दृष्टि ही क्यों?
सिविल सेवा परीक्षा के विस्तृत पाठ्यक्रम एवं पाठ्यक्रम की परिवर्तनशील प्रकृति को देखते हुए अभ्यर्थियों के समक्ष जो सबसे बड़ी मुश्किल आती है, वो ये है कि निश्चित समय-सीमा (सामान्यतः डेढ़-दो वर्षों) में इतने विस्तृत पाठ्यक्रम को पूरी तरह से तैयार कैसे किया जाए? हिन्दी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिये तो यह चुनौती और भी बड़ी हो जाती है। ऐसे में, अभ्यर्थियों के समक्ष एक ही विकल्प उभरकर आता है- कोचिंग संस्थान। लेकिन यहाँ समस्या ये आती है कि कौन-सी कोचिंग उनके लिये बेहतर रहेगी, इसका चयन कैसे किया जाए ? हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के समक्ष इस परीक्षा की तैयारी के दौरान आने वाली तमाम समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दृष्टि संस्थान ने एक समग्र अकादमिक कार्यक्रम तैयार किया है।
दृष्टि: द विज़न के अकादमिक कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ-
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सबसे पहले तो यह समझना ज़रूरी है कि सामान्य अध्ययन के प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम को एक-दूसरे से एकदम पृथक नहीं किया जा सकता है, क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा का 80 फीसदी से अधिक पाठ्यक्रम मुख्य परीक्षा के साथ ही पढ़ाया जाता है।
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यह बात सत्य है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले हिन्दी माध्यम के अधिकांश उम्मीदवारों की न तो अकादमिक पृष्ठभूमि ही पर्याप्त मज़बूत होती है और न ही पाठ्यक्रम की विषयवस्तु की अच्छी समझ होती है।
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ऐसे विद्यार्थियों की अकादमिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दृष्टि संस्थान ने अपने अकादमिक कार्यक्रम को समावेशी प्रकृति का बनाया है, ताकि किसी भी तरह की अकादमिक पृष्ठभूमि का अभ्यर्थी किसी कारण से इस प्रतिस्पर्द्धा में अन्य प्रतियोगियों से पीछे न रहे।
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हमारे अकादमिक सत्र की कुल समयावधि 16-17 महीनों की है। एकबारगी देखने पर यह समयावधि आपको ज़्यादा लग सकती है, लेकिन किसी अन्य संस्थान की तरह हम अध्यापन की चयनात्मक पद्धति को न तो अपनाते है और न ही सिविल सेवा परीक्षा के लिये इसे उचित समझते हैं, अतः सिविल सेवा परीक्षा में विस्तृत एवं परिवर्तनशील प्रकृति के पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से तैयार करने के लिये यह समयावधि एकदम उचित है।
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विद्यार्थियों के अकादमिक स्तर और अध्ययन की सहजता को ध्यान में रखते हुए हमने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा निर्धारित सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम को विभिन्न उप-खंडों में वर्गीकृत किया है ताकि जिन विषयों का पाठ्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से उल्लेख नहीं है (लेकिन परीक्षा में अक्सर उनसे प्रश्न पूछे जाते हैं या पूछे जाने की सम्भावना रहती है), उन पर भी पर्याप्त ध्यान देते हुए तैयार किया जा सके।
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वस्तुतः हम यह मानकर चलते हैं कि अगर किसी विद्यार्थी ने स्नातक किया है तो उसके अंदर विभिन्न अवधारणाओं को समझने की क्षमता तो विकसित होगी। इसके बाद हम प्रत्येक विषय को बिल्कुल बेसिक स्तर से शुरू करते हैं।
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कक्षा के दौरान अध्यापक विभिन्न विषयों से संबंधित जटिल अवधारणाओं को रोज़मर्रा के जीवन से जुड़ी घटनाओं से जोड़कर समझाते हैं।
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अगर किसी अवधारणा को समझाने के लिये विद्यार्थियों को कोई वीडियों क्लिप या मानचित्र दिखाना आवश्यक है, तो उसके लिये सभी कक्षाओं में दो-तीन प्रोजेक्टर लगे हुए हैं।
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अगर किसी विद्यार्थी को पढ़ाए गए विषय में किसी अवधारणा, घटना या तथ्य के संबंध में कोई संदेह (doubt) है या फिर समझने में समस्या आ रही है तो इस कार्य में संस्थान की शोध टीम विद्यार्थियों की मदद करती है।
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‘दृष्टि : द विज़न’ की शोध टीम कई उप-टीमों में विभाजित है, जिनमें कुल मिलाकर 250 से अधिक पूर्णकालिक सदस्य कार्यरत हैं।
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ये सभी सदस्य ऐसे हैं जिन्हें सिविल सेवा परीक्षा का लंबा अनुभव है और साथ ही सामान्य अध्ययन के विभिन्न खंडों और वैकल्पिक विषयों में विशेषज्ञता हासिल है।
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सभी विद्यार्थियों को दैनिक उत्तर लेखन हेतु प्रतिदिन अभ्यास प्रश्न दिये जाते हैं, विद्यार्थी उन प्रश्न के उत्तर लिखकर कक्षा के बाहर नोट्स काउंटर पर जमा कर देते हैं।
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ये उत्तर अगले 5-6 दिनों में मूल्यांकन के साथ वापस विद्यार्थी को मिल जाते हैं। दैनिक उत्तर लेखन के अतिरिक्त, नियमित अंतराल पर (सामान्यतः महीने में दो बार) क्रमशः प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के प्रारूप पर आधारित जाँच परीक्षाएँ (Tests) भी आयोजित की जाती हैं।
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जाँच परीक्षा उत्तर मूल्यांकन के लिये दो विशेषज्ञ टीमें हैं, जिनमें एक टीम दैनिक उत्तर लेखन तथा कक्षा में नियमित अंतराल पर होने वाली जाँच परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करती है, जबकि दूसरी टीम प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की टेस्ट सीरीज़ के प्रश्नोत्तर तैयार करने एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य संभालती है।
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कक्षा में अध्यापकों द्वारा लिखवाई गई विषयवस्तु के अलावा संस्थान की तरफ से विद्यार्थियों को प्रत्येक विषय के लिये अध्यायवार ढंग से अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है।
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हम विद्यार्थियों को किसी भी विषय की अध्ययन सामग्री एक-साथ उपलब्ध नहीं कराते हैं, बल्कि हर दूसरे-तीसरे दिन जब नया अध्याय शुरू होता है तो अध्यायवार ढंग से पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसका लाभ ये है कि अगर किसी विषय के लिये या फिर पूरे पाठ्यक्रम की पाठ्य सामग्री एक-साथ दे दी जाए तो विद्यार्थी पर उसका अनावश्यक दबाव बनेगा जिससे वह न चाहते हुए भी उस पाठ्य सामग्री को पूरा नहीं पढ़ पाएगा। अध्यायवार ढंग से अध्ययन सामग्री देने का लाभ ये होता है कि अध्यापक को कोई भी अध्याय पढ़ाने में लगभग 3-4 दिनों का समय होता है और किसी अध्याय को पढ़ाने से पहले उससे संबंधित जो पाठ्य सामग्री दी जाती है उसमें भी अधिकतम 10-12 पेज होते हैं। ऐसे में विद्यार्थी कक्षा के साथ-साथ पूरे पाठ्यक्रम को अच्छे से पढ़ पाता है।
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विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाने वाली अध्ययन सामग्री विश्वसनीय एवं स्तरीय पाठ्य पुस्तकों एवं सरकारी दस्तावेज़ों और वेबसाइटों से प्राप्त सामग्री से तैयार की जाती है और इस सामग्री को नियमित रूप से अपडेट भी किया जाता है।
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करेंट अफेयर्स के लिये संस्थान चार स्तरों पर कार्य करता है- पहला, दृष्टि पब्लिकेशन्स द्वारा मासिक रूप से प्रकाशित हिन्दी माध्यम की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका “दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे” नियमित रूप से विद्यार्थियों को वितरित की जाती है। दूसरा, प्रतिदिन अंग्रेज़ी के एक प्रमुख समाचार पत्र से एक महत्त्वपूर्ण लेख का भावानुवाद करके उससे संबंधित मुख्य परीक्षा का एक प्रश्न बनाकर रोज़ाना विद्यार्थियों को दिया जाता है। तीसरा, हिन्दी के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित महत्त्वपूर्ण लेखों का अर्द्ध-मासिक संकलन वितरित किया जाता है। चौथा, दृष्टि समूह की वेबसाइट www.drishtiias.com पर प्रतिदिन अंग्रेज़ी के समाचार पत्रों से महत्त्वपूर्ण समाचारों (News) एवं लेखों (Articles) का हिन्दी में विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है और प्रतिदिन करेंट अफेयर्स से संबंधित दैनिक अभ्यास प्रश्न भी दिये जाते हैं, इन अभ्यास प्रश्नों के साथ इनके व्याख्या सहित उत्तर भी दिये जाते हैं।
इसके अतिरिक्त, दृष्टि समूह की इसी वेबसाइट www.drishtiias.com पर सिविल सेवा परीक्षा एवं विभिन्न राज्य सिविल सेवा यानी पी.सी.एस. परीक्षाओं की तैयारी से जुड़ी हर तरह की पाठ्य सामग्री अद्यतन रूप से उपलब्ध रहती है।
कुल मिलाकर, अगर कोई विद्यार्थी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिये दृष्टि संस्थान में एडमिशन लेता है तो उसको बस नियमित रूप से हमारे अकादमिक कार्यक्रम का अनुसरण करना है, सफलता निश्चित रूप से उसका वरण करेगी। इसी मूल ध्येय से हम अपना कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं।