ग्रैमी अवॉर्ड 2024
स्रोत: द हिंदू
तबला वादक ज़ाकिर हुसैन और गायक शंकर महादेवन के फ्यूज़न म्यूज़िक ग्रुप शक्ति ने "दिस मोमेंट" के लिये सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल म्यूज़िक एल्बम का 66वाँ ग्रैमी अवार्ड (2024) जीता है।
- ‘शक्ति’ का तीसरा स्टूडियो एल्बम "दिस मोमेंट" 23 जून 2023 को इसी नाम से 46 वर्ष बाद पुनः रिलीज़ किया गया था।
ग्रैमी अवॉर्ड क्या है?
- परिचय:
- ग्रैमी अवार्ड (मूल नाम ग्रामोफोन अवार्ड ) अमेरिका में नेशनल एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज (NARAS) या लैटिन एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज (LARAS केवल स्पेनिश/पुर्तगाली भाषाओं में रिकॉर्डिंग के लिये) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किये जाने वाले पुरस्कारों की एक शृंखला है।
- संगीत संबंधी उपलब्धियों को मान्यता देने का यह वार्षिक आयोजन वर्ष 1958 के कलाकारों का सम्मान करने के लिये वर्ष 1959 में शुरू किया गया था और इससे सम्मानित होने वालों को ग्रामोफोन की एक स्वर्ण प्रतिमा प्राप्त होती है।
- ग्रैमी अवार्ड (मूल नाम ग्रामोफोन अवार्ड ) अमेरिका में नेशनल एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज (NARAS) या लैटिन एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज (LARAS केवल स्पेनिश/पुर्तगाली भाषाओं में रिकॉर्डिंग के लिये) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किये जाने वाले पुरस्कारों की एक शृंखला है।
- ग्रैमी अवार्ड 2024 में भारत का प्रदर्शन:
- शक्ति, में ज़ाकिर हुसैन, शंकर महादेवन, जॉन मैक्लॉघलिन, गणेश राजगोपालन और सेल्वगणेश विनायकराम शामिल हैं, जिन्होंने अपने एल्बम "दिस मोमेंट" के लिये 2024 ग्रैमी जीता।
- "अभूतपूर्व अंतरमहाद्वीपीय सहकार्य" के रूप में वर्णित ‘शक्ति’ पूर्वी और पश्चिमी दोनों परंपराओं के संगीतकारों को एकजुट करता है,जिसे अब ग्लोबल म्यूज़िक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- ज़ाकिर हुसैन ने इस समारोह में दो और ग्रैमी हासिल करते हुए अतिरिक्त जीत हासिल की।
- पहला उन्होंने 'पश्तो' के साथ सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल म्यूज़िक के लिये और दूसरा सर्वश्रेष्ठ समकालीन वाद्य एल्बम 'एज़ वी स्पीक' के लिये पुरस्कार जीता।
- एल्बम में भारतीय बांसुरी वादक राकेश चौरसिया भी हैं, जो प्रसिद्ध बांसुरीवादक हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे हैं।
- शक्ति, में ज़ाकिर हुसैन, शंकर महादेवन, जॉन मैक्लॉघलिन, गणेश राजगोपालन और सेल्वगणेश विनायकराम शामिल हैं, जिन्होंने अपने एल्बम "दिस मोमेंट" के लिये 2024 ग्रैमी जीता।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. सांस्कृतिक नेताओं को अपनी बैठकों में एकीकृत करने के लिये निम्नलिखित में से कौन "क्रिस्टल अवार्ड" प्रदान करता है? (2009) (a) एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग उत्तर: D |
हरित प्रणोदन प्रणाली
स्रोत: पी.आई.बी.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत विकसित एक हरित प्रणोदन प्रणाली ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)- C58 मिशन द्वारा लॉन्च किये गए पेलोड पर ऑर्बिट में कार्यक्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
- यह भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिये एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह देश की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि के लिये हरित तथा स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की दक्षता को प्रदर्शित करता है।
नोट:
- TDF रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे रक्षा तथा एयरोस्पेस, विशेषकर स्टार्टअप एवं MSME में नवाचार के वित्तपोषण के लिये "मेक इन इंडिया" पहल के तहत DRDO द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
हरित प्रणोदन प्रणाली क्या है?
- हरित प्रणोदन प्रणाली को बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (विकास एजेंसी) द्वारा विकसित किया गया था।
- यह परियोजना के तहत ऊँचाई नियंत्रण तथा सूक्ष्म उपग्रहों की कक्षा के अनुवीक्षण के लिये 1N क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट का उपयोग किया जाता है।
- इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रणोदक, फिल एंड ड्रेन वाल्व, लैच वाल्व, सोलनॉइड वाल्व, उत्प्रेरक सतह (catalyst bed), ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं।
- इस नवोन्मेषी तकनीक के परिणामस्वरूप कम कक्षा वाले स्थान के लिये एक गैर विषैले और पर्यावरण-अनुकूल प्रणोदन प्रणाली का निर्माण हुआ है, जो पारंपरिक हाइड्राज़िन (hydrazine)- आधारित प्रणोदन प्रणालियों के विपरीत है जो खतरनाक तथा प्रदूषणकारी हैं।
- यह प्रणाली उच्च प्रणोद आवश्यकताओं वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिये आदर्श है।
प्रणोदन प्रणाली:
- प्रणोदन का अर्थ है किसी वस्तु को आगे की ओर धकेलना या चलाना। प्रणोदन प्रणाली एक मशीन है जो किसी वस्तु को आगे धकेलने के लिये बल उत्पन्न करती है।
- प्रणोदक एक ऐसा पदार्थ है जिसे बल पैदा करने के लिये निष्कासित या विस्तारित किया जाता है। प्रणोदक गैस, तरल या ठोस हो सकते हैं।
- रॉकेट में, प्रणोदक रासायनिक मिश्रण होते हैं जो बल उत्पन्न करते हैं। इनमें ईंधन और एक ऑक्सीडाइज़र होता है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भविष्य के रॉकेट और उपग्रह प्रणोदन प्रणालियों में उपयोग के लिये हरित प्रणोदक विकसित कर रहा है।
- इसरो ने प्रयोगशाला स्तर पर ईंधन के रूप में ग्लाइसीडिल एज़ाइड पॉलिमर (GAP) और ऑक्सीडाइज़र के रूप में अमोनियम डी-नाइट्रामाइड (ADN) पर आधारित एक पर्यावरण-अनुकूल ठोस प्रणोदक विकसित करके शुरुआत की है, जो रॉकेट इंजनों से क्लोरीनयुक्त निकास उत्पादों के उत्सर्जन को समाप्त कर देगा।
PSLV-C58 मिशन क्या है?
- ISRO के PSLV-C58 ने 1 जनवरी, 2024 को एक एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (X-ray Polarimeter Satellite- XPoSat) को पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च किया।
- XPoSat आकाशीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन के अंतरिक्ष-आधारित ध्रुवीकरण माप में अनुसंधान करने वाला ISRO का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है।
- इस मिशन का उद्देश्य तीव्र एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण की जाँच करना है।
- एक्स-रे, 0.01-10 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य के साथ, लंबवत विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा विशेषता विद्युत चुंबकीय विकिरण हैं।
- एक्स-रे ध्रुवीकरण को मापना, खगोलविदों को खगोलीय पिंडों में चुंबकीय क्षेत्र अभिविन्यास और शक्तियों का अध्ययन करने में सहायता करता है, जो पल्सर, ब्लैक होल क्षेत्रों तथा अन्य एक्स-रे-उत्सर्जक ब्रह्मांडीय घटनाओं को समझने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न 1. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न 2. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के संदर्भ में हाल ही में समाचारों में चर्चित "भुवन" क्या है? (2010) (a) भारत में दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये इसरो द्वारा प्रमोचित एक लघु उपग्रह उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. भारत ने चंद्रयान व मंगल कक्षीय मिशनों सहित मानव-रहित अंतरिक्ष मिशनों में असाधारण सफलता प्राप्त की है, लेकिन मानव-सहित अंतरिक्ष मिशनों में प्रवेश का साहस नहीं किया है। मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने में प्रौद्योगिकीय व सुप्रचालनिक सहित मुख्य रुकावटें क्या हैं? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (2017) प्रश्न. अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की चर्चा कीजिये। इस प्रौद्योगिकी का प्रयोग भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायक हुआ है? (2016) |
फ्लोरिडा पार्क में मैनेटीज़ (समुद्री गायें) का एकत्रीकरण
स्रोत: बीबीसी
ब्लू स्प्रिंग स्टेट पार्क, फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 1,000 मैनेटेस के एकत्र होने की सूचना मिली। मैनेटेस का एकत्रीकरण कई कारणों से हो सकता है, जैसे–
- तापमान में 14.1 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट, फ्लोरिडा तट पर शैवाल के खिलने के कारण समुद्री घास (मैनेटेस का प्राथमिक भोजन) में गिरावट और जलयानों की टकराव से सुरक्षा की मांग।
- मैनेटीज़ (समुद्री गायें) आमतौर पर एकान्तवासी जानवर हैं।
- समुद्री गायों में, मैनेटी और डुगोंग (dugongs) शामिल हैं, जिनमें चार मैनेटी प्रजातियाँ और एक डुगोंग प्रजाति शामिल है, जो शाकाहारी डुगोंगिडे परिवार (Dugongidae family) से संबंधित है।
- मैनेटीज़ कैरेबियन, मैक्सिको की खाड़ी, अमेज़ॅन, पूर्व और पश्चिम अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि डुगोंग भारतीय और प्रशांत महासागरों के तटीय क्षेत्रों में रहते हैं।
- IUCN Status: मैनेटेस और डुगोंग दोनों ही संवेदनशील (Vulnerable) हैं।
- डुगोंग: वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1
- समुद्री गायों में, मैनेटी और डुगोंग (dugongs) शामिल हैं, जिनमें चार मैनेटी प्रजातियाँ और एक डुगोंग प्रजाति शामिल है, जो शाकाहारी डुगोंगिडे परिवार (Dugongidae family) से संबंधित है।
और पढ़ें: https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/prelims-facts/sea-turtle-poaching
प्राचीन सुबिका पेंटिंग
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने हेतु मणिपुर की प्राचीन सुबिका पेंटिंग शैली, जो विलुप्ति की कगार पर है, को पुनर्जीवित करने के लिये व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं।
- सुबिका पेंटिंग शैली मैतेई समुदाय के सांस्कृतिक इतिहास से संबंधित है तथा अपनी छह जीवित पांडुलिपियों; सुबिका, सुबिका अचौबा, सुबिका लाईशाबा, सुबिका चौदित, सुबिका चेइथिल तथा थेंगराखेल सुबिका के माध्यम से अस्तित्व में हैं।
- यह शैली ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण है किंतु विगत कुछ वर्षों में हुई इसकी उपेक्षा के परिणामस्वरूप इसकी स्थिति प्रभावित हुई है।
- यह पेंटिंग हस्तनिर्मित कागज़ पर बनाई जाती हैं तथा पांडुलिपियों के लिये आवश्यक सामग्री, जैसे हस्तनिर्मित कागज़ अथवा वृक्ष की छाल, स्थानीय स्तर पर तैयार की जाती है।
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बाल सुरक्षा पोर्टल
स्रोत: पी. आई. बी
हाल ही में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान ट्रैक चाइल्ड पोर्टल और GHAR-गो होम और री-यूनाइट पोर्टल पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
- ट्रैक चाइल्ड पोर्टल विभिन्न हितधारकों द्वारा समर्थित, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लापता तथा पाए गए बच्चों पर नज़र रखने में सक्षम बनाता है।
- "खोया-पाया" सुविधा नागरिकों को लापता या देखे गए बच्चों की रिपोर्ट करने की अनुमति देती है, जिससे सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलता है।
- इसे गृह मंत्रालय के अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग तथा नेटवर्क सिस्टम के साथ भी एकीकृत किया गया है, जो लापता बच्चों की एफ.आई.आर. से मिलान करने के संदर्भ में अंतरसंचालनीयता की अनुमति देता है।
- इसके अलावा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने GHAR – गो होम एंड री-यूनाइट (बच्चे का उद्धार और घर वापसी के लिये पोर्टल) नामक एक पोर्टल विकसित तथा शुरू किया है। GHAR पोर्टल को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) कानून, 2015 और उसके नियमों के तहत प्रोटोकॉल के अनुसार बच्चों के उद्धार तथा घर वापसी की डिजिटल निगरानी एवं पता लगाने हेतु विकसित किया गया है।
और पढ़ें: सोशल प्रोटेक्शन फॉर चिल्ड्रेन
CLEA - कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस 2024
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन (CLEA) - कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस (CASGC) 2024 का उद्घाटन किया, जिसमें समकालीन कानूनी चुनौतियों से निपटने में वैश्विक सहयोग के महत्त्व पर बल दिया गया।
- "न्याय वितरण में सीमा पार चुनौतियाँ (Cross-Border Challenges in Justice Delivery)" विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में न्यायिक परिवर्तन, कानूनी अभ्यास के नैतिक आयाम और कार्यकारी जवाबदेही सहित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिये प्रमुख कानूनी विचारकों को बुलाया गया।
- इसमें विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ एशिया-प्रशांत, अफ्रीका और कैरेबियन में फैले राष्ट्रमंडल देशों के अटॉर्नी जनरलों तथा सॉलिसिटरों की भागीदारी देखी गई।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि व्यापार और अपराध भौगोलिक सीमाओं से परे हैं, इसलिये कानूनी ढाँचे के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है।
- साइबर धोखाधड़ी और आतंकवाद सहित विविध मुद्दों को हल करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।