प्रारंभिक परीक्षा
एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह: ISRO
- 02 Jan 2024
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स्रोत: इडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्स-किरण ध्रुवीकरण तथा इसके अंतरिक्ष स्रोतों, जैसे– ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे और मैग्नेटर्स का अध्ययन करने के लिये अपना पहला एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (X-ray Polarimeter Satellite- XPoSat) लॉन्च किया है।
- मिशन को निम्न पृथ्वी कक्षा में PSLV-C58 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया है।
एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (XPoSat) क्या है?
- प्रयोजन:
- XPoSat को मध्यम एक्स-रे बैंड में X-रे ध्रुवीकरण का अध्ययन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जो खगोलीय स्रोतों के विकिरण तंत्र तथा ज्यामिति में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- इन खगोलीय पिंडों से संबंधित भौतिकी को समझने के लिये यह अध्ययन महत्त्वपूर्ण है।
- पेलोड:
- उपग्रह में दो मुख्य पेलोड POLIX (एक्स-किरण में ध्रुवणमापी उपकरण) तथा XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और समय) मौजूद हैं।
- POLIX लगभग 40 प्रदीप्त खगोलीय स्रोतों/पिंडों का निरीक्षण करेगा, जबकि XSPECT विभिन्न पदार्थों द्वारा उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का अध्ययन करेगा।
- विकास:
- पूरी तरह से बेंगलुरु स्थित दो संस्थानों– ISRO के यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित - XPoSat का विकास वर्ष 2008 में शुरू हुआ, वर्ष 2015 में ISRO के साथ एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
- वैश्विक संदर्भ:
- XPoSat मध्यम X-रे बैंड में X-रे ध्रुवीकरण के लिये समर्पित विश्व का द्वितीय मिशन है। वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया NASA का इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE), किसी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किया गया पहला ऐसा मिशन था।
- राष्ट्रीय योगदान:
X-रे क्या है और यह आकाशीय पिंडों का अध्ययन किस प्रकार करेगा?
- X-रे विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं जिनकी तरंग दैर्ध्य 0.01-10 नैनोमीटर होती है।
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण की विशेषता एक विद्युत क्षेत्र और एक चुंबकीय क्षेत्र है जो एक दूसरे के लंबवत कंपन करते हैं।
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण का ध्रुवीकरण इन दो क्षेत्रों के अभिविन्यास को संदर्भित करता है क्योंकि विकिरण अंतरिक्ष के माध्यम से चलता है।
- विद्युत चुम्बकीय विकिरण की विशेषता एक विद्युत क्षेत्र और एक चुंबकीय क्षेत्र है जो एक दूसरे के लंबवत कंपन करते हैं।
- जब X-किरणें बिखरती हैं, तो वे ध्रुवीकृत (polarised) हो जाती हैं और ये तब भी उत्पन्न होती हैं जब तेज़ गति से चलने वाले आवेशित कण का पथ चुंबकीय क्षेत्र द्वारा मुड़ जाता है।
- एक्स-किरणों के ध्रुवीकरण को मापने के लिये POLIX जैसे उपकरणों का उपयोग करके, खगोलविद् आकाशीय पिंडों में मौजूद चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और तीव्रता का पता लगा सकते हैं। यह, बदले में, पल्सर की प्रकृति और व्यवहार, ब्लैक होल के आसपास के क्षेत्रों तथा X-किरणें उत्सर्जित करने वाली अन्य ब्रह्मांडीय घटनाओं में महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।