उन्नति, सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने वाली पहली इकाई बनी
स्रोत: बिज़नेस लाइन
हाल ही में SGBS उन्नति फाउंडेशन (SUF), सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) पर सूचीबद्ध होने वाली पहली इकाई बन गई। उक्त फाउंडेशन का उन्नति कार्यक्रम 18 से 25 वर्ष की आयु के वंचित और बेरोज़गार युवाओं के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- SUF, एक गैर-लाभकारी संगठन (NPO) है, जिसे वर्ष 2011 में स्थापित किया गया था।
- सोशल स्टॉक एक्सचेंज के साथ पंजीकरण करने के बाद एक गैर-लाभकारी संगठन ज़ीरो कूपन ज़ीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट्स जारी करके SSE पर धन जुटा सकता है।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) क्या है?
- सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE), केंद्रीय बजट वर्ष 2019-20 में पेश किया गया था जिसका उद्देश्य सामाजिक उद्यम, स्वैच्छिक तथा कल्याणकारी संगठनों को सूचीबद्ध कर एक मंच प्रदान करना था जिसकी सहायता से वे पूंजी जुटा सकें।
- सामाजिक उद्यम से आशय ऐसे उद्यम से है जिसकी प्रकृति हानि-रहित है, लाभांश का भुगतान नहीं करता है तथा जिसकी स्थापना सामाजिक मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से की गई है।
- यह बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के तहत कार्य करता है।
- इस पहल का उद्देश्य उन सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठनों की मदद करना है जो इक्विटी अथवा ऋण अथवा म्यूचुअल फंड की एक इकाई के रूप में पूंजी जुटाने के लिये सामाजिक कारणों से कार्य करते हैं।
- यह विदेशी सहायता से भारत की स्वतंत्रता को प्रदर्शित करते हुए, सामाजिक कल्याण परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण के नवीन तथा किफायती स्रोत प्रदान करता है।
- SEBI ने SSE पर पंजीकृत सामाजिक उद्यमों को ज़ीरो कूपन ज़ीरो प्रिंसिपल बॉण्ड (ZCZP) के माध्यम से धन जुटाने की अनुमति दी थी।
ज़ीरो कूपन ज़ीरो प्रिंसिपल (ZCZP) क्या है?
- परिचय:
- ‘ज़ीरो कूपन, ज़ीरो प्रिंसिपल’ उपकरण स्टॉक अथवा बॉण्ड नहीं हैं अपितु SSE में सूचीबद्ध NPO को पूंजी दान करने के उपकरण हैं।
- ZCZP बॉण्ड ऋण प्रदान नहीं करते हैं तथा निवेशकों को बॉण्ड की परिपक्वता पर कोई पूंजी प्रदत्त नहीं की जाती है।
- गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा जारी ZCZP बॉण्ड SSE पर सूचीबद्ध हैं। द्वितीयक बाज़ार में उनके व्यापार की उपलब्धता नहीं होती है किंतु विधिक उत्तराधिकारियों को उनका अंतरण किया जा सकता है क्योंकि वे विभौतकीय (डीमैटरियलाइज़्ड) रूप में जारी किये जाते हैं।
- लाभकारी संगठनों द्वारा जारी किये गए समान ZCZP बॉण्ड एक्सचेंजों के मुख्य बोर्ड अथवा SME प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किये जा सकते हैं तथा द्वितीयक बाज़ार में व्यापार के लिये उपलब्ध होते हैं।
- लाभ:
- ZCZP एक चैरिटी के लिये दिये गए दान के समान है। सामाजिक उद्यम के उद्देश्य में पारदर्शिता बढ़ी है। चूँकि उद्यमों को उनके द्वारा उपयोग की गई धनराशि तथा एक्सचेंजों के लिये राशि के बारे में जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है इसलिये धन के अंतिम उपयोग को भी ट्रैक किया जा सकता है।
- लिस्टिंग सामाजिक उद्यमों को दृश्यता प्रदान करती है और यदि वे अच्छे परिणाम दिखा सकते हैं तो उन्हें नियमित अंतराल पर जनता से संपर्क करने में मदद मिलती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न1. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प C सही उत्तर है। |
केटामाइन औषधि
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल के दिनों में केटामाइन औषधि सुर्खियों में आ गई है, जिससे इसके अनुप्रयोग, प्रभाव और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर बहस तथा चर्चा शुरू हो गई है।
केटामाइन के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- केटामाइन एक विघटनकारी संवेदनाहारी है। डॉक्टर इसका उपयोग सामान्य एनेस्थीसिया प्रेरित करने के लिये करते हैं जिसके लिये मांसपेशियों को आराम की आवश्यकता नहीं होती है।
- सामान्य एनेस्थीसिया नींद/निद्रा जैसी स्थिति को दर्शाता है, जबकि डिसोसिएटिव शरीर और बाहरी दुनिया से अलग होने की स्थिति को दर्शाता है।
- इसे 1960 के दशक में पशु संवेदनाहारी के रूप में विकसित किया गया, बाद में मानव उपयोग के लिये इसे संयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा अनुमोदित किया गया।
- हाल ही में अवसाद और मानसिक बीमारियों के इलाज तथा मनोरंजन के लिये भी इसका उपयोग किया जाता है।
- मनोरंजक उपयोग में सूँघना, इंजेक्शन लगाना या धूम्रपान करना शामिल है।
- मानसिक बीमारी के इलाज के लिये अंतःशिरा (IV), नाक स्प्रे, या टैबलेट के माध्यम से प्रशासित।
- केटामाइन एक विघटनकारी संवेदनाहारी है। डॉक्टर इसका उपयोग सामान्य एनेस्थीसिया प्रेरित करने के लिये करते हैं जिसके लिये मांसपेशियों को आराम की आवश्यकता नहीं होती है।
- केटामाइन के प्रभाव:
- केटामाइन मस्तिष्क में एन-मिथाइल-डी-एस्पार्टेट (NMDA) रिसेप्टर को अवरुद्ध कर कार्य करता है।
- यह रिसेप्टर पीड़ा संकेतों के संचरण तथा मनोभाव के नियमन को प्रभावित करता है। NMDA रिसेप्टर को अवरुद्ध कर, केटामाइन एनाल्जेसिया (दर्द निवारक) तथा सुखाभास उत्पन्न कर सकता है।
- यह सुखद दृश्य और वैराग्य की भावना उत्पन्न कर सकता है।
- केटामाइन अन्य औषधियों जैसे लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड (LSD) और एंजेल डस्ट की तरह ही विभ्रम (हैलुसिनेसन) उत्पन्न कर सकता है।
- विभ्रम ध्वनियों तथा दृश्यों की विकृत धारणा है।
- केटामाइन मस्तिष्क में एन-मिथाइल-डी-एस्पार्टेट (NMDA) रिसेप्टर को अवरुद्ध कर कार्य करता है।
- केटामाइन की खपत की सुरक्षा:
- केटामाइन, जिसे कुछ डॉक्टरों द्वारा औषधीय उपयोग के लिये सुरक्षित माना जाता है, की अधिक मात्र में खुराक लेने से लत और संज्ञानात्मक हानि जैसे जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं। सीमित शोध दवा की दीर्घकालिक सुरक्षा को समझने में बाधा उत्पन्न करता है।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 दिसंबर, 2023
नौकरी आरक्षण से रक्त विकारों का बहिष्कार
दिव्यांगजन व्यक्तियों के अधिकार (RPWD) अधिनियम 2016 में दिव्यांगता के रूप में मान्यता के बावजूद, थैलेसीमिया, सिकल सेल रोग और हीमोफिलिया से पीड़ित व्यक्तियों को सरकारी नौकरी के आरक्षण से बाहर करने का केंद्र का निर्णय चिंता उत्पन्न करता है।
- सरकार विशिष्ट दिव्यांगताओं के लिये सरकारी नौकरियों में 4% आरक्षण प्रदान करती है, जिसमें दृष्टि की पूर्ण हानि और कम दृष्टि, सुनने की पूर्ण हानि तथा कम सुनवाई, लोकोमोटर विकलांगता आदि शामिल हैं।
- सरकार RPWD अधिनियम, 2016 की धारा 34 का हवाला देती है, जिसमें कहा गया है कि थैलेसीमिया सहित रक्त विकार वाले व्यक्ति सरकारी प्रतिष्ठानों में नौकरी आरक्षण के लिये पात्र नहीं हैं।
- कार्यकर्त्ता यह कहते हुए असंतोष व्यक्त करते हैं कि अधिनियम में मान्यता प्राप्त विकलांगताओं को नौकरी आरक्षण से बाहर करना अधिनियम के उद्देश्य को विफल करता है।
और पढ़ें: विश्व हीमोफीलिया दिवस, भारत में आरक्षण
109वीं भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस (ISC)
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने आयोजन की व्यवहार्यता पर चिंता जताते हुए 109वीं भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस (ISC) की मेज़बानी से अपना नाम वापस ले लिया है।
- ISC एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली वैज्ञानिक संगठन है जिसकी वार्षिक बैठक जनवरी के पहले सप्ताह में होती है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1914 में भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिये की गई थी।
- भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस एसोसिएशन (ISCA) आधिकारिक निकाय है जो इस कार्यक्रम का आयोजन करता है।
- ISCA, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक पेशेवर निकाय है।
- 109वें ISC का विषय “सतत् भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य" है।
और पढ़ें: 108वीं भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस
WHO ने कोविड-19 मामले बढ़ने पर JN.1 को चिंताजनक वेरिएंट के रूप में नामित किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोविड-19 के JN.1 उप-वेरिएंट को इसके मूल वंश, BA.2.86, जिसे अमूमन पिरोला के नाम से जाना जाता है, से अलग "चिंताजनक वेरिएंट" के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस प्रकार वर्गीकृत होने के पश्चात WHO इसके वैश्विक संक्रमण पर बारीकी से नज़र रखता है, इसके स्वास्थ्य जोखिमों का मूल्यांकन करता है तथा इससे संबंधित अंतर्राष्ट्रीय डेटा साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।
- इसके प्रसार में तेज़ी से वृद्धि के बावजूद, WHO ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में इस वेरिएंट से सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने का कोई डेटा नहीं मिला है।
- हालाँकि उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की शुरुआत के साथ चिंताएँ उत्पन्न होती हैं, जिससे श्वसन संक्रमण में वृद्धि के साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर प्रभाव पड़ता है।
- विशेष रूप से भारत में JN.1 के कई मामले दर्ज किये गए हैं और साथ ही विश्व भर के अन्य देशों, जैसे कि अमेरिका, सिंगापुर व चीन ने भी इसकी उपस्थिति की पुष्टि की है।
और पढ़ें…कोविड-19, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
गोवा मुक्ति दिवस
वर्ष 1961 में पुर्तगाली शासन से राज्य की मुक्ति की स्मृति में हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है।
- भारत सरकार ने आज़ादी के बाद गोवा में सेना भेजने के लिये 14 वर्ष तक इंतज़ार किया क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा था और सरकार पुर्तगाल के साथ युद्ध का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी।
- वर्ष 1961 में भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय लॉन्च किया व 19 दिसंबर को दमन और दीव तथा गोवा को भारतीय मुख्य भूमि में विलय कर लिया।
- परिणामस्वरूप, गोवा, दमन और दीव भारत के केंद्रशासित प्रदेश बन गए।
- गोवा 1987 तक केंद्र शासित प्रदेश बना रहा और फिर इसे भारत के 25वें राज्य का दर्जा दिया गया।
- 30 मई को गोवा राज्य स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- गोवा के वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान:
- म्हादेई वन्यजीव अभयारण्य
- नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य
- कोटिगाओ वन्यजीव अभयारण्य
- भगवान महावीर अभयारण्य
- मोलेम राष्ट्रीय उद्यान
और पढ़ें: गोवा मुक्ति दिवस