विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
गगनयान मिशन
- 11 Dec 2021
- 5 min read
प्रिलिम्स के लिये:शुक्रयान मिशन, गगनयान मिशन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन मेन्स के लिये:भारत के संदर्भ में गगनयान मिशन का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री ने जानकारी साझा की है कि चालक दल युक्त गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) को वर्ष 2023 में लॉन्च किया जाएगा।
- देश का पहला अंतरिक्ष स्टेशन 2030 तक स्थापित होने की संभावना है।
प्रमुख बिंदु
- गगनयान मिशन के बारे में:
- गगनयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) का एक मिशन है।
- इस मिशन के तहत:
- तीन अंतरिक्ष अभियानों को कक्षा में भेजा जाएगा।
- इन तीन अभियानों में से 2 मानवरहित होंगे, जबकि एक मानव युक्त मिशन होगा।
- मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, जिसे ऑर्बिटल मॉड्यूल कहा जाता है, में एक महिला सहित तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।
- यह मिशन 5-7 दिनों की अवधि में पृथ्वी से 300-400 किमी. की ऊँचाई पर लो अर्थ ऑर्बिट में पृथ्वी का चक्कर लगाएगा।
- उस लॉन्च के साथ भारत अमेरिका, चीन और रूस राष्ट्रों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
- पेलोड:
- पेलोड में शामिल होंगे:
- क्रू मॉड्यूल- मानव को ले जाने वाला अंतरिक्षयान।
- सर्विस मॉड्यूल- दो तरल प्रणोदक इंजनों द्वारा संचालित।
- यह आपातकालीन निकास और आपातकालीन मिशन अबोर्ट व्यवस्था से लैस होगा।
- पेलोड में शामिल होंगे:
- प्रमोचन:
- गगनयान के प्रमोचन हेतु तीन चरणों वाले GSLV Mk III का उपयोग किया जाएगा जो भारी उपग्रहों के प्रमोचन में सक्षम है। उल्लेखनीय है कि GSLV Mk III को प्रमोचन वाहन मार्क-3 (Launch Vehicle Mark-3 or LVM 3) भी कहा जाता है।
- गगनयान के प्रमुख मिशन जैसे क्रू एस्केप सिस्टम प्रदर्शन के लिये टेस्ट वेहिकल फ्लाइट (Test Vehicle Flight) और गगनयान (G1) का पहला मानव रहित मिशन अगले वर्ष (2022) की दूसरी छमाही की शुरुआत के दौरान भेजने हेतु निर्धारित अवधि है।
- इसके बाद वर्ष 2022 के अंत में दूसरा मानव रहित मिशन 'व्योममित्र' को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा, जो इसरो द्वारा विकसित एक अंतरिक्ष यात्री मानव रोबोट है और अंतत: वर्ष 2023 में चालक दल युक्त गगनयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा ।
- गगनयान के प्रमोचन हेतु तीन चरणों वाले GSLV Mk III का उपयोग किया जाएगा जो भारी उपग्रहों के प्रमोचन में सक्षम है। उल्लेखनीय है कि GSLV Mk III को प्रमोचन वाहन मार्क-3 (Launch Vehicle Mark-3 or LVM 3) भी कहा जाता है।
- महत्त्व:
- यह देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्तर को बढ़ाने तथा युवाओं को प्रेरित करने में मदद करेगा।
- गगनयान मिशन में विभिन्न एजेंसियों, प्रयोगशालाओं, उद्योगों और विभागों को शामिल किया जाएगा।
- यह औद्योगिक विकास में सुधार करने में मदद करेगा।
- हाल ही में सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ाने हेतु किये जा रहे सुधारों के क्रम में एक नए संगठन IN-SPACe के गठन की घोषणा की है।
- यह सामाजिक लाभों के लिये प्रौद्योगिकी के विकास में मदद करेगा।
- यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
- कई देशों के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station-ISS) पर्याप्त नहीं हो सकता है क्योंकि क्षेत्रीय पारिस्थितिक तंत्र को भी ध्यान में रखना आवश्यक होता है, अतः गगनयान मिशन क्षेत्रीय ज़रूरतों- खाद्य, जल एवं ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- यह देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्तर को बढ़ाने तथा युवाओं को प्रेरित करने में मदद करेगा।
- भारत की अन्य आगामी परियोजनाएँ:
- चंद्रयान- 3 मिशन: भारत ने एक नए चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की योजना बनाई है जिसे वर्ष 2021 में लॉन्च किये जाने की संभावना है।
- एल-1 आदित्य सोलर (2022-23 के लिये): यह सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला वैज्ञानिक अभियान है। यह एस्ट्रोसैट के बाद इसरो का दूसरा अंतरिक्ष-आधारित खगोल विज्ञान मिशन होगा, जिसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
- शुक्रयान मिशन (Shukrayaan Mission): इसरो शुक्र ग्रह हेतु भी एक मिशन की योजना बना रहा है, जिसे अस्थायी रूप से शुक्रयान नाम दिया गया है।