हरियाणा Switch to English
हरियाणा में क्षीण मानसून
चर्चा में क्यों?
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, क्षीण मानसून के कारण हरियाणा को मानसून वर्षा पर निर्भर किसानों के लिये राहत प्रयासों और जल की कमी का समाधान करने के उपायों पर विचार करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
मुख्य बिंदु
- आँकड़ों के अनुसार, राज्य में 114.6 मिमी. वर्षा के साथ औसत वर्षा में 38% की कमी दर्ज की गई।
- ला नीना परिघटना में देरी के कारण जून और जुलाई माह के दौरान इस क्षेत्र में मानसून की स्थिति "क्षीण चरण" में थी। ला नीना एक ऐसी परिघटना है जिसके फलस्वरूप भारतीय उपमहाद्वीप में अनुकूल मानसून वर्षा होती है।
- अगस्त माह के अंत में या सितंबर की शुरुआत में ला नीना परिघटना के संपन्न होने के साथ प्रभावित क्षेत्रों की वर्षण स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
- सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (CSTEP) थिंक-टैंक के एक शोधकर्त्ता के अनुसार हिंद महासागर द्विध्रुव (Indian Ocean Dipole- IOD) के रूप में जानी जाने वाली एक अन्य जलवायवीय परिघटना की स्थिति वर्तमान में उदासीन है। यह परिघटना हिंद महासागर के जल स्तर को प्रभावित करती है।
- एक घनात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) के फलस्वरूप मानसून के दौरान अनुकूल वर्षा होती है।
- मानसून के निवर्तन (वापसी) के बाद उम्मीद से कम वर्षा की स्थिति में विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि सरकार को आकस्मिक योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता होगी।
- इन योजनाओं में किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करना, सिंचाई प्रयोजनों के लिये जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा अन्य जल संरक्षण उपायों को क्रियान्वित करना शामिल हो सकता है।
ला नीना
- स्पेनिश भाषा में ला नीना का अर्थ होता है छोटी लड़की। इसे कभी-कभी अल विएज़ो, एंटी-अल नीनो या "एक शीत घटना" भी कहा जाता है।
- ला नीना घटनाएँ पूर्व-मध्य विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में औसत समुद्री सतही तापमान से निम्न तापमान की द्योतक हैं।
- इसे समुद्र की सतह के तापमान में कम-से-कम पाँच क्रमिक त्रैमासिक अवधि में 0.9°F से अधिक की कमी द्वारा दर्शाया जाता है।
- ला नीना घटनाएँ पूर्व-मध्य विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में औसत समुद्री सतही तापमान से निम्न तापमान की द्योतक हैं।
- जब पूर्वी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में जल का तापमान सामान्य की तुलना में कम हो जाता है तो ला नीना की परिघटना देखी जाती है, जिसके परिणामस्वरूप पूर्वी विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में एक उच्च दाब की स्थिति उत्पन्न होती है।
हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD)
- IOD, जिसे भारतीय नीनो भी कहा जाता है, एल नीनो के समान ही एक घटना है जो पूर्व में इंडोनेशियाई और मलेशियाई तटरेखा तथा पश्चिम में सोमालिया के पास अफ्रीकी तटरेखा के बीच हिंद महासागर के अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्र में घटित होती है।
- अल नीनो दक्षिणी दोलन (El Nino Southern Oscillation- ENSO) घटना की तुलना में अल नीनो एक सामान्य से अधिक गर्म चरण है, जिसके दौरान भारत सहित विश्व के कई क्षेत्रों में आमतौर पर तापमान गर्म और वर्षा सामान्य से कम होती है।
- ऐसे में भूमध्य रेखा के साथ समुद्र का एक किनारा दूसरे की तुलना में गर्म हो जाता है।
- जब हिंद महासागर का पश्चिमी भाग, विशेषकर सोमालिया तट के करीब पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में गर्म हो जाता है, तब इसे घनात्मक IOD कहा जाता है।
- जब पश्चिमी हिंद महासागर ठंडा होता है तब इसे ऋणात्मक IOD कहते हैं।
हरियाणा Switch to English
मनु भाकर ने जीता ओलंपिक में कांस्य पदक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक और साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में भी कांस्य पदक जीता।
- वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज़ हैं।
मुख्य बिंदु
- 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का पहला पदक है और लंदन 2012 गेम्स के बाद भारत के लिये शूटिंग में पहला ओलंपिक पदक है।
- उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर मिक्स्ड टीम पिस्टल इवेंट में भी कांस्य पदक जीता।
- वह राज्यवर्द्धन सिंह राठौर (2004 एथेंस), अभिनव बिंद्रा (2008 बीजिंग), विजय कुमार (2012 लंदन) और गगन नारंग (2012 लंदन) के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली पाँचवी भारतीय निशानेबाज़ हैं।
- मनु ने एशियाई खेलों (2022), विश्व चैंपियनशिप, बाकू (2023), एशियाई निशानेबाज़ी चैंपियनशिप, चांगवोन (2023), विश्व कप, भोपाल (2023), विश्व चैंपियनशिप, काहिरा (2022), विश्व विश्वविद्यालय खेल, चेंगदू (2021) खेल आयोजनों में भी पदक जीते हैं।
- मनु ने एशियन गेम्स (2022), वर्ल्ड चैंपियनशिप, बाकू (2023), एशियन शूटिंग चैंपियनशिप, चांगवोन (2023), विश्व कप, भोपाल (2023), वर्ल्ड चैंपियनशिप, काहिरा (2022), वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, चेंगदू (2021) खेल स्पर्द्धाओं में भी पदक जीते हैं।
ओलंपिक
- परिचय:
- ओलंपिक एक अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन है जो प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित किया जाता है।
- ओलंपिक का लक्ष्य खेल के माध्यम से मनुष्य का विकास करना और विश्व शांति में योगदान देना है।
- ओलंपिक में शामिल खेल: समर गेम्स, विंटर गेम्स और यूथ ओलंपिक गेम्स।
- ओलंपिक एक अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन है जो प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित किया जाता है।
- इतिहास और उत्पत्ति
- ओलंपिक की शुरुआत लगभग 3,000 वर्ष पूर्व प्राचीन ग्रीस के पेलोपोनिस क्षेत्र में हुई थी।
- हालाँकि सटीक आरंभ तिथि की अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है, सामान्यतः ऐतिहासिक अभिलेखों में इसका वर्ष 776 ईसा पूर्व उल्लेखित है।
- पियरे डी. कूबर्टिन की योजना के आधार पर पहला आधुनिक ओलंपिक वर्ष 1896 में एथेंस, ग्रीस में आयोजित किया गया था।
- ओलंपिक रिंग्स:
- ओलंपिक प्रतीक में एक सफेद पृष्ठभूमि पर विभिन्न रंगों (नीला, पीला, काला, हरा और लाल) के पाँच इंटरलॉकिंग रिंग्स होते हैं।
- ये रिंग्स विश्व के पाँच महाद्वीपों का प्रतिनिधित्त्व करते हैं और खेलों के माध्यम से देशों की एकता एवं विविधता का प्रतीक हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा प्रबंधों की जाँच
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में बेसमेंट में संचालित होने वाले कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
- दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव के कारण UPSC की परीक्षा देने वाले तीन अभ्यर्थियों की मृत्यु हो गई जिसको दृष्टिगत रखते हुए यह आदेश दिया गया।
मुख्य बिंदु
- राज्य के 16 नगर निगमों को अपने क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों या अन्य आवास सुविधाओं और ऐसे किसी भी प्रतिष्ठान का निरीक्षण करने के निर्देश पहले ही जारी किये जा चुके हैं।
- राज्य सरकार ने नगर निकायों से इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
- मध्य प्रदेश के कई शहरों जैसे- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में UPSC, न्यायिक सेवा तथा JEE एवं NEET सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये कई कोचिंग संस्थान हैं।
- राज्य में एक सप्ताह से अधिक समय से भीषण वर्षा हो रही है और विदिशा, रायसेन तथा उज्जैन जैसे कई इलाकों में बाढ़ के आसार हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
गांधीनगर अभयारण्य में लाए जाएंगे चीते
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंदसौर ज़िले के गांधी नगर अभयारण्य में जल्द ही चीते लाए जाने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- मुख्यमंत्री ने विश्व बाघ दिवस के अवसर पर यह घोषणा की।
- 26 जनवरी, 2022 को भारत और दक्षिण अफ्रीका ने चीतों के पुनर्वास की सुविधा के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।
- यह समझौता ज्ञापन (MoU) भारत में चीता की सुरक्षित संख्या स्थापित करने की भारत की प्राथमिकता सुनिश्चित करता है।
- इस प्रयास से महत्त्वपूर्ण एवं व्यापक संरक्षण की उम्मीद है।
- इसका प्राथमिक लक्ष्य भारत के पर्यावास के भीतर चीता की व्यवहार्य भूमिका को पुनः स्थापित करना और स्थानीय समुदायों की आजीविका तथा आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य
- अवस्थिति
- वर्ष 1974 में अधिसूचित, यह अभ्यारण्य पश्चिमी मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच ज़िलों में विस्तृत है, जो राजस्थान की सीमा से लगता है।
- चंबल नदी, अभयारण्य को लगभग दो समान भागों में विभाजित करती है, जिसमें गांधी सागर बाँध अभयारण्य के भीतर स्थित है।
- पारिस्थितिकी तंत्र
- इसके पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषता इसके पर्वतीय क्षेत्रों के साथ-साथ उथली मृदा है, जो सवाना पारिस्थितिकी तंत्र को संदर्भित करती है।
- इसमें शुष्क पर्णपाती वृक्षों एवं झाड़ियों से घिरे खुले घास स्थल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, अभयारण्य के भीतर नदी घाटियाँ सदानीरा हैं।
- चीतों के लिये आदर्श पर्यावास
- केन्या के सुप्रसिद्ध मसाई मारा राष्ट्रीय अभयारण्य से समानता के कारण, जो अपने सवाना वन एवं वन्यजीवन की विविधता के लिये विख्यात है, यह अभयारण्य चीतों के लिये एक उपयुक्त पर्यावास हैं।
बिहार Switch to English
सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाने से किया इनकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें बिहार में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये लोक नियोजन तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने के निर्णय को रद्द कर दिया गया था।
मुख्य बिंदु
- पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में संशोधित आरक्षण कानून को रद्द कर दिया, जिसके तहत दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिये कोटा 50% से बढ़ाकर 65% कर दिया गया था। न्यायालय ने संशोधनों को संविधान के "अधिकारातीत" (Ultra Vires), "विधि की दृष्टि से दोषपूर्ण" (Bad in Law) और "समता खंड का उल्लंघन" करार दिया।
- ये संशोधन एक जाति सर्वेक्षण के बाद किये गए थे, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग का प्रतिशत राज्य की कुल जनसंख्या का 63% था जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 21% से अधिक था।
- आरक्षण कोटा बढ़ाए जाने के बाद, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिये आरक्षण सहित राज्य में कुल 75% सीटें आरक्षित हुईं।
आरक्षण
- आरक्षण, निश्चयात्मक विभेद का एक रूप है, जिसे हाशियाई वर्गों में समता को बढ़ावा देने और उन्हें सामाजिक तथा दीर्घकालिक अन्याय से संरक्षण प्रदान करने के लिये निरूपित किया गया है।
- यह रोज़गार और शिक्षा तक पहुँच में समाज के हाशियाई वर्गों को अधिमानी सुविधा प्रदान करता है।
- इसे मूल रूप से वर्षों जारी भेदभाव को समाप्त करने और वंचित समूहों को बढ़ावा देने के लिये विकसित किया गया था।
बिहार Switch to English
पुल ढहने की घटनाओं पर सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार से एक रिट याचिका पर प्रत्युत्तर मांगा है, जो राज्य में बार-बार पुल ढहने की घटनाओं को उजागर करता है।
मुख्य बिंदु
- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बिहार में पुलों के उच्चस्तरीय संरचनात्मक ऑडिट के साथ-साथ प्राण रक्षा के लिये कमज़ोर निर्माणों (प्रमुखतः पुल) को इरादतन ध्वस्त करने अथवा उनकी मरम्मत करने के लिये दायर की गई याचिका के जवाब में नोटिस जारी किया।
- याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह पुलों की वास्तविक समय निगरानी के लिये एक नीति या प्रणाली स्थापित करे, जो राष्ट्रीय राजमार्गों और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के संरक्षण के लिये सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा विकसित तंत्र के समान हो।
- उक्त संदर्भित नीति का फोकस "सेंसर का उपयोग करके पुलों की वास्तविक समय पर स्थिति निगरानी की पहचान और कार्यान्वयन" पर होना चाहिये।
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