प्रिलिम्स फैक्ट्स (18 Mar, 2024)



उन्नति 2024

स्रोत: पी.आई.बी. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र के राज्यों में उद्योगों के विकास और रोज़गार सृजन के लिये उत्तर-पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगीकरण योजना (Uttar Purva Transformative Industrialization Scheme- UNNATI), 2024 को मंज़ूरी दी।

उन्नति 2024 क्या है?

  • उद्देश्य: 
    • इसका उद्देश्य उत्तर-पूर्व क्षेत्र के राज्यों में उद्योगों का विकास और रोज़गार सृजन करना है।
    • यह सीमेंट और प्लास्टिक जैसे पर्यावरणीय रूप से हानिकारक क्षेत्रों को प्रतिबंधित करते हुए निवेश को आकर्षित करने, मौजूदा निवेशों का पोषण करने तथा नवीकरणीय/अक्षय ऊर्जा एवं इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों जैसे उद्योगों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • योजना अवधि: यह योजना अधिसूचना की तिथि से 8 वर्ष की प्रतिबद्ध देनदारियों के साथ 31.03.2034 तक प्रभावी रहेगी।
      • योजना की पूरी लागत रुपए 10,037 करोड़ जिसे प्रतिबद्ध देनदारियों के लिये दस वर्षों एवं अतिरिक्त आठ वर्षों में विभाजित किया गया है।
    • उत्पादन की शुरुआत: सभी पात्र औद्योगिक इकाइयों को पंजीकरण के अनुदान से 4 वर्ष  के भीतर अपना उत्पादन या संचालन शुरू करना होगा।
    • ज़ोन वर्गीकरण: प्रोत्साहन के लिये ज़िलों को ज़ोन A (औद्योगिक रूप से उन्नत) तथा ज़ोन B (औद्योगिक रूप से पिछड़ा) में वर्गीकृत किया गया है।
    • निधि आवंटन: भाग A परिव्यय का 60% 8 पूर्वोत्तर राज्यों के लिये निर्धारित किया गया है और 40% फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (FIFO) आधार पर आवंटित किया गया है।
  • निवेशकों के लिये प्रोत्साहन: यह योजना निवेशकों को नई इकाइयाँ स्थापित करने अथवा वर्तमान इकाइयों का विस्तार करने हेतु GST प्रयोज्यता के आधार पर वर्गीकृत विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करती है, जैसे:
    • पूंजी निवेश प्रोत्साहन
    • केंद्रीय पूंजी ब्याज अनुदान
    • GST के शुद्ध भुगतान से जुड़ी नई इकाइयों के लिये विनिर्माण एवं सेवा से जुड़े प्रोत्साहन (MSLI), ज़ोन के आधार पर ऊपरी सीमा के साथ।
  • कार्यान्वयन रणनीति: उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय समितियों की देखरेख में राज्यों के सहयोग से योजना को लागू करेगा।

उत्तर-पूर्व क्षेत्र के राज्यों से संबंधित अन्य सरकारी पहल क्या हैं?

  • उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिये प्रधानमंत्री विकास पहल योजना: केंद्रीय बजट सत्र 2022-2023 में शुरू की गई और अक्तूबर 2022 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित, पीएम-डिवाइन (PM-DevINE) का लक्ष्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में बुनियादी ढाँचे तथा सामाजिक विकास परियोजनाओं को वित्त पोषित करना है।)
  • एडवांसिंग नॉर्थ ईस्ट पोर्टल: यह NEC द्वारा नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (NEDFi) के माध्यम से विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म और वेब-आधारित पहल है जो NER के युवाओं के लिये बहुत ज़रूरी ज्ञान तथा मार्गदर्शन प्रदान करता है।
  • उत्तर पूर्व विशेष अवसंरचना विकास योजना: NESIDS 100% केंद्रीय वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे सत्र 2022-23 से 2025-26 के लिये 8139.50 करोड़ रुपए का नवीनीकृत अनुमोदित परिव्यय प्राप्त होता है। 
    • इस योजना में दो घटक शामिल हैं: NESIDS-रोड और NESIDS-अदर दैन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (OTRI)।
  • RCS-UDAN (उड़ान को और अधिक किफायती बनाने के लिये) के तहत उत्तर पूर्व को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में रखा गया है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. उत्तर-पूर्वी भारत में उपप्लवियों की सीमा के आरपार आवाज़ाही, सीमा की पुलिसिंग के सामने अनेक सुरक्षा चुनौतियों में से केवल एक है। भारत-म्याँमार सीमा के आरपार वर्तमान में आरंभ होने वाली विभिन्न चुनौतियों का परीक्षण कीजिये। साथ ही चुनौतियों का प्रतिरोध करने के कदमों पर भी चर्चा कीजिये। (2019)


पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया

स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस

सार्वजनिक स्वास्थ्य के स्कूलों की शुरुआती रैंकिंग में, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) ने लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के बाद विश्व स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया है।

  • रैंकिंग इंटरनेशनल जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित 'सार्वजनिक स्वास्थ्य के स्कूलों की रैंकिंग के लिये एक नया मॉडल: सार्वजनिक स्वास्थ्य अकादमिक रैंकिंग' शीर्षक वाली रिपोर्ट का हिस्सा है।
    • इस परियोजना का उद्देश्य अकादमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय ग्रंथ सूची विश्वविद्यालय रैंकिंग प्रणाली बनाना है।
  • PHFI को वर्ष 2006 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लॉन्च किया गया था। यह एक सार्वजनिक-निजी पहल है जिसमें भारतीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविद, सरकारें, एजेंसियाँ ​​एवं नागरिक समाज समूह शामिल होते हैं।
  • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य में अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं नीति निर्माण हेतु भारतीय संस्थानों की क्षमता को मज़बूत करने का प्रयास करता है। PHFI की रणनीति, जो निवारक, चिकित्सीय एवं प्रचार सेवाओं पर केंद्रित है, वैश्विकस्थिति  के साथ-साथ भारतीय स्थितियों में भी इसी तरह के मुद्दों का समाधान करती है।
  • PHFI द्वारा बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये पूरे भारत में छह संस्थान स्थापित किये हैं, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये नीतियों को सूचित करने के साथ ही  सहायता भी प्रदान करना है।

और पढ़ें…भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली


इथेनॉल 100

स्रोत: पी.आई.बी.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली तथा तमिलनाडु में चुनिंदा 183 खुदरा दुकानों पर 'एथेनॉल 100' लॉन्च किया।

  • इथेनॉल 100 एक महत्त्वपूर्ण ऑटोमोटिव ईंधन है जिसमें 100% इथेनॉल होता है।
    • यह मक्का, गन्ना या अन्य पौधों की सामग्री जैसे नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित जैव ईंधन है। 
  • इथेनॉल 100 का उद्देश्य पारंपरिक गैसोलीन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना, स्थिरता को बढ़ावा देना और स्वच्छ वातावरण में योगदान देना है।
  • यह पहल वर्ष 2025-26 तक 20% इथेनॉल मिश्रण (E20) हासिल करने, आयात निर्भरता को कम करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • इथेनॉल 100 की ओर कदम सतत् प्रौद्योगिकियों और डीकार्बोनाइजेशन की ओर बदलाव को दर्शाता है।
  • इथेनॉल 100 बहुमुखी है और इसका उपयोग विभिन्न वाहनों में किया जा सकता है, जिसमें फ्लेक्स-फ्यूल वाहन (FFV) शामिल हैं जो गैसोलीन, इथेनॉल या दोनों के किसी भी मिश्रण पर चल सकते हैं। यह उपयुक्त बुनियादी ढाँचे के साथ मुख्यधारा ईंधन विकल्प बनने की इसकी व्यावहारिकता और क्षमता को प्रदर्शित करता है।

और पढ़ें: भारत की इथेनॉल क्रांति: प्रगति और चुनौतियाँ


बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा

स्रोत: पी.आई.बी. 

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) ने 23 राज्यों में ULLAS (अंडरस्टैंडिंग लाइफलांग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी) - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा (FLNAT) आयोजित की गई जिसमें लगभग 37 लाख शिक्षार्थी शामिल हुए।

  • FLNAT बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल का मूल्यांकन करने के लिये तीन विषयों- पढ़ना, लिखना तथा संख्यात्मकता का मूल्यांकन करता है।
    • यह परीक्षा प्रत्येक भाग लेने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के सभी ज़िलों में ज़िला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (DIET) तथा सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूलों में आयोजित की जाएगी।
  • FLNAT का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप, गैर-साक्षर शिक्षार्थियों को प्रामाणित करना और क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करके बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है।
    • योग्य शिक्षार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा जारी एक प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जो बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करने में उनकी उपलब्धि को मान्यता देगा।
  • न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम वर्ष 2022-2027 की अवधि के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे आम तौर पर उल्लास के नाम से जाना जाता है। यह एजुकेशन फोर ऑल के सभी पहलुओं को कवर करती है, जिसे पहले वयस्क शिक्षा के रूप में जाना जाता था।
    • यह योजना 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों को बुनियादी साक्षरता, संख्यात्मकता तथा महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल के साथ सशक्त बनाती है जिससे निरंतर सीखने/अधिगम को बढ़ावा मिलता है। स्वयंसेवा के माध्यम से कार्यान्वित, यह सामाजिक उत्तरदायित्व और दीक्षा पोर्टल एवं उल्लस मोबाइल एप पर क्षेत्रीय भाषा सामग्री तक पहुँच को बढ़ावा देता है।

और पढ़ें…मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020


पैरा तीरंदाज खिलाड़ी शीतल देवी को ECI नेशनल PwD आइकन नामित किया गया

स्रोत: न्यूज़ ऑन एयर 

 हाल ही में भारत के चुनाव आयोग ने पैरा आर्चर और अर्जुन पुरस्कार विजेता, शीतल देवी (एशियाई पैरा गेम्स-2022 में 2 स्वर्ण और 1 रजत पदक की विजेता) को अपने राष्ट्रीय दिव्यांग जन (PwD) आइकन के रूप में घोषित किया है।

  • उनके नाम की घोषणा दिल्ली में आयोजित भारतीय बधिर क्रिकेट एसोसिएशन टीम और ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन टीम के बीच एक प्रदर्शनी क्रिकेट मैच में की गई थी।
  • यह मैच मतदाता शिक्षा और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिये आयोजित किया गया था। इस अवसर पर, आयोग ने दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिये एक समर्पित मतदाता मार्गदर्शिका लॉन्च की।
  • आयोग ने दिव्यांगजनों के लिये की गई प्रमुख पहलों पर भी प्रकाश डाला, जैसे बेंचमार्क विकलांगता वाले दिव्यांग जनों हेतु वैकल्पिक घरेलू मतदान सुविधा, मतदान के दिन निःशुल्क परिवहन का प्रावधान, राज्य और ज़िला दिव्यांग आइकन की नियुक्ति, जागरूकता अभियान, सक्षम ECI ऐप, ब्रेल सक्षम EPIC और EVM

और पढ़ें- भारत निर्वाचन आयोग, राष्ट्रीय पुरस्कार