मध्य प्रदेश Switch to English
स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल होगा 'आपातकाल' अध्याय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में आपातकाल पर एक अध्याय जोड़ने/सम्मिलित करने की घोषणा की।
- इस अध्याय में आपातकाल के दौरान किये गए "उल्लंघन और दमन" के बारे में बताया जाएगा, जिसे भारत सरकार ने वर्ष 1975 में लगाया था।
मुख्य बिंदु:
- इस कदम के पीछे का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को वर्ष 1975 से 1977 के आपातकाल के दौरान संघर्ष से अवगत कराना है।
- मुख्यमंत्री ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष में भाग लेने वाले 'लोकतंत्र सेनानियों' के लिये कई अतिरिक्त सुविधाओं की घोषणा की।
- लोकतंत्र सेनानियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी तथा आपातकाल विरोधी योद्धाओं को किराए में 25% की छूट दी जाएगी।
- लोकतंत्र सेनानियों का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिये सभी प्रबंध किये जाएंगे। अंतिम संस्कार के समय उनके परिजनों को दी जाने वाली राशि को मौजूदा 8,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए किया जाएगा।
- लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को उद्योग या अन्य व्यवसाय स्थापित करने के लिये आवश्यक प्रशिक्षण देकर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था, विपक्षी नेताओं और असंतुष्टों को जेल में डाल दिया गया था तथा प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी गई थी। इस वर्ष इस अवधि की 50वीं वर्षगाँठ मनाई गई।
आपातकाल (Emergency)
- आपातकालीन प्रावधान भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक निहित हैं।
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
- यह प्रावधान राष्ट्रपति को आपातकाल की स्थिति घोषित करने का अधिकार देता है, यदि वह संतुष्ट हो कि देश या इसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण खतरे में है।
- राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356)
- अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है, यदि वह संतुष्ट हो कि राज्य में सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है।
- यह प्रावधान राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने या व्यवधान/अवरोध की स्थिति उत्पन्न होने पर लागू किया जाता है, जिससे संघ को राज्य का शासन अपने अधीन करने की अनुमति मिलती है।
- वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
- यह प्रावधान राष्ट्रपति को वित्तीय आपातकाल की स्थिति घोषित करने की अनुमति देता है, यदि वह संतुष्ट हो कि भारत या उसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता या ऋण को खतरा है।
बिहार Switch to English
बिहार में पेपर लीक के विरुद्ध सख्त कानून की तैयारी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार परीक्षा पेपर लीक को रोकने के लिये सख्त कानून लाएगी।
- नया कानून राज्य विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र में विधानसभा द्वारा पारित किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- केंद्र सरकार ने पहले ही लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया है, जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित लोक परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकना है।
मुख्य विशेषताएँ:
- केंद्र सरकार ने पहले ही लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया है, जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित लोक परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकना है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- यह अनुचित साधनों से संबंधित विभिन्न अपराधों को परिभाषित करता है, जैसे- पेपर लीक, फर्ज़ी वेबसाइटों का प्रयोग और सेवा प्रदाताओं के साथ मिलीभगत।
- यह सख्त दंड निर्धारित करता है, जिसमें न्यूनतम 3-5 वर्ष के कारावास की अवधि और 1 करोड़ रुपए तक का ज़ुर्माना शामिल है।
- यह परीक्षा संचालन के लिये लगे सेवा प्रदाताओं को 1 करोड़ रुपए तक के ज़ुर्माने और सार्वजनिक परीक्षाओं में उनकी भागीदारी पर 4 वर्ष के प्रतिबंध के साथ उत्तरदायी ठहराता है।
- यह अधिनियम पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त के पद से नीचे के पुलिस अधिकारियों को अधिनियम के तहत अपराधों की जाँच करने का अधिकार देता है। यह यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी, आईबीपीएस और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं सहित केंद्र सरकार की भर्ती परीक्षाओं की एक विस्तृत शृंखला को कवर करेगा।
उत्तराखंड Switch to English
मानसून के दौरान 13 ग्लेशियल झीलों से उत्पन्न संकट
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (USDMA) 13 ग्लेशियल झीलों का सुभेद्यता अध्ययन करने जा रहा है, जिनमें से पाँच “उच्च जोखिम वाले क्षेत्र (High Risk Zone)” में हैं।
- अध्ययन का उद्देश्य झील आउटबर्स्ट से हुई बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाव में मदद करने के लिये डेटा प्रदान करना है।
मुख्य बिंदु:
- अधिकारियों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय के ग्लेशियर खतरे में हैं और यह सुनिश्चित करने के लिये निरंतर जाँच की आवश्यकता है कि कोई अप्रिय घटना न हो।
- 13 उच्च जोखिम वाली झीलें पिथौरागढ़ ज़िले में दारमा, लासरयांघाटी और कुटियांगटी घाटी तथा चमोली ज़िले में वसुधारा ताल झील है।
- इनका आकार 0.02 से 0.50 वर्ग किलोमीटर तक है और ये समुद्र तल से 4,000 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित हैं।
- मार्च 2024 में, राज्य सरकार ने इन हिमानी झीलों से जुड़े जोखिमों का आकलन करने के लिये दो विशेषज्ञ टीमों का गठन किया था
- टीमों में भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की, उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र और वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ शामिल थे।
ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (Glacial Lake Outburst Flood- GLOF)
- परिचय:
- ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (हिमानी झील के फटने से होने वाली बाढ़ आपदा) एक प्रकार की भयावह बाढ़ है जो तब होती है जब हिमानी झील वाला बाँध टूट जाता है और बहुत बड़ी मात्रा में जल का आवेग होता है
- इस प्रकार के बाढ़ की घटना आमतौर पर ग्लेशियरों के तेज़ी से पिघलने या भारी वर्षा अथवा पिघले हिम-जल के प्रवाह के कारण झील में अत्यधिक जल संग्रह के कारण होती है
- फरवरी 2021 में उत्तराखंड के चमोली ज़िले में फ्लैश फ्लड की घटना हुई, जिसके बारे में संदेह है कि यह GLOF के कारण हुआ है।
- कारण:
- ये बाढ़ कई कारकों से शुरू हो सकती है, जिसमें ग्लेशियर के आयतन में परिवर्तन, झील के जल स्तर में परिवर्तन और भूकंप शामिल हैं।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, हिंदू कुश हिमालय के अधिकांश हिस्सों में जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों के खिसकने/स्खलन से कई नई ग्लेशियल झीलों का निर्माण हुआ है, जो GLOF का प्रमुख कारण हैं।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने प्लॉट आवंटन पत्र वितरित किये
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य आवास योजना के लाभार्थियों को भूखंड आवंटन प्रमाण-पत्र वितरित किये।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा सरकार ने प्रत्येक गरीब व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप गरीब परिवारों की आवास आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना शुरू की है।
- राज्य योजना के तहत 15,250 लाभार्थियों को भूखंड आवंटन प्रमाण-पत्र दिये गए
- रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को भूखंड आवंटन-पत्र सौंपे
- आवंटन-पत्र वितरित करने के लिये इसी प्रकार के कार्यक्रम चार अन्य स्थानों यमुनानगर, पलवल, सिरसा और महेंद्रगढ़ में भी एक साथ आयोजित किये गए।
- राज्य सरकार ने हाल ही में हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना के तहत एक लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को कार्ड भी वितरित किये थे।
- लगभग 84 लाख सदस्यों वाले लगभग 23 लाख परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जिसके तहत राज्य परिवहन में एक वर्ष के भीतर 1,000 किलोमीटर की मुफ्त बस यात्रा प्रदान की जाती है।
हरियाणा मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना
- वर्ष 2023 में शुरू की जाने वाली इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के कमज़ोर और निम्न आय वर्ग के परिवारों को कम दरों पर मकान उपलब्ध कराना है।
- इस योजना के तहत उन लोगों को भूखंड आवंटित किये जाएंगे जिनके पास घर बनाने के लिये ज़मीन नहीं है।
- इससे राज्य के गरीब परिवारों का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा तथा उन्हें सुरक्षित व स्थिर जीवन जीने का मौका मिलेगा।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में 4 नए राजमार्गों की घोषणा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तृत अध्ययन और कार्य योजना के बाद चार नए लिंक एक्सप्रेसवे शुरू करने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- रिपोर्ट के अनुसार, नए एक्सप्रेसवे में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे शामिल है, जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा होगा और गंगा एक्सप्रेसवे- जो दो लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से फर्रुखाबाद तथा जेवर हवाई अड्डे को जोड़ता है।
- मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा करके जनता के लिये इसे खोलने की योजना है, ताकि श्रद्धालु वर्ष 2025 में प्रयागराज कुंभ के लिये एक्सप्रेसवे का उपयोग कर सकें।
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गोरखपुर, संत कबीर नगर, आज़मगढ़ और अंबेडकर नगर ज़िलों के लिये उत्कृष्ट संपर्क प्रदान करेगा।
- ये नए एक्सप्रेसवे राज्य के बुनियादी ढाँचे और कनेक्टिविटी को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देंगे।
- पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने और इन नए मार्गों के सौंदर्य को बढ़ाने के लिये सभी एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पौधे लगाए जाने चाहिये।
प्रयागराज कुंभ
- कुंभ मेला यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची (UNESCO's Representative List of Intangible Cultural Heritage of Humanity) के अंतर्गत आता है।
- कुंभ मेला पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा और शांतिपूर्ण जनसमूह है, जिसके दौरान प्रतिभागी स्नान करते हैं या पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं
- यह नासिक में गोदावरी नदी के तट पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर, हरिद्वार में गंगा के तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना तथा पौराणिक नदी सरस्वती के संगम स्थल पर होता है। गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम स्थल को 'संगम' कहा जाता है।
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