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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल

  • 01 Sep 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल, भारत स्टेज-6 (BS-6) स्टेज-II, भारत स्टेज उत्सर्जन मानक, इथेनॉल सम्मिश्रण

मेन्स के लिये:

फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल का महत्त्व तथा उपयोग, विकास का हरित मॉडल

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा विकसित विश्व के पहले भारत स्टेज-6 (BS-6) स्टेज-II, इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल अर्थात् विद्युतीकृत फ्लेक्स ईंधन वाहन के प्रोटोटाइप का अनावरण किया गया।

  • यह वाहन 85% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से चलने में सक्षम है और इसमें इलेक्ट्रिक पावरट्रेन की सुविधा है।
  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum & Natural Gas) ने 20% से अधिक उच्च इथेनॉल मिश्रण के साथ पेट्रोल को प्रतिस्थापित करने के लिये फ्लेक्स-ईंधन वाहनों की क्षमता पर भी प्रकाश डाला है।

नोट:

फ्लेक्स-फ्यूल व्हीकल (FAV): इनमें ऐसे इंजन होते हैं जो फ्लेक्स ईंधन- पेट्रोल/ डीज़ल/ इलेक्ट्रिक और इथेनॉल का संयोजन, जिसमें 100% तक इथेनॉल शामिल हो सकता है, पर चल सकते हैं।

क्या होते हैं इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल?

  • परिचय: 
    • एक इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल/विद्युतीकृत फ्लेक्स ईंधन वाहन में एक फ्लेक्सी ईंधन इंजन और एक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन दोनों होते हैं जो इसे उच्च इथेनॉल उपयोग और बहुत अधिक ईंधन दक्षता का दोहरा लाभ प्रदान करने की क्षमता प्रदान करता है।
    • फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (FFV-SHEV): जब FFV को मज़बूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक तकनीक के साथ एकीकृत किया जाता है, तो इसे FFV-SHEV कहा जाता है।
      • स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड पूर्ण हाइब्रिड वाहनों के लिये प्रयुक्त किया जाने वाला  एक अन्य शब्द है, जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक या पेट्रोल मोड पर चलने की क्षमता रखते हैं।
      • इसके विपरीत हल्के हाइब्रिड वाहन पूरी तरह से इनमें से किसी एक मोड पर नहीं चल सकते हैं और द्वितीयक मोड का उपयोग केवल प्रणोदन के मुख्य मोड के पूरक के रूप में करते हैं।
  • महत्त्व: 
    • इलेक्ट्रिक पॉवरट्रेन के एकीकरण से पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम हो जाती है, जो ‘संवहनीय परिवहन’ तथा 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने जैसी पहलों में योगदान देगा।
    • SHEVs के समान ही यह वाहन इथेनॉल और विद्युत के उपयोग को अनुकूलित करके उच्च ईंधन दक्षता प्राप्त कर सकता है।
    • FFV के उपयोग को बढ़ावा देने से भारत की पेट्रोल की खपत कम हो सकती है और इस तरह देश में प्रचुर इथेनॉल क्षमता का लाभ उठाया सकता है।
    • यह वाहन जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप डीकार्बोनाइज़ेशन और ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।

BS6 (स्टेज II) मानदंड क्या हैं?

  • BS6 मानदंड: भारत स्टेज (BS) मानदंड मोटर वाहनों से वायु प्रदूषकों के उत्पादन को विनियमित करने के लिये भारत सरकार द्वारा स्थापित उत्सर्जन मानक हैं।
  • BS6 (स्टेज II): शुरुआती BS6 मानदंडों की तुलना में BS6 (स्टेज II) की उत्सर्जन सीमाएँ अधिक सख्त हैं।
    • BS6 (स्टेज II) में वास्तविक ड्राइविंग उत्सर्जन (Real Driving Emissions- RDE) एवं कॉर्पोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था (Corporate Average Fuel Economy- CAFE 2) और ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स शामिल हैं।
    • नए RDE परीक्षण के आँकड़े गति (Speed), त्वरण (Acceleration) और मंदन (Deceleration) में लगातार परिवर्तन के साथ वास्तविक यातायात स्थितियों में वाहनों द्वारा उत्पादित उत्सर्जन की मात्रा का अधिक यथार्थवादी अनुमान प्रदान करेंगे।
    • ऑनबोर्ड डायग्नोस्टिक (OBD) सिस्टम विभिन्न वाहन उपप्रणालियों और सेंसरों की स्थिति तथा प्रदर्शन की निगरानी करते हैं व इन्हें रिकॉर्ड करते हैं।

इथेनॉल सम्मिश्रण:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न.भारत की जैव ईंधन की राष्ट्रीय नीति के अनुसार, जैव ईंधन के उत्पादन के लिये निम्नलिखित में से किनका उपयोग कच्चे माल के रूप में हो सकता है? (2020)

  1. कसावा
  2. क्षतिग्रस्त गेहूँ के दाने
  3. मूँगफली के बीज
  4. कुलथी (Horse gram)
  5. सदा आलू
  6. चुकंदर

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 5 और 6
(b) केवल 1, 3, 4 और 6
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6

उत्तर: (a)

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