भारतीय राजव्यवस्था
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल
- 10 Dec 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत निर्वाचन आयोग, राष्ट्रीय और राज्य दलों की घोषणा, पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दल, जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम 1951 मेन्स के लिये:राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय के रूप में मान्यता देने की प्रक्रिया |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में गुजरात चुनाव के परिणाम के बाद आम आदमी पार्टी भारत की 9वीं राष्ट्रीय पार्टी बन गई, जहाँ उसे कुल वोट का लगभग 13% प्राप्त हुआ।
- पहले आम चुनाव (1952) के समय भारत में 14 राष्ट्रीय दल थे।
नोट:
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) चुनाव के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और उन्हें उनके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दलों के रूप में मान्यता प्रदान करता है।
- अन्य दलों को केवल पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दलों के रूप में घोषित किया जाता है।
- जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम 1951 के अनुसार पंजीकृत राजनीतिक दल समय के साथ 'राज्य दल' या ‘राष्ट्रीय दल’ के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकते हैं।
राष्ट्रीय दल (National Party):
- परिचय: जैसा कि नाम से पता चलता है, इसकी एक क्षेत्रीय दल के विपरीत राष्ट्रव्यापी उपस्थिति होती है, जो केवल एक विशेष राज्य या क्षेत्र तक ही सीमित नहींं है।
- एक निश्चित कद राष्ट्रीय दल के साथ जुड़ा होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि उसका बहुत अधिक राष्ट्रीय राजनीतिक प्रभाव हो।
- किसी पार्टी को 'राष्ट्रीय' घोषित करने की शर्तें:
- ECI की राजनीतिक दल और चुनाव चिह्न, 2019 पुस्तिका के अनुसार, एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल माना जाएगा यदि:
- यह चार या अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में 'मान्यता प्राप्त' हो; या
- लोकसभा या राज्यों के विधानसभा चुनावों में 4 अलग-अलग राज्यों से कुल वैध मतों के 6 प्रतिशत मत प्राप्त करे तथा इसके अतिरिक्त 4 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करे। या
- यदि उसने कम से कम 3 राज्यों से लोकसभा में कुल सीटों का कम से कम 2% सीटें जीती हो।
- ECI की राजनीतिक दल और चुनाव चिह्न, 2019 पुस्तिका के अनुसार, एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल माना जाएगा यदि:
किसी दल को राज्य स्तरीय दल कैसे घोषित किया जाता है?
- किसी दल को किसी राज्य में राज्यस्तरीय दल के रूप में मान्यता दी जाती है यदि निम्न में से कोई भी शर्त पूरी होती है:
- यदि यह संबंधित राज्य विधान सभा के आम चुनाव में राज्य में डाले गए वैध मतों का 6% मत प्राप्त करता है और साथ ही यह उसी राज्य विधान सभा में 2 सीटें जीतता है।
- यदि यह लोकसभा के आम चुनाव में राज्य में कुल वैध मतों का 6% प्राप्त करता है और साथ ही यह उसी राज्य से लोकसभा में 1 सीट जीतता है।
- यदि यह संबंधित राज्य की विधानसभा के आम चुनाव में विधान सभा में 3% सीटें जीतता है या विधानसभा में 3 सीटें (जो भी अधिक हो) जीतता है।
- यदि वह संबंधित राज्य से लोकसभा के आम चुनाव में राज्य को आवंटित प्रत्येक 25 सीटों या उसके किसी खंड के लिये लोकसभा में 1 सीट जीतती है।
- यदि यह राज्य या राज्य विधान सभा के लिये लोकसभा के आम चुनाव में राज्य में डाले गए कुल वैध मतों का 8% मत प्राप्त करता है।
राष्ट्रीय/राज्य घोषित किये जाने के महत्त्व
- आयोग द्वारा दलों को प्रदान की गई मान्यता उनके लिये कुछ विशेषाधिकारों के अधिकार का निर्धारण करती है, जैसे चुनाव चिह्न का आवंटन, राज्य नियंत्रण, टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों पर राजनीतिक प्रसारण हेतु समय का उपबंध एवं निर्वाचन सूचियों को प्राप्त करने की सुविधा।
- इन दलों को चुनाव के समय 40 "स्टार प्रचारक" (पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दलों को 20 "स्टार प्रचारक" रखने की अनुमति है) रखने की अनुमति है।
- प्रत्येक राष्ट्रीय दल को एक चुनाव चिह्न प्रदान किया जाता है जो पूरे देश में विशिष्टतः उसी के लिये आरक्षित होता है। यहाँ तक कि उन राज्यों में भी जहाँ वह चुनाव नहीं लड़ रही है।
- एक राज्य दल के लिये आवंटित चुनाव चिह्न विशेष रूप से उस राज्य/राज्यों में इसके उपयोग के लिये आरक्षित है जिसमें इसे मान्यता प्राप्त है।