विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
हीमोफीलिया A के लिये जीन थेरेपी
- 04 Mar 2024
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, हीमोफिलिया A, DNA प्रौद्योगिकी, रमन प्रभाव, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स, माया OS, चंद्रयान- 3 मिशन, गगनयान मिशन मेन्स के लिये:हीमोफीलिया A के लिये जीन थेरेपी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियाँ। |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- 2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC) वेल्लोर में हीमोफिलिया A (FVIII की कमी) के लिये जीन थेरेपी का पहला मानव नैदानिक परीक्षण किया।
- इस कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया।
हीमोफीलिया A क्या है?
- परिचय: हीमोफीलिया दुर्लभ रक्तस्राव विकारों का एक समूह है जो विशिष्ट थक्के कारकों में जन्मजात कमी के कारण होता है। सबसे प्रचलित रूप हीमोफीलिया A है।
- एक महत्त्वपूर्ण रक्त का थक्का बनाने वाले प्रोटीन, जिसे फैक्टर VIII के नाम से जाना जाता है, की कमी के कारण हीमोफीलिया A होता है।
- इस कमी के कारण, व्यक्तियों को चोट लगने के बाद लंबे समय तक रक्तस्राव का अनुभव होता है, क्योंकि उनका रक्त जमने में सामान्य से अधिक समय लगता है।
- कारण: यह मुख्य रूप से वंशागत (आनुवंशिक) विकार है और X-लिंक्ड रिसेसिव पैटर्न का अनुसरण करता है, जिसका अर्थ है कि फैक्टर VIII उत्पादन के लिये ज़िम्मेदार जीन X गुणसूत्र पर स्थित है।
- पुरुषों में एक X और एक Y गुणसूत्र होता है, जबकि महिलाओं में दो X गुणसूत्र होते हैं।
- यदि किसी पुरुष में अपनी माँ से दोषपूर्ण जीन वाले X गुणसूत्र की वंशागति है, तो उसे हीमोफीलिया A होगा।
- दोषपूर्ण प्रतिलिपीकरण वाली महिलाओं को आम तौर पर लक्षणों का अनुभव नहीं होता है क्योंकि अन्य X गुणसूत्र आमतौर पर पर्याप्त फैक्टर VIII प्रदान करते हैं।
- हालाँकि महिलाओं को हीमोफीलिया A हो सकता है यदि उन्हें प्रत्येक माता-पिता से एक की दो दोषपूर्ण प्रतिलिपीकरण की वंशागति (बहुत असामान्य) प्राप्त होती हैं।
- पुरुषों में एक X और एक Y गुणसूत्र होता है, जबकि महिलाओं में दो X गुणसूत्र होते हैं।
- लक्षण: हीमोफीलिया A की गंभीरता रक्त में फैक्टर VIII गतिविधि के स्तर के आधार पर भिन्न होती है। सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित लक्ष्ण परिलक्षित हो सकते हैं:
- मामूली चोट (कटने, खरोंच लगने) में भी आघात और अत्यधिक रक्तस्राव होना।
- जोड़ों (विशेष रूप से घुटनों, कोहनी और टखनों) में रक्तस्राव, जिससे दर्द, सूजन और कठोरता होती है।
- सर्जरी या दंत प्रक्रियाओं के बाद रक्तस्राव।
- उपचार: उपचार में अदृश्य रक्त के थक्के जमने वाले कारक को बदलना भी शामिल है ताकि रक्त ठीक से जम सके। यह आमतौर पर किसी व्यक्ति की नस के उपचार उत्पादों को इंजेक्ट करके किया जाता है, जिसे क्लॉटिंग फैक्टर कॉन्संट्रेट कहा जाता है। उपलब्ध क्लॉटिंग कारक सांद्रण के दो मुख्य प्रकार का होता है:
- प्लाज़्मा-व्युत्पन्न कारक सांद्रण: मानव प्लाज़्मा से प्राप्त रक्त का तरल घटक है जिसमें क्लॉटिंग कारकों सहित विभिन्न प्रोटीन होते हैं।
- पुनः संयोजक कारक सांद्रण: वर्ष 1992 में प्रस्तुत, पुनर्योगज कारक सांद्रण आनुवंशिक रूप से DNA तकनीक का उपयोग करके निर्मित किये जाते हैं और साथ ही यह मानव प्लाज़्मा पर निर्भर नहीं होते हैं।
- वे प्लाज़्मा अथवा एल्बुमिन से मुक्त होते हैं, जिससे रक्तजनित वायरस फैलने का खतरा समाप्त हो जाता है।
- हालाँकि जीन थेरेपी अब प्रमुखता प्राप्त कर रही है।
- हाल के परीक्षणों में, उन्होंने एक नई विधि का उपयोग किया जिसमें एक विशेष प्रकार के वायरस का उपयोग करना शामिल है जिसे लेंटिवायरल वेक्टर कहा जाता है ताकि एक जीन डाला जा सके जो रोगी की स्वयं की स्टेम कोशिकाओं में FVIII उत्पन्न करती है।
- जब ये संशोधित स्टेम कोशिकाएँ विशिष्ट प्रकार की रक्त कोशिकाओं में विकसित होती हैं जो FVIII द्वारा उत्पन्न होती हैं।
- एक्वायर्ड हीमोफीलिया A: जबकि हेमोफिलिया A आमतौर पर विरासत में मिलता है, इसे जीवन में बाद में ऑटो-एंटीबॉडी लक्ष्यीकरण कारक VIII के परिणामस्वरूप भी प्राप्त किया जा सकता है।
- यह स्थिति जिसे एक्वायर्ड हीमोफिलिया A के रूप में जाना जाता है, यह दुर्लभ भी है और साथ ही इसकी शुरुआत एवं प्रगति भिन्न होती है।
नोट: विश्व हीमोफीलिया दिवस प्रतिवर्ष 17 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हीमोफीलिया के साथ-साथ अन्य वंशानुगत रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया (WHF) के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल के सम्मान में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्या है?
- सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा वर्ष 1928 में 'रमन प्रभाव' की खोज की याद में प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, जिसके लिये उन्हें वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
- रमन प्रभाव सामग्रियों की पहचान करने की एक विधि है जो इस आधार पर होती है कि वे किस प्रकार प्रकाश फैलाते हैं।
- किसी पदार्थ पर प्रकाश डालकर, वैज्ञानिक उसके अणुओं के साथ संपर्क करने के अनूठे तरीके का विश्लेषण कर सकते हैं, जिससे उसकी रासायनिक संरचना का पता चलता है।
- इस दिवस का उद्देश्य विज्ञान आधारित सोच का वर्धन करना, विज्ञान को लोकप्रिय बनाना और लोगों में वैज्ञानिक सोच का सृजन कर नवीन गतिविधियों को प्रोत्साहित करना तथा एक सकारात्मक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्कृति का निर्माण करना है।
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम: 'विकसित भारत के लिये स्वदेशी तकनीक'।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की हालिया प्रगति क्या हैं?
- विश्व में स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत का स्थान तीसरा है जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं जो उल्लेखनीय उद्यमशीलता विकास का प्रदर्शन कर रहे हैं।
- भारत के जैव-अर्थव्यवस्था क्षेत्र में विगत दशक में 13 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई जिसका मूल्य वर्ष 2024 में लगभग 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- भारत वैज्ञानिक अनुसंधान प्रकाशनों के लिये विश्व के शीर्ष पाँच देशों में शामिल है और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत का स्थान 40वाँ है जो नवाचार के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
- अरोमा मिशन और पर्पल रिवोल्यूशन जैसी नवीन पहलों ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है जिससे कृषि-स्टार्टअप के एक संपन्न समुदाय को प्रोत्साहन मिला है।
- भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित माया OS ने विदेशी संस्थाओं से ऑनलाइन खतरों से सुरक्षा प्रदान करते हुए साइबर सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ किया है।
- भारत के बौद्धिक संपदा परिदृश्य में वृद्धि हुई है जिसके तहत पेटेंट फाइलिंग 90,000 से अधिक हो गई है जो दो दशकों में सबसे अधिक है।
- चंद्रयान-3 मिशन की सफलता ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की शक्ति को प्रदर्शित किया है जिससे ऐतिहासिक गगनयान मिशन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
- संबंधित सरकारी पहल:
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