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महादेई वन्यजीव अभयारण्य

  • 26 Jul 2023
  • 12 min read

हाल ही में बाघ संरक्षण प्रयासों के लिये एक महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम में बॉम्बे उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने गोवा सरकार को 24 जुलाई, 2023 से तीन माह के भीतर महादेई वन्यजीव अभयारण्य और इसके आसपास के क्षेत्रों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत बाघ रिज़र्व के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश जारी किया है।

  • यह निर्णय लंबी कानूनी लड़ाई और पर्यावरणविदों और संरक्षणवादियों की मांग के बाद आया है तथा इसका वन्यजीव संरक्षण तथा वनवासियों पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

नोट: 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की सलाह पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकारों द्वारा बाघ अभयारण्यों को अधिसूचित किया जाता है।

महादेई वन्यजीव अभयारण्य के बारे में मुख्य तथ्य: 

  • स्थान और परिदृश्य: 
    • यह गोवा के उत्तरी भाग, संगुएम तालुका, वालपोई शहर के पास स्थित है।
    • इसमें वज़रा सकला झरना और विरदी झरना सहित सुरम्य झरने शामिल हैं।
    • यह वज़रा फॉल्स के पास गंभीर रूप से लुप्तप्राय लंबी चोंच वाले गिद्धों के घोंसले के लिये जाना जाता है।
    • घने नमी वाले पर्णपाती वनों और कुछ सदाबहार प्रजातियों के साथ विविध परिदृश्य।
    • यह दुर्लभ और स्वदेशी संरक्षित वृक्षों के उपवनों के लिये उल्लेखनीय है ।
  • वनस्पति और जीव: 
    • भारतीय गौर, बाघ, बार्किंग हिरण, सांभर हिरण, जंगली सूअर, भारतीय खरगोश और कई जीवों के साथ समृद्ध जैव-विविधता।
    • विभिन्न प्रकार के साँपों की उपस्थिति के कारण यह पशु चिकित्सकों को आकर्षित करता है, जिनमें 'बड़े चार' विषैले साँप- भारतीय क्रेट, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर और स्पेक्टैकल्ड कोबरा शामिल हैं।
    • मालाबार तोता और रूफस बैबलर जैसी कई पक्षी प्रजातियों के कारण इसे अंतर्राष्ट्रीय पक्षी क्षेत्र नामित किया गया है।
    • यह गोवा में बाघ संरक्षण के लिये एक महत्त्वपूर्ण आवास का प्रतिनिधित्व करता है।
  • अद्वितीय भौगोलिक विशेषताएँ:
    • गोवा की तीन सबसे ऊँची चोटियाँ: सोंसोगोर (1027 मीटर), तलावचे सदा (812 मीटर) और वागेरी (725 मीटर)।
    • गोवा की जीवन रेखा, महादेई नदी, कर्नाटक से निकलती है और अभयारण्य से होकर गुज़रती है तथा पणजी में अरब सागर में मिलती है।
      • अभयारण्य महादेई नदी के लिये जलग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012) 

  1. बांदीपुर
  2. भितरकनिका
  3. मानस
  4. सुंदरबन

उपर्युक्त में से किसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है? 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4  

उत्तर: (b) 

व्याख्या: 

  • बांदीपुर टाइगर रिज़र्व: इसका गठन तत्कालीन वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क के अधिकांश वन क्षेत्रों को शामिल करके किया गया था, जिसे 19 फरवरी, 1941 की सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित किया गया था और इस क्षेत्र को वर्ष 1985 में 874.20 वर्ग किमी. के क्षेत्र में विस्तारित करने के साथ ही इसे बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का नाम दिया गया था। इस रिज़र्व को वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत लाया गया था। यह दक्षिणी कर्नाटक के मैसूर तथा चामराजनगर ज़िलों में फैले परिदृश्य में स्थित है। यह कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों के ट्राइजंक्शन क्षेत्र में स्थित एक विशिष्ट भू-भाग है। जीव-जंतुओं की जैवविविधता में तेंदुआ, रॉयल बंगाल टाइगर, जंगली बिल्ली, स्लॉथ भालू, एशियाई हाथी, जंगली सूअर, ग्रे बगुला, शाहीन बाज़, छोटा बस्टर्ड-बटेर, कोबरा, हरा बेल साँप आदि शामिल हैं। अतः 1 सही है।
  • सुंदरबन टाइगर रिज़र्व: वर्ष 1875 में वन अधिनियम, 1865 (1865 का अधिनियम VIII) के तहत सुंदरबन जंगल के एक बड़े भाग को स्वतंत्रता के बाद "आरक्षित" घोषित किया गया था, इसे वर्ष 1977 में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया और 4 मई, 1984 को एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित किया गया था। वर्ष 1978 में सुंदरबन को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था तथा वर्ष 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ आरक्षित घोषित किया गया था। यह पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। यहाँ पौधों की कुछ सामान्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं, इनमें सुंदरी वृक्ष, गोलपति, चंपा, धुंडुल, गेनवा और हटल शामिल हैं। इन जंगलों में मैंग्रोव की लगभग 78 प्रजातियाँ हैं।
  • यह वन्यजीव अभयारण्य रॉयल बंगाल टाइगर के साथ-साथ अन्य पशुओं जैसे- मछली पकड़ने वाली बिल्लियाँ, मकाक, तेंदुआ, भारतीय ग्रे नेवला, जंगली सूअर, उड़ने वाली लोमड़ी और पैंगोलिन का घर है। अतः 4 सही है।
  • मानस टाइगर रिज़र्व: वर्ष 1907 में इस जंगल को रिज़र्व फॉरेस्ट घोषित किया गया था। स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में मानस रिज़र्व वन को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के शुभारंभ के साथ मानस टाइगर रिज़र्व को आधिकारिक तौर पर घोषित किया गया था। UNESCO ने वर्ष 1985 में इसे विश्व धरोहर स्थल (प्राकृतिक) घोषित किया तथा वर्ष 1989 में UNESCO के मानव एवं जीवमंडल कार्यक्रम के तहत बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया था। यह रिज़र्व तराई एवं भाबर के घास के मैदानों के मध्य में स्थित है जो अर्द्ध-सदाबहार जंगलों के साथ ही असम राज्य से भूटान के हिमालय क्षेत्रों तक विस्तृत है। यह बाघ अभयारण्य अंतर-देशीय बाघ संरक्षण का एक उदाहरण है तथा यह भारत में असम से लेकर भूटान में रॉयल मानस तक फैला हुआ है। यह रिज़र्व रॉयल बंगाल टाइगर्स की आबादी में काफी समृद्ध है। पिग्मी की कुछ आबादी अब केवल मानस के जंगलों में बची है तथा विश्व में कहीं और नहीं है। अतः 3 सही है।
  • भितरकनिका आर्द्रभूमि: इसका प्रतिनिधित्व 3 संरक्षित क्षेत्रों द्वारा किया जाता है अर्थात् "भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान", "भीतरकनिका वन्यजीव अभयारण्य" और "गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य"। भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान तेंदुआ, मछली पकड़ने वाली बिल्ली, जंगली सूअर, चित्तीदार हिरण, सांभर, डॉल्फिन, खारे जल के मगरमच्छ का प्रमुख निवास स्थान है। हालाँकि भितरकनिका को बाघ अभयारण्य घोषित नहीं किया गया है। अतः 2 सही नहीं है। इसलिये विकल्प (B) सही उत्तर है। 

प्रश्न. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से पूर्वी घाटों और पश्चिमी घाटों के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में से किसका महत्त्व अधिक है? (2017)

(a) सत्यामंगलम बाघ आरक्षित क्षेत्र (सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व)
(b) नल्लामला वन
(c) नागरहोले राष्ट्रीय उद्यान
(d) शेषाचलम जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (शेषाचलम बायोस्फीयर रिज़र्व) 

उत्तर: (a) 

  • सत्यमंगलम वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिज़र्व भारतीय राज्य तमिलनाडु में पश्चिमी घाट के साथ एक संरक्षित क्षेत्र है।
  • सत्यमंगलम वन रेंज पश्चिमी घाट और शेष पूर्वी घाट के मध्य नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व में एक महत्त्वपूर्ण वन्यजीव गलियारा है, साथ ही चार अन्य संरक्षित क्षेत्रों के बीच एक आनुवंशिक संबंध है, जिसमें बिलिगिरिरंगा स्वामी मंदिर वन्यजीव अभयारण्य, सिगुर पठार, मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। 
  • यह वर्ष 2008 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और वर्ष 2011 में इसका विस्तार किया गया था। यह तमिलनाडु का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है, जो 1,411.6 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र को कवर करता है। तमिलनाडु राज्य में प्रोजेक्ट टाइगर के हिस्से के रूप में यह वर्ष 2013 में चौथा बाघ अभयारण्य बन गया।  
  • नल्लामला वन दक्षिण भारत के सबसे बड़े जंगलों में से एक है। यह नल्लामला पहाड़ी पर है, जो पूर्वी घाट का हिस्सा है। इसे पाँच ज़िलों में विभाजित किया गया है: कुरनूल, गुंटूर, कडप्पा, महबूबनगर एवं प्रकाशम। वुडलैंड में बाघों की स्वस्थ आबादी है एवं इसका एक हिस्सा नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है।  
  • नागरहोले राष्ट्रीय उद्यान मैसूर और कोडागु के कर्नाटक क्षेत्रों में स्थित है। नागरहोले राष्ट्रीय उद्यान नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है तथा दक्षिण में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान एवं मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य और पश्चिम में वायनाड के साथ हाथियों व बाघों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों के लिये सबसे अच्छी तरह से संरक्षित आवासों में से एक है।  
  • शेषाचलम पहाड़ियाँ आंध्र प्रदेश के चित्तूर और कडप्पा ज़िलों के कुछ हिस्सों में फैली हुई पहाड़ी शृंखलाएँ हैं और वर्ष 2010 में शेषाचलम बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित की गई हैं। बायोस्फीयर रिज़र्व में लाल चंदन के बड़े भंडार हैं। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

 स्रोत: द हिंदू

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