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कस्तूरी कॉटन भारत पहल

  • 09 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत : पीआई बी 

कपड़ा मंत्रालय का कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम भारतीय कपास की ट्रेसबिलिटी, प्रमाणन और ब्रांडिंग में एक अग्रणी प्रयास है। 

  • यह कॉटन की ट्रेसबिलिटी और प्रमाणन को बढ़ाने के लिये भारत सरकार (कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया), व्यापार निकायों और उद्योगों के बीच एक सहयोग है। 
  • एंड-टू-एंड ट्रेसबिलिटी और लेनदेन प्रमाणन के लिये क्यूआर कोड सत्यापन और ब्लॉकचेन प्लेटफाॅर्म वाली एक माइक्रोसाइट विकसित की गई है। 
  • कार्यक्रम को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बढ़ावा दिया जाता है, जिसमें राज्य-विशिष्ट के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर धन आवंटित किया जाता है। 
  • लगभग 343 आधुनिकीकृत जिनिंग और प्रेसिंग इकाइयाँ पंजीकृत हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश की 15 इकाइयाँ शामिल हैं। 
    • आंध्र प्रदेश से लगभग 100 गाँठों को कस्तूरी कॉटन भारत ब्रांड के तहत प्रमाणित किया गया है। 
  • भारत में कॉटन (कपास) एक महत्त्वपूर्ण फसल है, जो वैश्विक उत्पादन में 25% का योगदान देती है और अपने आर्थिक मूल्य के लिये इसे "व्हाइट-गोल्ड" के रूप में जाना जाता है। यह गर्म, धूप वाले मौसम और विभिन्न प्रकार की मृदा  में पनपती है, लेकिन जलभराव के प्रति संवेदनशील होती है।

और पढ़ें: कस्तूरी कॉटन द्वारा भारत के कॉटन सेक्टर को बढ़ावा, भारत में कॉटन उत्पादन

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