भारतीय अर्थव्यवस्था
वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023
- 03 Oct 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO), संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और ओशिनिया (SEAO) क्षेत्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्लस्टर मेन्स के लिये:ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2023, नवाचार के क्षेत्र में भारत की वृद्धि और विकास |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization- WIPO) द्वारा प्रकाशित वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 रैंकिंग में भारत ने 40 वाँ स्थान प्राप्त किया है।
- वर्ष 2023 का सूचकांक इस वर्ष विश्वभर की की 132 अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे नवीन अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग प्रदान करता है तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष 100 नवाचार समूहों की पहचान करता है।
नोट: प्रतिवर्ष जारी किया जाने वाला वैश्विक नवाचार सूचकांक(Global Innovation Index- GII) किसी अर्थव्यवस्था के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के प्रदर्शन का आकलन करने के लिये एक प्रमुख उपकरण है। यह एक प्रमुख बेंचमार्किंग उपकरण भी है जिसका उपयोग नीति निर्माताओं, व्यापारियों तथा अन्य हितधारकों द्वारा बढ़ते समय के साथ नवाचार के क्षेत्र में हो रही प्रगति का आकलन करने के लिये किया जाता है।
WIPO:
- WIPO बौद्धिक संपदा (Intellectual Property- IP) सेवाओं, नीति, सूचना और सहयोग के लिये वैश्विक मंच है।
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है, जिसके 193 सदस्य देश हैं।
- इसका उद्देश्य एक संतुलित और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय IP प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सभी के लाभ के लिये नवाचार एवं रचनात्मकता को सक्षम बनाता है।
- इसका अधिदेश, शासी निकाय और प्रक्रियाएँ WIPO अभिसमय में निर्धारित की गई हैं, जिसने वर्ष 1967 में WIPO की स्थापना की थी।
सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ:
- वर्ष 2023 में सर्वाधिक नवोन्मेषी अर्थव्यवस्थाएँ:
- वर्ष 2023 में स्विट्ज़रलैंड सबसे नवोन्मेषी अर्थव्यवस्था है, इसके बाद स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर हैं।
- सिंगापुर ने शीर्ष पाँच में प्रवेश किया है और दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया एवं ओशिनिया (SEAO) क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी स्थान हासिल किया है।
- वर्ष 2023 में स्विट्ज़रलैंड सबसे नवोन्मेषी अर्थव्यवस्था है, इसके बाद स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर हैं।
- विश्व में शीर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) क्लस्टर:
- वर्ष 2023 में विश्व के शीर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार क्लस्टर टोक्यो-योकोहामा हैं, इसके बाद शेन्ज़ेन-हांगकांग-गुआंगज़ौ, सियोल, बीजिंग व शंघाई-सूज़ौ हैं।
- S&T क्लस्टर विश्व के वे क्षेत्र हैं जहाँ आविष्कारकों और वैज्ञानिक लेखकों का घनत्व सबसे अधिक है।
- चीन के पास अब संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व में सबसे अधिक संख्या में क्लस्टर हैं।
- वर्ष 2023 में विश्व के शीर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार क्लस्टर टोक्यो-योकोहामा हैं, इसके बाद शेन्ज़ेन-हांगकांग-गुआंगज़ौ, सियोल, बीजिंग व शंघाई-सूज़ौ हैं।
भारत से संबंधित प्रमुख विशेषताएँ:
- समग्र रैंकिंग और विकास:
- भारत ने नवीनतम GII वर्ष 2023 में 40वाँ स्थान हासिल किया, जो वर्ष 2015 में 81वें स्थान के बाद से उल्लेखनीय बढ़त को दर्शाता है।
- यह बढ़त पिछले आठ वर्षों में नवाचार में भारत की निरंतर और पर्याप्त वृद्धि को उजागर करती है।
- भारत ने 37 निम्न-मध्यम आय वाले देशों में शीर्ष स्थान हासिल किया और मध्य एवं दक्षिण अमेरिका की 10 अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी स्थान हासिल किया।
- प्रमुख संकेतकों ने भारत के मज़बूत नवाचार परिदृश्य की पुष्टि की, जिसमें ICT सेवाओं के निर्यात में महत्त्वपूर्ण रैंकिंग प्राप्त उद्यम पूंजी, विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक एवं वैश्विक कॉर्पोरेट R&D निवेशक शामिल हैं।
- भारत ने नवीनतम GII वर्ष 2023 में 40वाँ स्थान हासिल किया, जो वर्ष 2015 में 81वें स्थान के बाद से उल्लेखनीय बढ़त को दर्शाता है।
- S&T क्लस्टर:
- चीन के 24 और अमेरिका के 21 क्लस्टर की तुलना में भारत में विश्व के शीर्ष 100 में केवल 4 S&T क्लस्टर हैं। ये चेन्नई, बंगलूरू, मुंबई और दिल्ली हैं।
- भारत की प्रगति:
- भारत की प्रगति का श्रेय भारत में बुद्धिजीवियों की प्रचुरता और एक संपन्न स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ सार्वजनिक एवं निजी अनुसंधान संगठनों के सराहनीय प्रयासों को दिया जाता है।
- कोविड-19 महामारी ने देश के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप चुनौतियों से निपटने में नवाचार की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।
- सुधार की आवश्यकता:
- कुछ क्षेत्रों में विशेषकर बुनियादी ढाँचे, व्यावसायिक परिष्कार और संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है।
- इन अंतरालों को कम करने के लिये नीति आयोग (NITI Aayog) इलेक्ट्रिक वाहनों, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में नीति-आधारित नवाचार को बढ़ावा देने के लिये सक्रिय रूप से कार्यरत है।
- कुछ क्षेत्रों में विशेषकर बुनियादी ढाँचे, व्यावसायिक परिष्कार और संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है।