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जलवायु परिवर्तन और अफ्रीकी पूर्वी लहरें

  • 09 Jan 2025
  • 5 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों? 

कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित एक अध्ययन में भविष्यवाणी की गई है कि जलवायु परिवर्तन से अफ्रीकी पूर्वी लहरों (AEW) में परिवर्तन के कारण साहेल क्षेत्र में बाढ़ की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि होगी।

अध्ययन की मुख्य बातें क्या हैं?

  • AEW गतिविधि में वृद्धि: अध्ययन में 21वीं सदी के अंत तक साहेल-सहारा में AEW में वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है।
    • गिनी तट और सहारा के बीच मज़बूत मध्याह्न तापमान प्रवणता (क्षेत्रों के बीच तापमान में अंतर) के कारण बढ़ी हुई बैरोक्लिनेसिटी ( ऊँचाई के साथ वायुमंडलीय दबाव और घनत्व में परिवर्तन) के कारण तीव्रता बढ़ रही है।
  • मानसून प्रवाह में वृद्धि: अध्ययन में पाया गया कि निम्न-स्तर की उष्णता मानसून प्रवाह को मज़बूत करती है, अभिसरण को बढ़ाती है (ऊर्ध्वाधर स्तंभ में प्रवेश करने वाली वायु की मात्रा उससे बाहर जाने वाली वायु की मात्रा से अधिक होती है) और अंतर-उष्णकटिबंधीय असंततता (ITD) के साथ वायु की ऊर्ध्वाधर गति AEW की संरचना को बदल देती है।
    • ITD गर्म और शुष्क रेगिस्तानी वायु तथा अरब सागर से आने वाली  ठंडी और नम वायु के बीच की सीमा है।
  • निहितार्थ: 
    • सहारा क्षेत्र की धूल का स्थानांतरण: उत्तरी ट्रैक AEW (सहारा रेगिस्तान के करीब) से आने वाली तेज पवनें शुष्क सहारा वायु को प्रवाहित कर सकती हैं, जिससे उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के निर्माण (उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का निर्माण) को रोका जा सकता है या विलंबित किया जा सकता है, जब तक कि गर्म पश्चिमी अटलांटिक में अधिक अनुकूल परिस्थितियाँ न बन जाएं।
    • MCS से संबंध: AEW मेसोस्केल कन्वेक्टिव सिस्टम (MCS) से संबंधित हैं, जो अत्यधिक वर्षा का कारण बनते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि AEW की गतिविधि में वृद्धि से साहेल में अधिक लगातार एवं तीव्र बाढ़ की घटनाएँ हो सकती हैं।

अफ्रीकी पूर्वी लहरें क्या हैं?

  • परिभाषा: अफ्रीकी पूर्वी लहरों का आशय ऐसी (AEWs) मौसम प्रणालियों से है जिन्हें गर्मियों के दौरान उत्तरी अफ्रीका में देखा जाता है और यह पूर्व से पश्चिम की ओर अटलांटिक महासागर की ओर विस्तारित होती हैं।
  • महत्त्व: AEWs से उत्तरी अफ्रीका के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में काफी अधिक वर्षा होती है।
    • इससे अटलांटिक महासागर के पार तक सहारा की धूल जाती है तथा AEW की अटलांटिक तूफानों में अग्रणी भूमिका होती है।
  • प्रभाव: AEWs से क्षेत्रीय जलवायु (विशेष रूप से साहेल में) व्यापक स्तर पर प्रभावित होती है, जिससे इनके व्यवहार को समझना आवश्यक हो जाता है।

साहेल क्षेत्र

  • साहेल पश्चिमी और उत्तर-मध्य अफ्रीका का एक अर्द्ध-शुष्क क्षेत्र है जो पश्चिम में सेनेगल से पूर्व में सूडान तक विस्तारित है।
    • यह उत्तर में सहारा रेगिस्तान तथा दक्षिण में आर्द्र सवाना के बीच का संक्रमण क्षेत्र है।
    • सवाना की तरह यहाँ कम वृद्धिशील घास, कांटेदार झाड़ियाँ एवं विरल वनस्पति मिलती है। 
  • संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा साहेल क्षेत्र का 10 देशों (बुर्किना फासो, कैमरून, गाम्बिया, गिनी, माली, मॉरिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल और चाड) के बीच सीमांकन किया गया है।
  • पश्चिम अफ्रीका की सबसे लंबी एवं सबसे बड़ी नाइजर नदी, इस क्षेत्र का प्रमुख जल स्रोत है।

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