भारतीय अर्थव्यवस्था
समर्थ योजना
- 22 Dec 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:हथकरघा, एकीकृत कौशल विकास योजना, इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (SITP) योजना, पावर-टेक्स इंडिया, सिल्क समग्र योजना, अमेंडेड टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (ATUFS), राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मेन्स के लिये:वृद्धि और विकास, समावेशी विकास |
चर्चा में क्यों?
वस्त्र मंत्रालय की समर्थ योजना के तहत विगत तीन वर्षों में 13,235 से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षित किया गया है।
नोट:
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के अवसर पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (MSMEs) ने महिलाओं के लिये एक विशेष उद्यमिता प्रोत्साहन अभियान - "समर्थ" का शुभारंभ किया।
- इस पहल के माध्यम से MSME मंत्रालय महिलाओं को कौशल विकास और बाज़ार विकास सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है
समर्थ योजना:
- परिचय:
- समर्थ (वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना) एक प्रमुख कौशल विकास योजना है जिसे 12वीं पंचवर्षीय योजना (FYP) के लिये एकीकृत कौशल विकास योजना, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की निरंतरता में अनुमोदित किया गया है।
- विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (NHDP) के घटक 'हस्तशिल्प क्षेत्र में कौशल विकास' के तहत हस्तशिल्प कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये समर्थ (SAMARTH) का कार्यान्वयन कर रहा है।
- उद्देश्य:
- वस्त्र मंत्रालय के संबंधित क्षेत्रीय प्रभागों/संगठनों के माध्यम से पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल और कौशल उन्नयन को बढ़ावा देने के लिये संगठित वस्त्र एवं संबंधित क्षेत्रों में रोज़गार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करने हेतु मांग-आधारित रोज़गार -उन्मुख कौशल प्रदान करना।
- देश में समाज के सभी वर्गों को आजीविका प्रदान करना।
भारत में वस्त्र क्षेत्र की स्थिति:
- परिचय:
- वस्त्र और परिधान उद्योग एक श्रम गहन क्षेत्र है जो भारत में 45 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करता है और रोज़गार के मामले में कृषि क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है।
- भारत का वस्त्र क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे पुराने उद्योगों में से एक है तथा पारंपरिक कौशल, विरासत एवं संस्कृति का भंडार व वाहक है।
- इसे दो खंडों में विभाजित किया जा सकता है:
- असंगठित क्षेत्र छोटे पैमाने का है जो पारंपरिक उपकरणों और विधियों का उपयोग करता है। इसमें हथकरघा, हस्तशिल्प एवं रेशम उत्पादन शामिल हैं।
- संगठित क्षेत्र आधुनिक मशीनरी और तकनीकों का उपयोग करता है तथा इसमें कताई, परिधान एवं वस्त्र शामिल हैं।
- वस्त्र क्षेत्र की अन्य योजनाएँ:
- एकीकृत वस्त्र पार्क योजना (Scheme for Integrated Textile Parks- SITP): इसे वर्ष 2005 में शुरू किया गया, इसका उद्देश्य उद्योग को अपनी वस्त्र इकाइयों की स्थापना के लिये विश्व स्तरीय अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना है।
- पावर-टेक्स इंडिया: इसमें पावरलूम टेक्सटाइल में नए अनुसंधान और विकास, नए बाज़ार, ब्रांडिंग, सब्सिडी व श्रमिकों हेतु कल्याणकारी योजनाएंँ शामिल हैं।
- रेशम समग्र योजना: यह योजना घरेलू रेशम की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करती है ताकि आयातित रेशम पर देश की निर्भरता कम हो सके।
- संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (Amended Technology Upgradation Fund Scheme- ATUFS): यह कपड़ा उद्योग के प्रौद्योगिकी उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिये पूंजी निवेश को उत्प्रेरित करने हेतु एक क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी (CIS) योजना है।
- राष्ट्रीय हथकरघा दिवस: भारत में हथकरघा बुनकर समुदाय के महत्त्व को चिह्नित करने के लिये प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक घरेलू बाज़ार का आकार 40 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से बढ़ाकर 50 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक कर भारत को तकनीकी वस्त्रों में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |