प्रारंभिक परीक्षा
नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों को रामसर स्थल के रूप में मान्यता
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में विश्व पर्यावरण दिवस पर बिहार के नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
- इसके साथ ही भारत में ऐसी आर्द्रभूमियों की कुल संख्या 82 हो गई है।
नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- भौगोलिक स्थिति:
- दोनों पक्षी अभयारण्य मानव निर्मित आर्द्रभूमि पर निर्मित हुए हैं, जिन्हें मुख्य रूप से नकटी बाँध के निर्माण के माध्यम से सिंचाई के लिये विकसित किया गया है।
- दोनों अभयारण्यों को प्रवासी प्रजातियों के लिये शीतलन आवास के रूप में उनके महत्त्व के कारण वर्ष 1984 में पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित किया गया था।
- जलग्रहण क्षेत्र में पहाड़ियों से घिरे शुष्क पर्णपाती वन हैं।
- वनस्पति और जीव:
- ये आर्द्रभूमि पक्षियों, स्तनधारियों, मछलियों, जलीय पौधों, सरीसृपों और उभयचरों की 150 से अधिक प्रजातियों के लिये आवास प्रदान करती हैं।
- ये लुप्तप्राय भारतीय हाथी और सुभेद्य देशी कैटफिश जैसी वैश्विक रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की मेज़बानी करते हैं।
- एशियाई जलपक्षी जनगणना, 2023 के अनुसार, नकटी पक्षी अभयारण्य में 7,844 पक्षी पाए गए, जो सर्वेक्षण में सबसे अधिक है, इसके पश्चात् नागी पक्षी अभयारण्य में 6,938 पक्षी पाए गए।
नोट:
- बिहार के बेगूसराय ज़िले में स्थित काँवर झील को वर्ष 2020 में राज्य का पहला रामसर स्थल घोषित किया गया।
रामसर कन्वेंशन क्या है?
- रामसर कन्वेंशन वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में यूनेस्को के तत्वावधान में हस्ताक्षरित एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है।
- भारत में यह 1 फरवरी, 1982 को लागू हुआ, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल घोषित किया जाता है।
- मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि स्थलों का एक रजिस्टर है, जहाँ तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हुए हैं, वर्तमान में हो रहे हैं या संभावित हैं।
- इसे रामसर सूची के भाग के रूप में बनाए रखा जाता है।
नोट:
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व भर में मनाया जाता है।
- रामसर स्थलों के लिये भारत की पहल:
- आर्द्रभूमि (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017।
- जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिये राष्ट्रीय योजना (NPCA)
- अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना
- राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम (NWCP): इसे वर्ष 1985 में शुरू किया गया था, ताकि कमज़ोर आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्रों के लिये खतरों से निपटा जा सके और उनके संरक्षण को बढ़ाया जा सके।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2022) आर्द्रभूमि/झील अवस्थान
उपर्युक्त युग्मों में कितने सही सुमेलित हैं? (a) केवल एक युग्म उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये : (2014) आर्द्रभूमि नदियों का संगम
उपर्युक्त युग्म में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |
रैपिड फायर
नीदरलैंड बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य
स्रोत: द हिंदू
वर्ष 2023-24 में अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के बाद नीदरलैंड विश्व में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है।
- यह जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड, यू.के. और बेल्जियम के बाद यूरोप में भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है।
- भारत द्वारा नीदरलैंड को किया जाने वाला निर्यात लगभग 3.5% बढ़कर वर्ष 2023-24 में 22.36 बिलियन अमरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो वर्ष 2022-23 में 21.61 बिलियन अमरिकी डॉलर था।
- वर्ष 2022-23 में भारत के कुल व्यापार में नीदरलैंड का योगदान 2.36% रहा।
- नीदरलैंड भारत में एक प्रमुख निवेशक भी है।
- भारत को नीदरलैंड से लगभग 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ, जो वर्ष 2022-23 में 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- नीदरलैंड के बारे में:
- सीमावर्ती देश: उत्तर और पश्चिम में उत्तरी सागर, पूर्व में जर्मनी तथा दक्षिण में बेल्जियम।
- राजधानी: एम्स्टर्डम (आधिकारिक), द हेग (सरकार की सीट)।
- सरकार का स्वरूप: संसदीय प्रणाली के साथ संवैधानिक राजतंत्र।
- प्रमुख नदियाँ: राइन, म्यूज़ और शेल्ड्ट।
और पढ़ें: भारत और नीदरलैंड संबंध
रैपिड फायर
अजरख शिल्प और बेला ब्लॉक प्रिंटिंग
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में कच्छ की प्रतिरोधी रंगाई की एक कला, अजरख को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ है, जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों की कलाओं को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।
- अजरख, गुजरात के कच्छ की सदियों पुरानी ब्लॉक-प्रिंटेड वस्त्र कला है, जिसमें सूती कपड़े पर कहानियाँ बताने के लिये प्राकृतिक रंगों और जटिल डिज़ाइनों का उपयोग किया जाता है।
- नील, लाल और सफेद आदि चमकीले रंगों से बने अजरख वस्त्र पारंपरिक रूप से रबारी, मालधारी तथा अहीर जैसे खानाबदोश समुदायों द्वारा पहने जाते हैं।
- बेला ब्लॉक प्रिंटिंग:
- यह कच्छ के उसी क्षेत्र का एक अन्य शिल्प है, जो कम ज्ञात और अस्पष्ट है, तथा मुख्य रूप से खत्री समुदाय द्वारा किया जाता है।
- यह एक पारंपरिक वस्त्र कला है जो अपनी बोल्ड डिज़ाइनों, आकर्षक रंग संयोजनों तथा बनावट वाले कपड़ों पर हाथी और घोड़े जैसे ग्राफिक रूपांकनों के लिये जानी जाती है।
- इसे हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा भी लुप्तप्राय शिल्प की सूची में रखा गया है। यह राष्ट्रीय एजेंसी है जो भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और निर्यात करने के लिये कार्य करती है।
और पढ़ें: भौगोलिक संकेत (GI)
रैपिड फायर
इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल (IP)
स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स
हाल ही में भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India- IBBI) ने इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल (Insolvency Professionals- IP) को अंतरिम समाधान पेशेवर, परिसमापक और दिवालियापन ट्रस्टी के रूप में नियुक्त करने के लिये नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
- नये दिशा-निर्देशों के तहत छह माह की वैधता के साथ IP का एक पैनल स्थापित किया जाएगा।
- प्रशासनिक देरी से बचने के लिये पैनल को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal- NCLT) और ऋण वसूली न्यायाधिकरण (Debt Recovery Tribunal- DRT) के साथ साझा किया जाएगा।
- पैनल के लिये अर्हता प्राप्त करने हेतु IP पर पिछले तीन वर्षों में कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही या दोषसिद्धि नहीं होनी चाहिये।
- IP को असाइनमेंट के लिये प्राधिकरण प्राप्त होगा, जिसकी वैधता, पैनल की वैधता तक (6 महीने तक) ही रहेगी।
- पैनल का निर्माण पूर्ण किये गये कार्यों की संख्या और पंजीकरण तिथि के आधार पर किया जाएगा तथा अधिक अनुभव वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसका उद्देश्य तत्काल नियुक्ति के लिये योग्य पेशेवरों का एक समूह सुनिश्चित करके दिवाला समाधान प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाना है।
रैपिड फायर
पेंशन प्रशासन रक्षा प्रणाली (SPARSH)
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में रक्षा मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग (Defence Accounts Department- DAD) ने कई बैंकों के साथ स्पर्श (System for Pension Administration Raksha- SPARSH) सेवा केंद्रों के रूप में शामिल करने के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
- इससे पेंशनभोगियों को, विशेषकर दूरदराज़ के क्षेत्रों में, संपूर्ण रूप से कनेक्टिविटी मिलेगी।
- इन केंद्रों के माध्यम से रक्षा पेंशनभोगी अपना प्रोफाइल अपडेट कर सकते हैं, शिकायत दर्ज़ कर सकते हैं, डिजिटल वार्षिक पहचान, डेटा सत्यापन और अपनी मासिक पेंशन से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- पेंशन प्रशासन रक्षा प्रणाली (SPARSH):
- यह रक्षा पेंशन की मंज़ूरी और संवितरण के स्वचालन के लिये एक एकीकृत वेब-आधारित प्रणाली है।
- यह वेब-आधारित प्रणाली पेंशन दावों का प्रसंस्करण करती है तथा किसी बाह्य मध्यस्थ पर निर्भर हुए बिना पेंशन को सीधे रक्षा पेंशनभोगियों के बैंक खातों में अंतरित कर देती है।
- यह दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता पर केंद्रित है।
अधिक पढ़ें: स्पर्श: पेंशन प्रशासन रक्षा प्रणाली
रैपिड फायर
संयुक्त राष्ट्र का WSIS 2024 “चैंपियन” पुरस्कार
स्रोत: पी. आई. बी
हाल ही में भारत सरकार के दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सी-डॉट (Centre for Development of Telematics) ने "सेल ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी अलर्टिंग के माध्यम से मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन" श्रेणी में संयुक्त राष्ट्र का WSIS 2024 "चैंपियन" पुरस्कार जीता।
- विश्व सूचना समाज शिखर सम्मेलन (World Summit on the Information Society- WSIS) +20 फोरम 2024 का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecom Union- ITU) द्वारा किया गया।
- ITU सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के लिये संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1865 में हुई थी और इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटज़रलैंड में है।
- भारत वर्ष 1952 से ITU का नियमित सदस्य बना हुआ है।
- यह पुरस्कार सामाजिक प्रभाव हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिये सी-डॉट की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है तथा यह सभी के लिये प्रारंभिक चेतावनी (EW4All) और ITU के कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (Common Alerting Protocol- CAP) जैसी वैश्विक पहलों के अनुरूप है।
- AI फॉर गुड ग्लोबल समिट (WSIS के साथ आयोजित) में सी-डॉट ने धोखाधड़ी/अनधिकृत मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाने के लिये ASTR (टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन हेतु AI और फेशियल रिकॉग्निशन संचालित समाधान) जैसे अपने AI-संचालित समाधानों का प्रदर्शन किया।
और पढ़ें: आपातकालीन चेतावनी प्रणाली, सेल ब्रॉडकास्ट तकनीक