शासन व्यवस्था
नियामक अनुपालन पोर्टल: DPIIT
- 22 Jan 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने एक नियामक अनुपालन पोर्टल शुरू किया है जो नागरिकों, उद्योगों और सरकार के दवाब को कम करने के लिये एक सेतु का काम करेगा।
- DPIIT वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह नागरिकों और व्यवसायों से संबंधित विनियामकों पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिये नोडल विभाग के रूप में कार्य कर रहा है क्योंकि अनुपालन संबंधी दवाब समय और लागत पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
प्रमुख बिंदु:
- उद्देश्य:
- अनुपालन बोझ को कम करना, ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से नागरिक-सरकार संबंधों को मज़बूती प्रदान करना और पुरानी एवं अप्रचलित प्रक्रियाओं को हटाना।
- विनिर्माण को बढ़ावा देने और भारतीय उद्योग को प्रतिस्पर्द्धी बनाने के लिये गुणवत्ता और विनिर्माण दो प्रमुख लागतजन्य मुद्दे हैं लेकिन अनुपालन बोझ भी एक प्रमुख लागतजन्य मुद्दा है।
- पोर्टल के संबंध में:
- सभी केंद्रीय मंत्रालय/विभाग और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अपने कानूनों/विनियमों/नियमों की जाँच करेंगे और सभी प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत और सरल बनाने, बोझिल अनुपालन को हटाने, कानूनों को कम करने और निरर्थक अधिनियमों को हटाने के लिये एक कार्य योजना को लागू करेंगे। इन विवरणों की विनियामक अनुपालन पोर्टल पर निगरानी की जाएगी।
- यह सभी केंद्रीय और राज्य-स्तर की अनुपालन संबंधी प्रक्रियाओं के लिये इस प्रकार के पहले केंद्रीय ऑनलाइन भंडार के रूप में कार्य करेगा।
- CII, FICCI और ASSOCHAM जैसे व्यापार निकायों से संबंधित उद्योग हितधारक नियामक अनुपालन बोझ को कम करने के लिये सिफारिशें भी प्रस्तुत करेंगे।
- प्रत्येक मंत्रालय/विभाग और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की गई कार्रवाई की अनुकूलित रिपोर्ट निगरानी और मूल्यांकन के लिये भी प्रस्तुत की जाएगी।
- व्यवसाय सुधार कार्य योजना (BRAP) के तहत राज्यों की रैंकिंग वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। BRAP, 2019 में 19 राज्यों के विभागों द्वारा लागू किये जाने वाले 80 सुधारों (187 सुधार कार्रवाई बिंदुओं) की एक सूची थी। इन सुधारों में 12 व्यावसायिक विनियामक क्षेत्र शामिल हैं जैसे- एक्सेस टू इंफॉर्मेशन, सिंगल विंडो सिस्टम, श्रम, पर्यावरण आदि।
- औद्योगिक गलियारों के विकास में तेज़ गति से वृद्धि का उद्देश्य विश्व स्तर पर सतत् बुनियादी ढाँचे द्वारा संचालित एक नियोजित और संसाधन-कुशल औद्योगिक आधार विकसित करने हेतु सुविधा प्रदान करना है जो नवाचार, विनिर्माण, रोज़गार सृजन और राष्ट्र को संसाधन सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती हो।
- ‘इन्वेस्ट इंडिया’ भारत की राष्ट्रीय निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी है। यह निवेशकों के लिये कारोबारी माहौल को आसान बनाकर देश के निवेश माहौल को बदल रही है।
- मेक इन इंडिया पहल को वर्ष 2014 में लॉन्च किया गया था, जिसमें निवेश की सुविधा, नवाचार को बढ़ावा देने, उच्च स्तरीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने, व्यवसाय को आसान बनाने और कौशल विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से 25 क्षेत्रों के लिये कार्य योजना बनाई गई थी।
महत्त्व:
- वर्ष 2014 में वर्ल्ड बैंक की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में भारत का स्थान 142वें से वर्ष 2019 में 63वाँ हो गया है।
- ये सभी नवाचार आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक होंगे और उद्योगों के लिये व्यवसाय को सुविधाजनक बनाएंगे।