प्रारंभिक परीक्षा
पीएम-डिवाइन योजना
- 27 Jul 2023
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हाल ही में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु प्रधानमंत्री विकास पहल (Prime Minister's Development Initiative for North Eastern Region- PM-DevINE) को अपडेट किया है।
पीएम-डिवाइन:
- केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में पीएम-डिवाइन योजना को केंद्रीय बजट 2022-23 के हिस्से के रूप में पेश किया गया था।
- मंत्रिमंडल ने 12 अक्तूबर, 2022 को पीएम-डिवाइन योजना को मंज़ूरी दी। इसका 100% वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसाधन सीधे विकास पहल के लिये आवंटित किये जाएँ।
- इस योजना को उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
- पीएम-डिवाइन के उद्देश्य:
- बुनियादी ढाँचे का विकास: पीएम गतिशक्ति के अनुरूप पीएम-डिवाइन का लक्ष्य पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में निर्बाध कनेक्टिविटी और पहुँच सुनिश्चित करते हुए समेकित तरीके से बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना है।
- सामाजिक विकास परियोजनाओं का समर्थन: NER की अनूठी आवश्यकताओं एवं चुनौतियों को पहचानते हुए यह योजना उन सामाजिक विकास परियोजनाओं का समर्थन करने का प्रयास करती है जो महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करती हैं और क्षेत्र के निवासियों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करती हैं।
- युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना: पीएम-डिवाइन (PM-DevINE) विशेष रूप से NER के युवाओं और महिलाओं को लक्षित कर आजीविका के अवसर उत्पन्न करना चाहता है ताकि वे क्षेत्र के विकास एवं प्रगति में सक्रिय भागीदार बन सकें।
- बजट आवंटन:
- इस योजना को केंद्रीय बजट 2022-23 में 1500 करोड़ रुपए का प्रारंभिक आवंटन प्राप्त हुआ।
- वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 तक की 4 वर्ष की अवधि, जो 15वें वित्त आयोग की अवधि के शेष वर्षों के साथ संरेखित है, में इस योजना का कुल परिव्यय 6,600 करोड़ रुपए है।
- वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान स्वीकृत परियोजनाओं की एक राज्य-वार एवं परियोजना-वार सूची तैयार की गई है जिसमें प्रत्येक परियोजना को संबंधित राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये तैयार किया गया है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास से संबंधित अन्य पहलें:
- उत्तर-पूर्व औद्योगिक विकास योजना (NEIDS)
- उत्तर-पूर्वी परिषद (NEC)
- उत्तर-पूर्व सड़क क्षेत्र विकास योजना
- कनेक्टिविटी परियोजनाएँ: कलादान मल्टी-मोडल ट्रांज़िट प्रोजेक्ट (म्याँमार) और बांग्लादेश-चीन-भारत-म्याँमार (BCIM) कॉरिडोर।
- भारतमाला परियोजना (सुधार के लिये NER में 5,301 किमी. सड़क क्षेत्र)
- RCS-UDAN (उड़ान को और अधिक किफायती बनाने के लिये) के तहत उत्तर-पूर्व को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में रखा गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. पूर्वोत्तर भारत में उपप्लवियों की सीमा पार आवाजाही, सीमा की पुलिसिंग के सामने अनेक सुरक्षा चुनौतियों में से केवल एक है। भारत-म्याँमार सीमा के आर-पार वर्तमान में आरंभ होने वाली विभिन्न चुनौतियों का परीक्षण कीजिये। साथ ही इन चुनौतियों का प्रतिरोध करने के कदमों पर चर्चा कीजिये। (वर्ष 2019) |