं।
    • गठबंधन सरकार में, गठबंधन में शामिल सभी प्रमुख दलों के हितों के कारण मंत्रिपरिषद का विस्तार होता है।
    • गठबंधन सरकारों में, सदस्य अक्सर एक-दूसरे पर दोषारोपण करके गलतियों की ज़िम्मेदारी लेने से बचते हैं, इस प्रकार सामूहिक और व्यक्तिगत जवाबदेही दोनों से बचते हैं।

सुधारों में गठबंधन सरकारों की भूमिका क्या रही है?

निष्कर्ष:

  • अंतर्निहित चुनौतियों के बावजूद, गठबंधन सरकारें विविध मतों के लिये एक मंच प्रदान करती हैं और सर्वसम्मति से संचालित नीतियों को बढ़ावा दे सकती हैं।
  • पारस्परिक सम्मान, मज़बूत नेतृत्व और राष्ट्रीय प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की नींव पर निर्मित एक सुचारू रूप से कार्य करने वाला गठबंधन, एक जीवंत लोकतंत्र की जटिलताओं से निपट सकता है।
  • न्यायमूर्ति एम. एन. वेंकटचलैया आयोग की रिपोर्ट में स्थायी गठबंधन का विचार सुझाया गया है।
    • रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि यह बेहतर होगा कि भारत में सभी सरकारें, सभी स्तरों पर, अनिवार्य रूप से 50 से अधिक वोट शेयर प्राप्त करें।
    • इस अनुशंसा के माध्यम द्वारा न्यायमूर्ति वेंकटचलैया का तात्पर्य था कि केवल 50% से अधिक वोट शेयर वाली सरकार को ही शासन करने की आवश्यक वैधता प्राप्त होगी।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: भारतीय संदर्भ में गठबंधन सरकारों की चुनौतियों और निहितार्थों पर विवेचना कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. लोकसभा के उपाध्यक्ष के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)

  1. लोकसभा के कार्य-पद्धति और कार्य-संचालन नियमों के अनुसार, उपाध्यक्ष का निर्वाचन उस तारीख को होगा जो अध्यक्ष नियत करे।
  2. यह आज्ञापक उपबंध है कि लोकसभा के उपाध्यक्ष के रूप में किसी प्रतियोगी का निर्वाचन या तो मुख्य विपक्षी दल से, या शासक दल से, होगा।
  3. सदन की बैठक की अध्यक्षता करते समय उपाध्यक्ष की शक्ति वैसी ही होती है जैसी कि अध्यक्ष की और उसके विनिर्णयों के विरुद्ध कोई अपील नहीं हो सकती।
  4. उपाध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में सुस्थापित संसदीय पद्धति यह है कि प्रस्ताव अध्यक्ष द्वारा रखा जाता है और प्रधानमंत्री द्वारा विधिवत समर्थित होता है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं ?

(a) केवल 1 और 3
(b) 1, 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 2 और 4

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. आपकी दृष्टि में, भारत में कार्यपालिका की जवाबदेही को निश्चित करने में संसद कहाँ तक समर्थ है? (2021)

प्रश्न. आपके विचार में सहयोग, स्पर्धा एवं संघर्ष ने किस प्रकार से भारत में महासंघ को किस सीमा तक आकार दिया है? अपने उत्तर को प्रमाणित करने के लिये कुछ हालिया उदाहरण उद्धत कीजिये। (2020)

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