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आंतरिक सुरक्षा

आतंकवाद का बदलता स्वरूप

  • 14 Feb 2025
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

साहेल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), डीपफेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्रिप्टोकरेंसी, FATF, BIMSTEC, SAARC, UAPA, NIA

मेन्स के लिये:

आतंकवाद का बदलता स्वरूप और उनका मुकाबला करने के तरीके

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

भू-राजनीतिक अस्थिरता, डिजिटल अतिवाद और चरमपंथी समूहों की उभरती रणनीतियों के परिणामस्वरुप आतंकवादी हमले और आतंकवाद के नए तरीके विकसित हो रहे हैं।

आतंकवाद के स्वरूप में किस प्रकार परिवर्तन हो रहा है?

  • अपूर्वानुमेयता: आतंकवाद की प्रवृत्ति अप्रत्याशित अथवा अपूर्वानुमेय होती है, जिससे हमास और हयात सैयद अल-शाम (HTS) (सीरियाई आतंकवादी संगठन) जैसे निष्क्रिय समूह व्यापक प्रभुत्व के साथ फिर से सक्रिय हो जाते हैं।
    • पहले यह माना जाता था कि आतंकवादी समूह पूर्ण रूप से होने वाले युद्ध में शामिल नहीं होते, लेकिन अक्तूबर 2023 में हमास द्वारा इज़रायल पर हमला किये जाने के बाद यह पूर्वधारणा गलत सिद्ध हो गई है।
    • स्व-प्रशिक्षित और कट्टरपंथी युवा अप्रत्याशित लोन-वुल्फ हमलों को बढ़ावा दे रहे हैं। उदाहरण के लिये अमेरिका में वर्ष 2025 में न्यू ऑरलियन्स हमला हुआ।
  • राज्य प्रायोजित: सीरिया और अफगानिस्तान दोनों अब आतंकवादी समूहों (क्रमशः HTS और तालिबान) द्वारा शासित हैं, जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • विकसित होती रणनीति: आधुनिक आतंकवाद समर्थकों, स्लीपर सेल, हिंसा के इस्तेमाल पर वैचारिक वाद, वाहन को टक्कर मारने जैसे अपरंपरागत हमलों और चरमपंथी नेटवर्क में शामिल होने वाले शिक्षित पेशेवरों की बढ़ती संख्या पर निर्भर करता है।
  • भौगोलिक पहुँच में विस्तार: अफगानिस्तान में ISIS-K की बढ़ती मौजूदगी दक्षिण एशिया के लिए खतरा है।
  • शक्ति गुणक के रूप में प्रौद्योगिकी: आतंकवादी अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिये ड्रोन, 3D प्रिंटिंग और साइबर टूल जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं, जिससे संभावित रूप से उच्च-स्तरीय हमले संभव हो रहे हैं, जो दुष्प्रचार को बढ़ावा देते हैं।
    • उदाहरण के लिये, वर्ष 2019 में सऊदी अरामको की तेल क्षेत्रों पर हौथी हमले ने सटीक ड्रोन के उपयोग को प्रदर्शित किया।
  • क्रॉस-ग्रुप सहयोग: आतंकवादी समूह अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने तथा क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालने के लिये सहयोग कर रहे हैं। 
    • उदाहरण के लिये, ईरान की एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस (हिज़बुल्लाह, हमास और इराकी मिलिशिया) इजरायल के खिलाफ काम कर रही है।
  • पश्चिम में घरेलू आतंकवाद: अमेरिका और यूरोप में राजनीतिक ध्रुवीकरण चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है, जबकि आव्रजन तनाव से हिंसा का खतरा है, जैसा कि अमेरिका में वर्ष 2019 में एल पासो गोलीबारी में देखा गया था।

आतंकवाद के स्वरूप में परिवर्तन के क्या कारण हैं?

  • कमज़ोर वैश्विक शासन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) जैसी संस्थाएँ आतंकवादी समूहों को खत्म करने और उनके वित्तपोषण को रोकने में अप्रभावी साबित हो रही हैं, जिससे वैश्विक आतंकवाद-रोधी प्रयास कमज़ोर हो रहे हैं।
  • आतंकवादी शासन का उदय: सीरिया में असद शासन का पतन और HTS का उदय राजनीतिक बदलावों के कारण आतंकवादी बुनियादी ढाँचे के मज़बूत होने की संभावना का संकेत देता है।
  • वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क: बढ़ते वैश्वीकरण ने सीमाओं के पार लोगों, धन और हथियारों की आवाजाही को सुगम बना दिया है।
    • उदाहरण के लिये, मध्य पूर्व से परे अफ्रीका, दक्षिण एशिया और यूरोप में अल-कायदा और ISIS की उपस्थिति।
  • वैचारिक प्रेरणाओं में बदलाव: आतंकवाद अब केवल राजनीतिक लक्ष्यों से नहीं, बल्कि धार्मिक उग्रवाद, पहचान संबंधी शिकायतों और व्यक्तिगत उद्देश्यों से उपजा है।
    • उदाहरण के लिये, वर्ष 2019 में क्राइस्टचर्च गोलीबारी श्वेत वर्चस्ववादी उग्रवाद से प्रेरित थी।
  • प्रॉक्सी वारफेयर: राज्य समर्थित आतंकवादी समूह प्रतिद्वंद्वी देशों में अस्थिरता को बढ़ावा देकर आतंकवाद को जटिल बनाते हैं। उदाहरण के लिये, जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान के समर्थन से भारत में हमले किये।

आतंकवाद का बदलता स्वरूप भारत को कैसे प्रभावित कर रहा है?

  • घरेलू कट्टरवाद: कई संगठनों ने भारतीय युवाओं को भर्ती किया है, तथा केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में कट्टरपंथीकरण के मामले सामने आए हैं।
    • उदाहरण के लिये, भारत ने ISIS से जुड़े 62 स्थानीय और 68 प्रवासी भारतीयों की पहचान की, जिनमें से 95% दक्षिण भारत से थे।
  • कम लागत वाले हमले: कम लागत वाले, उच्च प्रभाव वाले हमले बढ़ रहे हैं, उदाहरण के लिये, कोयंबटूर कार ब्लास्ट 2022 जैसे कम महत्त्वपूर्ण हमले, जिसके लिये संसाधनों की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की जा सकती है।
  • स्थानीय बोलियों में कट्टरता: आतंकवादी दुष्प्रचार, भर्ती और योजना के लिये सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड ऐप्स का उपयोग करते हैं, जबकि डीपफेक तकनीक और AI स्थानीय बोलियों में गलत सूचना के बढ़ते खतरे को जन्म देते हैं, जिन्हें औपचारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पहचानना कठिन होता है।
  • UAV-आधारित आतंकवाद: अब ड्रोन का उपयोग भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियार, विस्फोटक और ड्रग्स में किया जाता है।
    • उदाहरण के लिये, वर्ष 2021 में जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर विस्फोटकों से लैस दो ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गए।
  • हवाला लेनदेन: आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिये जाकिर नाइक जैसे भगोड़े लोगों द्वारा चलाए जा रहे हवाला नेटवर्क, क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन और फेक एनजीओ पर निर्भरता बढ़ गई है।
    • उदाहरण के लिये, वर्तमान में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा गैर-कानूनी गतिविधियों के लिये विदेशी धन का उपयोग गया। 

आगे की राह

  • वैश्विक सहयोग: आतंकवादी वित्तपोषण एवं अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क पर अंकुश लगाने के लिये UNSC और FATF सहित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी ढाँचे को मज़बूत करना चाहिये।
    • भारत को BIMSTEC और SAARC के माध्यम से पड़ोसियों के साथ खुफिया जानकारी प्रणाली मज़बूत करनी चाहिये।
  • AI और साइबर सुरक्षा उपाय: स्थानीय भाषाओं में ऑनलाइन कट्टरपंथ तथा फर्जी सूचना का मुकाबला करने के लिये AI-संचालित निगरानी और डीपफेक पहचान उपकरण विकसित करना चाहिये।
    • एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से फैलने वाली चरमपंथी सामग्री एवं दुष्प्रचार को रोकने के लिये तकनीकी कंपनियों के साथ मिलकर कार्य करना चाहिये।
  • NGO की निगरानी: आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिये विदेशी धन प्राप्त करने वाले NGO पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिये।
  • आतंकवाद विरोधी कानून: वन-वोल्फ हमले जैसे आधुनिक खतरों को रोकने के लिये UAPA और NIA अधिनियम जैसे कानूनों को अद्यतन किया जाना चाहिये।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की प्रकृति किस प्रकार विकसित हो रही है? आधुनिक आतंकवाद को आकार देने में प्रौद्योगिकी तथा भू-राजनीति की भूमिका पर चर्चा कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)  

मेन्स

प्रश्न: भारत की आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सीमा पार से होने वाले साइबर हमलों के प्रभाव का विश्लेषण कीजिये। साथ ही, इन परिष्कृत हमलों के विरुद्ध रक्षात्मक उपायों की चर्चा कीजिये। (2021)

प्रश्न. आतंकवादी गतिविधियों और परस्पर अविश्वास ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को धूमिल बना दिया है। खेलों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसी मृदु शक्ति किस सीमा तक दोनों देशों के बीच सद्भाव उत्पन्न करने में सहायक हो सकती है। उपयुक्त उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिये। (2015)

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