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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Oct, 2024
  • 21 min read
प्रारंभिक परीक्षा

चागोस द्वीपसमूह और डिएगो गार्सिया द्वीप

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम (UK) ने रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने की घोषणा की।

चागोस द्वीपसमूह के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • चागोस द्वीपसमूह की भौगोलिक स्थिति: इसमें 58 द्वीप शामिल हैं और यह हिंद महासागर में मालदीव से लगभग 500 किमी दक्षिण में स्थित है। 
  • चागोस द्वीपसमूह का इतिहास: फ्राँसीसी लोग वर्ष 1715 में चागोस द्वीपसमूह के साथ मॉरीशस में उपनिवेश स्थापित करने वाले पहले लोग थे।
    • 18वीं शताब्दी के अंत में, फ्राँसीसियों ने नव स्थापित नारियल बागानों में कार्य करने हेतु अफ्रीका और भारत से दास श्रमिकों को लाया।
    • हालाँकि, फ्राँस के नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के बाद वर्ष 1814 में ब्रिटेन ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया था।
    • वर्ष 1965 में, ब्रिटेन ने ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (BIOT) का गठन किया, जिसमें चागोस द्वीप समूह एक केंद्रीय हिस्सा था। 
  • चागोस पर मॉरीशस का दावा:  प्रशासनिक कारणों से, चागोस मॉरीशस का हिस्सा था, जो हिंद महासागर में एक अन्य ब्रिटिश उपनिवेश था।
    • जब वर्ष 1968 में मॉरीशस को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, तो चागोस ब्रिटेन के पास रहा, जिसने मॉरीशस को "सेना की टुकड़ी" के लिये 3 मिलियन पाउंड का अनुदान दिया।
  • चागोस और डिएगो गार्सिया का सामरिक महत्त्व: वर्ष 1966 में, ब्रिटेन ने सैन्य उद्देश्यों के लिये BIOT का उपयोग करने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
    • इसके बाद, डिएगो गार्सिया में बागान बंद कर दिये गए और किसी भी व्यक्ति के लिये बिना परमिट के डिएगो गार्सिया में प्रवेश करना या रहना गैरकानूनी हो गया।
    • द्वीपसमूह का सबसे बड़ा डिएगो गार्सिया वर्ष 1986 में पूर्णतः कार्यशील सैन्य अड्डा बन गया। 
    • वर्ष 2001 में अमेरिका पर अल-कायदा के 11 सितंबर के हमलों के बाद अमेरिका के विदेश में चलाए गए “आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध” अभियानों में यह एक प्रमुख स्थान था।
  •  यूनाइटेड किंगडम पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा वर्ष 2019 में प्रकाशित एक सलाहकार राय के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम को छह महीने के भीतर इस क्षेत्र से अपने औपनिवेशिक प्रशासन को बिना शर्त हटाने के लिये कहा गया था।
    • ICJ ने फैसला सुनाया कि वर्ष 1965 में मॉरीशस की स्वतंत्रता से पहले चागोस को मॉरीशस से अलग करना अवैध था।

यूके-मॉरीशस समझौते के मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • चागोस पर संप्रभुता: इस समझौते से मॉरीशस को डिएगो गार्सिया द्वीप को छोड़कर शेष द्वीपसमूह पर पूर्ण संप्रभुता प्राप्त हो गई है।
  • चागोसवासियों का पुनर्वास: मॉरीशस अब डिएगो गार्सिया को छोड़कर चागोस द्वीपसमूह पर लोगों को पुनर्स्थापित कर सकता है, जहाँ ब्रिटेन ने अमेरिकी नौसैनिक अड्डे के लिये 2,000 द्वीपवासियों को बेदखल कर दिया था।
  • ट्रस्ट फंड: ब्रिटेन ने चागोस के लोगों के लाभ के लिये एक नया ट्रस्ट फंड विकसित करने का भी वादा किया है।

Chagos_Archipelago


प्रारंभिक परीक्षा

प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत अपनी ग्रामीण आवास योजना को बढ़ाने के लिये देश भर में कच्चे घरों का सर्वेक्षण शुरू करके और आवास सखी मोबाइल ऐप लॉन्च करके महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 

  • इस पहल का उद्देश्य पक्के (सभी मौसम के अनुकूल) घरों के लिये नए लाभार्थियों की पहचान करना तथा अपर्याप्त आवास वाले परिवारों की मदद करना है।

कच्चे मकानों के सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है?

  • आवास की अपर्याप्तता को संबोधित करना: इसका उद्देश्य कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों के बारे में आँकड़े एकत्र करना है, ताकि सरकार को सबसे अधिक आवश्यकता वाले लोगों पर अपने संसाधनों को केंद्रित करने में सहायता मिल सके।
  • आवास सखी मोबाइल ऐप को समर्थन: यह सर्वेक्षण हाल ही में लॉन्च आवास सखी मोबाइल ऐप का पूरक होगा, जो लाभार्थियों के लिये आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है तथा उन्हें आवास से संबंधित जानकारी और संसाधनों तक आसान पहुँच प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) क्या है?

  • वर्ष 2016 में शुरू की गई PMAY-G का उद्देश्य समाज के सबसे गरीब लोगों को आवास उपलब्ध कराना है।
    • यह सुनिश्चित करने के लिये कि सहायता सबसे अधिक पात्र लोगों तक पहुँचे, प्राप्तकर्त्ताओं का चयन एक कठोर तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा की मंजूरी और जियो-टैगिंग शामिल है।
  • PMAY-G के अंतर्गत लाभार्थियों को प्राप्त होगा:
    • वित्तीय सहायता: मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए तथा पूर्वोत्तर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों सहित पहाड़ी राज्यों में 1.30 लाख रुपए।
    • शौचालयों हेतु अतिरिक्त सहायता: स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण (SBM-G) या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना या किसी अन्य समर्पित वित्त पोषण स्रोत जैसी योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से शौचालयों के निर्माण के लिये 12,000 रुपए।
    • रोज़गार सहायता: आवास निर्माण के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के माध्यम से लाभार्थियों के लिये 90/95 व्यक्ति-दिवस अकुशल मज़दूरी रोज़गार का अनिवार्य प्रावधान।
    • बुनियादी सुविधाएँ: प्रासंगिक योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से पानी, तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) और बिजली कनेक्शन तक पहुँच।
    • लागत साझाकरण: केंद्र और राज्य मैदानी क्षेत्रों के मामले में 60:40 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं, तथा पूर्वोत्तर राज्यों, दो हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मामले में 90:10 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं। 
    • लद्दाख सहित अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र 100% लागत वहन करता है।
    • SBM-G के तहत प्रगति: सरकार ने 2.95 करोड़ घर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। अगस्त 2024 तक 2.94 करोड़ घरों को मंजूरी दी जा चुकी है तथा 2.64 करोड़ घर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों की जीवन स्थितियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
  • हालिया घटनाक्रम: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2024 में मौजूदा इकाई सहायता पर दो करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण के लिये वित्तीय सहायता को मंज़ूरी दी।
    • SBM-G पात्रता मानदंड को लचीला बनाया गया है, और बाइक या स्कूटर के मालिक अब लाभार्थी सूची में शामिल हो सकते हैं। 15,000 रुपए प्रति माह तक आय अर्जित करने वाले लोग भी अब आवास के लिये पात्र होंगे (पहले सीमा 10,000 रुपए थी)।
  • वित्त वर्ष 2024-2029 तक चलने वाली इस पहल का उद्देश्य मौजूदा आवास आवश्यकताओं को पूरा करना, लगभग 10 करोड़ व्यक्तियों को लाभान्वित करना तथा उन लोगों के लिये सुरक्षित, स्वच्छ और सामाजिक रूप से समावेशी आवास सुनिश्चित करना है, जो वर्तमान में उचित आश्रय के बिना या जीर्ण-शीर्ण परिस्थितियों में जीवन-यापन कर रहे हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रारंभिक परीक्षा

प्रश्न: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्रीय निर्धनों के आजीविका विकल्पों को सुधारने का किस प्रकार प्रयास करता है? (2012)

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नए विनिर्माण उद्योग तथा कृषि व्यापार केंद्र स्थापित करके
  2. 'स्वयं सहायता समूहों' को सशक्त बनाकर और कौशल विकास की सुविधाएँ प्रदान करके
  3. कृषकों को निःशुल्क बीज, उर्वरक, डीजल पंप-सेट तथा लघु सिंचाई संयंत्र देकर

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एक गरीबी उन्मूलन परियोजना है। यह योजना स्वरोज़गार को बढ़ावा देने और ग्रामीण गरीबों के संगठन पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम के पीछे मूल विचार गरीबों को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में संगठित करना और उन्हें स्वरोज़गार के लिये सक्षम बनाना है।
  • NRLM के स्तंभ:
    • गरीबों हेतु मौजूदा आजीविका विकल्पों को बढ़ाना और उनका विस्तार करना,
    • साथ ही नौकरी के लिये कौशल का निर्माण करना,
    • स्वरोज़गार और उद्यमियों का पोषण करना। अत: कथन 2 सही है।
  • मिशन न तो बड़ी संख्या में नए विनिर्माण उद्योगों की स्थापना, न ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि व्यवसाय केंद्र पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका उद्देश्य बीज, उर्वरक, डीज़ल पंप-सेट एवं सूक्ष्म सिंचाई उपकरण की आपूर्ति करना नहीं है। अतः कथन 1 और 3 सही नहीं हैं। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

रैपिड फायर

भारत-UAE निवेश संबंधों में मज़बूती

स्रोत: पी.आई.बी

भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) के अंतर्गत भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के निवेशकों के लिये स्थानीय समाधान की समापन अवधि (Exhaustion Period) को पाँच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया है।

  • BIT, 31 अगस्त 2024 को लागू हो गया, जिससे पूर्ववर्ती द्विपक्षीय निवेश संवर्द्धन एवं संरक्षण समझौते (BIPPA) के समापन के पश्चात् निवेश संरक्षण की निरंतरता सुनिश्चित हो गई।
    • BIT, न्यूनतम उपचार मानकों (निष्पक्ष और न्यायसंगत) और विवाद समाधान हेतु स्वतंत्र मध्यस्थता का आश्वासन देता है।
    • स्थानीय समाधान की समापन अवधि वह समय सीमा है, जिसके दौरान निवेशक को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग करने से पूर्व मेज़बान देश की विधिक प्रणाली के माध्यम से विवाद को सुलझाने का प्रयास करना चाहिये।
  • एक अन्य घटनाक्रम में, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (ADIA) ने भारत में अपनी निवेश संबंधी गतिविधियों को बढ़ाने के लिये गिफ्ट सिटी में एक कार्यालय खोला है।
    • UAE भारत में सबसे बड़ा अरब निवेशक है, जिसका वित्त वर्ष 2023-24 में निवेश लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। 
    • वित्त वर्ष 2023-24 के लिये UAE छठा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) स्रोत था, जो वर्ष 2000 के पश्चात् से कुल मिलाकर सातवाँ सबसे बड़ा स्रोत था। 
    • भारत में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के कुल निवेश का 70% से अधिक भाग संयुक्त अरब अमीरात से आता है।
  • इसके अतिरिक्त, भारत और UAE, संयुक्त अरब अमीरात की खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और भारतीय किसानों को समर्थन देने के लिये 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के फूड कॉरिडोर की योजना को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) और BIT, UAE के व्यवसायों के लिये शुल्क मुक्त पहुँच और एक स्थिर निवेश वातावरण सुनिश्चित करेंगे।

और पढ़ें: भारत-UAE संबंध


रैपिड फायर

विश्व कपास दिवस 2024

स्रोत: पी.आई.बी.

विश्व कपास दिवस (7 अक्तूबर 2024) के अवसर पर  वस्त्र मंत्रालय ने भारतीय कपास निगम और CITI के साथ संयुक्त रूप से सम्मेलन की मेज़बानी की, जिसका विषय था "सूती वस्त्र मूल्य शृंखला को आकार देने वाले मेगाट्रेंड्स"।

उद्देश्य:

  • सूती वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देना तथा अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को बढ़ावा देना।
  • कपास मूल्य शृंखला के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और समाधान की तलाश करना।
  • कपास उद्योग में स्थिरता और उसकी क्षमता के महत्त्व पर प्रकाश डालना।

कपास दिवस की मुख्य विशेषताएँ:

कपास उद्योग से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्य:

  • भारत विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है, जो विश्व के कपास उत्पादन का लगभग 23% उत्पादन करता है।
  • वर्ष 2023-2024 में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कपास निर्यातक होगा।
  • भारत के प्रमुख कपास आयातकों में बाँग्लादेश, चीन और वियतनाम शामिल हैं।

और पढ़ें: कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI), भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI)।


रैपिड फायर

भारतीय प्रतिभूतियों में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का FPI निवेश

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय प्रतिभूतियों में लगभग 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया है, जो वैश्विक निवेशकों के लिये भारत के बढ़ते आकर्षण को दर्शाता है।

  • यह मार्च 2020 में कोविड-19 के निम्नतम स्तर 329 बिलियन अमेरिकी डॉलर से तीन गुना वृद्धि को दर्शाता है। भारत का बाज़ार पूंजीकरण भी चार गुना बढ़कर अब लगभग 5.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। 
  • भारतीय बाज़ारों ने मज़बूत दीर्घावधि रिटर्न प्रदान किया है, जिसमें अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में सेंसेक्स के लिये 10-वर्ष का वार्षिक रिटर्न 8.5% रहा है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के डाऊ जोन्स (Dow Jones) सूचकांक के लिये यह 9.7% रहा है।
  • वर्ष 1991 के भुगतान संतुलन संकट के बाद, वर्ष 1992 में भारत के FPI (तब इन्हें विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) के रूप में जाना जाता था) में उदारता से निवेश नियमों और एक सहायक नियामक ढाँचे में बढ़ावा मिला है।
    • FPI में वे अनिवासी शामिल हैं, जो शेयर, सरकारी बॉण्ड, कॉर्पोरेट बॉण्ड, परिवर्तनीय प्रतिभूतियों और बुनियादी ढाँचा प्रतिभूतियों जैसी भारतीय वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं।
    • FPI में FII, योग्य विदेशी निवेशक (QFIs) और उप-खाते जैसे निवेश समूह शामिल हैं।
  • भारत में FPI प्रवाह के प्राथमिक स्रोत अमेरिका, सिंगापुर और लक्ज़मबर्ग हैं।

और पढ़ें: भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में परिवर्तन


रैपिड फायर

92वाँ भारतीय वायु सेना दिवस

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

हाल ही में भारतीय वायु सेना (IAF) की 92वीं वर्षगाँठ चेन्नई के मरीना बीच पर एयर शो के साथ मनाई गई।

  • विषय है "भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर" (प्रबल, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर) (Bhartiya Vayu Sena: Saksham, Sashakt, Atmanirbhar" (Potent, Powerful, and Self-Reliant))। 
    • यह आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण के प्रति भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो मज़बूत रक्षा क्षमता के लिये भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है ' नभः स्पर्शं दीप्तम्' (Touch the sky with Glory) जो भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है।
  • भारतीय वायु सेना का गठन 18 अक्तूबर, 1932 को हुआ था, भारतीय वायुसेना की पहली परिचालन उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को संचालित हुई थी। 
  • भारत की रक्षा से संबंधित समस्याओं का वर्ष 1939 में चैटफील्ड समिति द्वारा पुनर्मूल्यांकन किया गया, जिसमे प्रमुख बंदरगाहों की रक्षा में सहायता के लिये स्वैच्छिक आधार पर पाँच उड़ानें स्थापित करने की योजना प्रस्तावित की गई

और पढ़ें… भारत का 5G लड़ाकू विमान और LCA तेजस


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