मध्य प्रदेश Switch to English
51वें खजुराहो नृत्य समारोह
चर्चा में क्यों?
20 से 26 फरवरी 2025 तक मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में 51वें खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
खजुराहो नृत्य महोत्सव के बारे में:
- आयोजन :
- इस महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग द्वारा किया गया।
- स्थान:
- यह उत्सव खजुराहो के ऐतिहासिक मंदिरों के पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।
- आरंभ:
- खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1975 में हुई थी और तब से लेकर अब तक इसका आयोजन मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा किया जा रहा है।
- उत्सव का उद्देश्य:
- इस महोत्सव के माध्यम से विभिन्न भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूपों जैसे भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम, कथकली, यक्षगान आदि का प्रदर्शन किया जाता है।
- पारंपरिक नृत्य के साथ-साथ नृत्य के नए प्रयोगों और नृत्यकला के समृद्ध रूपों को प्रोत्साहन दिया जाता है।
- इस उत्सव के माध्यम से खजुराहो के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रमोट किया जाता है।
- महोत्सव में विभिन्न कारीगरों और हस्तशिल्प कलाकारों को एक मंच मिलता है, जिससे वे अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित कर सकते हैं।
- उत्सव की प्रमुख गतिविधियाँ:
- शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले)
- 139 कलाकारों ने 24 घंटे 9 मिनट 26 सेकंड तक शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
- भव्य शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुतियाँ:
- भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम, कथकली, यक्षगान आदि नृत्य रूप प्रस्तुत किये गए।
- हुनर मेला – हस्तशिल्प एवं कला प्रदर्शनी:
- मध्य प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प, चित्रकला, आभूषण और कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई।
- लाइव प्रदर्शनी:
- टेराकोटा कला, बुंदेली चित्रकला, मनकों के आभूषण और अन्य स्थानीय कलाओं की प्रदर्शनी।
- शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले)
खजुराहो मंदिर
- परिचय: चंदेल राजवंश द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित ये मंदिर समूह स्थापत्य कला और मूर्ति कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
- नागर शैली में बने यहाँ के मंदिरों की संख्या अब केवल 20 ही रह गई है, जिनमें कंदरिया महादेव का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
- धार्मिक संबंध: यहाँ के मंदिर दो धर्मों- जैन और हिंदू से संबंधित हैं।
- विश्व धरोहर स्थल: इन्हें वर्ष 1986 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया।


मध्य प्रदेश Switch to English
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के भोपाल में 24-25 फरवरी, 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2025 का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 30 लाख 77 हज़ार करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर हुए।
मुख्य बिंदु
- GIS के बारे में:
- यह दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित की गई।
- मुख्यमंत्री ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की एक ऐतिहासिक पहल बताया।
- थीम: इस वर्ष समिट की थीम थी 'अनंत संभावनाएँ'।
- केन्द्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने और 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य का उल्लेख किया।
- उद्देश्य:
- इस समिट का उद्देश्य मध्य प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना और रोज़गार के अवसर बढ़ाना है।
- इस समिट के जरिये विज्ञान, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे कई क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा।
- सहभागिता और निवेश:
- सम्मेलन में 25,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए।
- 60 से अधिक देशों से 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- 9 देशों ने पार्टनर कंट्री के रूप में योगदान दिया, जिनमें कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान, मोरक्को, पोलैंड, रूस, रवांडा और यूनाइटेड किंगडम शामिल थे।
- कुल 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए, जो मध्य प्रदेश में बड़े और सहायक उद्योगों की स्थापना में मदद करेंगे।
- इससे राज्य में रोजगार, विकास और औद्योगिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
- वन-टू-वन चर्चा और बीटूबी मीटिंग्स:
- सम्मेलन के दौरान 70 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और संगठनों के साथ वन-टू-वन मीटिंग्स आयोजित की गईं, जिसमें कई प्रतिष्ठित कंपनियों और प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चा की गई।
- 600 से अधिक बीटूजी और 5,000 से ज्यादा बीटूबी बैठकें आयोजित की गईं।
- इस सम्मेलन में पहली बार AI आधारित बिजनेस मैचमेकिंग टूल का उपयोग किया गया, जिससे सही साझेदारों को जोड़ने में मदद मिली।


राजस्थान Switch to English
12वाँ क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम
चर्चा में क्यों?
भारत एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की मेज़बानी करेगा। यह 3-5 मार्च 2025 को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- फोरम के बारे में:
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विषय:
- आयोजन का विषय "रियलाइजिंग सर्कुलर सोसाइटीज टूवार्ड्स एचीविंग SDG एंड कार्बन न्यूट्रीलिटी इन एशिया पेसिफिक" पर केंद्रित होगा।
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- उद्देश्य और महत्त्व:
- यह सम्मेलन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 3आर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल) और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिये एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।
- इसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों को नीतिगत जानकारी प्रदान करना और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान करना है।
- यह फोरम सर्कुलर अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों (SDG) और कार्बन तटस्थता की दिशा में प्रगति को समर्थन देने पर केंद्रित है।
- भारत का नेतृत्व और दृष्टिकोण:
- भारत का ‘इंडिया पैवेलियन’ 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा, जो भारत के समग्र सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। भारत ने पहले भी इस फोरम की मेज़बानी (2018 में इंदौर) की थी।
- जयपुर घोषणा:
- फोरम का समापन एशिया-प्रशांत देशों में संसाधन-कुशल, सर्कुलर अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिये ‘जयपुर घोषणा’ को अपनाने के साथ होगा।
- जयपुर घोषणा (2025-34) हनोई घोषणा (2013-23) पर आधारित होगी और यह 3R (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल) और सर्कुलर अर्थव्यवस्था नीतियों को विकसित करने के लिये एक रूपरेखा प्रदान करेगी।
क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के बारे में:
- यह फोरम वर्ष 2009 संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय विकास केंद्र (UNCRD) द्वारा शुरू किया गया था।
- यह एशिया-प्रशांत देशों में स्थायी विकास को प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- इसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 3R (कम करना, पुनः उपयोग करना और पुनर्चक्रण करना) और सर्कुलरिटी को मुख्यधारा में लाने के लिये नीति संबंधी रणनीतिक सुझाव प्रदान करना तथा 3R के सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिये एक मंच के रूप में कार्य करना है।


बिहार Switch to English
पीएम-किसान योजना
चर्चा में क्यों?
24 फरवरी, 2025 को प्रधानमंत्री ने बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 19वीं किस्त जारी की। जिससे देश भर में 2.41 करोड़ महिला किसानों सहित 9.8 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए।
मुख्य बिंदु
- इस योजना के तहत 2000 रुपए सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किये गए।
- इससे किसान परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी और उनकी आय में वृद्धि होगी, साथ ही कृषि संबंधित खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
- इससे पहले, प्रधानमंत्री ने 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी की थी।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना
- परिचय:
- इसे 24 फरवरी, 2019 को भूमि धारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिये शुरू किया गया था।
- वित्तीय लाभ:
- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में हर चार महीने में तीन समान किस्तों में 6000 रुपए प्रतिवर्ष का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।
- योजना का दायरा:
- यह योजना शुरू में उन छोटे एवं सीमांत किसानों (SMFs) के लिये थी, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की भूमि थी, लेकिन बाद में इस योजना का दायरा सभी भूमिधारक किसानों को कवर हेतु बढ़ा दिया गया।
- वित्तपोषण और कार्यान्वयन:
- यह भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषण के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और पैदावार सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद संबंधी लघु एवं सीमांत किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना है।
- इस तरह के खर्चों को पूरा करने के लिये उन्हें साहूकारों के चंगुल से बचाना तथा खेती की गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
- PM-KISAN मोबाइल एप: इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित और डिज़ाइन किया गया है।


छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाएँ
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार, पिछले छह वर्षों में छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं में 79,523 घटनाओं में 33,700 से अधिक लोगों की जान गई तथा 70,255 लोग घायल हुए।
मुख्य बिंदु
- सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये सरकारी योजनाएँ:
- आयुष्मान भारत कार्ड धारक निर्धारित सीमा के भीतर सरकारी और निजी अस्पतालों में दुर्घटना से संबंधित चोटों के लिये मुफ्त चिकित्सा जाँच और उपचार का लाभ उठा सकते हैं।
- हिट-एंड-रन मामलों के लिये मुआवज़ा:
- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2022 में हिट-एंड-रन पीड़ितों के लिये एक नई मुआवज़ा योजना शुरू की।
- इस योजना के अंतर्गत:
- गंभीर चोट के लिये मुआवज़ा राशि 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई।
- मृत्यु पर मुआवज़ा 25,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया।
- ब्लैक स्पॉट:
- सरकार ने पूछताछ अवधि के दौरान छत्तीसगढ़ में 848 दुर्घटना-प्रवण "ब्लैक स्पॉट" की पहचान की।
- ज़िम्मेदार निर्माण एजेंसियों द्वारा 790 स्थानों पर सुधारात्मक उपाय लागू किये गए हैं।
आयुष्मान भारत
- 2018 में शुरू किया गया आयुष्मान भारत भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के दृष्टिकोण को साकार करने के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सिफारिशों के अनुरूप है।
- यह पहल सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य व्यापक सतत देखभाल दृष्टिकोण के माध्यम से प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर स्वास्थ्य सेवा पहुँच में सुधार करना है।
- आयुष्मान भारत में दो परस्पर संबंधित घटक शामिल हैं:
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पूर्व में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र या AB-HWCs) और प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)।


उत्तराखंड Switch to English
केदारनाथ मंदिर
चर्चा में क्यों?
26 फरवरी 2025 को श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने घोषणा की कि मंदिर के द्वार 2 मई 2025 को खुलेंगे।
मुख्य बिंदु
- तीर्थ स्थलों के लिये अंतिम तिथियाँ:
- केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की घोषणा के साथ ही गढ़वाल हिमालय के सभी चार पवित्र स्थलों के लिये कपाट खुलने की तिथियाँ तय हो गई हैं।
- बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025 को खुलेंगे।
- गंगोत्री और यमुनोत्री धाम 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर खुलेंगे।
- ये चार स्थल मिलकर छोटा चार धाम का निर्माण करते हैं, जो एक महत्त्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है।
- केदारनाथ मंदिर खोलने पर निर्णय:
- धार्मिक गुरुओं और वेदपाठियों ने महाशिवरात्रि पर केदारनाथ के कपाट खुलने का शुभ समय और तिथि निर्धारित की।
- यह निर्णय बाबा केदार के शीतकालीन निवास स्थान उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद लिया गया।
चार धाम यात्रा
- यमुनोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला
- देवी यमुना को समर्पित।
- यमुना नदी भारत में गंगा नदी के बाद दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
- गंगोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला
- समर्पित: देवी गंगा को।
- सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
- केदारनाथ धाम:
- स्थान: रुद्रप्रयाग ज़िला
- भगवान शिव को समर्पित।
- मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
- भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य स्वरूप) में से एक।
- बद्रीनाथ धाम:
- स्थान: चमोली ज़िला।
- पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का घर।
- भगवान विष्णु को समर्पित।
- वैष्णवों के लिये पवित्र तीर्थस्थलों में से एक।


उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड वनरोपण निकाय ने धन का गलत प्रबंधन किया
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के अनिवार्य वनरोपण प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट जारी होने के बाद, निकाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि वे उठाए गए मुद्दों पर विचार कर रहे हैं।
- वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की अवधि को कवर करने वाली रिपोर्ट में 43 वन प्रभागों में 753.89 करोड़ रुपए का अनुचित व्यय पाया गया।
मुख्य बिंदु
- CAG ने CAMPA व्यय पर चिंता जताई:
- CAG ने कैम्पा के लिये आवंटित कुल धनराशि में से 13.86 करोड़ रुपए की अनियमितता की बात कही है।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि यह निर्धारित करने के लिये कि क्या व्यय को प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेखापरीक्षा का सत्यापन आवश्यक है।
- विवादित खरीद:
- यह पाया गया कि केवल दो मोबाइल फोन खरीदे गए थे तथा CAMPA नियम ऐसी खरीद पर रोक नहीं लगाते।
- कैम्पा नियम वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये संचार एवं आईटी उपकरणों पर खर्च की अनुमति देते हैं।
- प्रमुख निधि विचलन की पहचान की गई:
- हरिद्वार, टोंस, नैनीताल और नरेंद्रनगर वन प्रभागों ने भवन नवीनीकरण, हरेला और बाड़ लगाने पर 3.6 करोड़ रुपए खर्च किये, जिसे CAG ने "बड़ी हेराफेरी" बताया।
- कालागढ़ टाइगर रिज़र्व (लैंसडाउन प्रभाग) ने 1.71 करोड़ रुपए निम्नलिखित कार्यों के लिये हस्तांतरित किये:
- बाघ सफारी के लिये मोटर सड़क निर्माण
- हाथी सुरक्षा दीवार
- वन विश्राम गृह की मरम्मत
- सौर बाड़ लगाना और लैंटाना हटाना
- CAG ने कहा कि इस योजना को उचित ज़मीनी स्तर के विश्लेषण के बिना वार्षिक परिचालन योजना (APO) में शामिल कर लिया गया।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
- संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत का CAG भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग (IA-AD) का प्रमुख होता है।
- वह सार्वजनिक खजाने की सुरक्षा तथा केंद्र एवं राज्य दोनों स्तरों पर वित्तीय प्रणाली की देखरेख के लिये ज़िम्मेदार होता है।
- CAG वित्तीय प्रशासन में संविधान और संसदीय कानूनों को कायम रखता है और इसे सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग और संघ लोक सेवा आयोग के साथ भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है।
- भारत का CAG नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियाँ और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 द्वारा शासित होता है, जिसमें वर्ष 1976, 1984 और 1987 में महत्त्वपूर्ण संशोधन किये गए।
कालागढ़ टाइगर रिजर्व
- परिचय:
- यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित है।
- इसका गठन 1974 में हुआ था जब जिम कॉर्बेट पार्क के उत्तरी क्षेत्र का नाम बदलकर कालागढ़ टाइगर रिज़र्व कर दिया गया था।
- इसका नाम रामगंगा नदी पर बने कालागढ़ बाँध के नाम पर रखा गया है।
- सोना नदी वन्यजीव अभयारण्य और जिम कॉर्बेट पार्क सहित 301.18 वर्ग किमी में फैला हुआ।
- भूभाग:
- हिमालय की तलहटी में स्थित है।
- इसमें जंगलों, घास के मैदानों और पहाड़ियों का विविध परिदृश्य है।
- वनस्पति:
- साल, शीशम, सेमल, बाकली, हलदु, तुन, सैन, अंजीर और बाँस जैसे पेड़ों का घर है।
- औषधीय पौधों से भरपूर है।
- जीव-जंतु:
- यहाँ बाघों, तेंदुओं, हाथियों और अन्य जंगली बिल्लियों का उच्च घनत्व है।
- यहाँ विभिन्न हिरण प्रजातियाँ निवास करती हैं, जिनमें चीतल, भौंकने वाले हिरण, गोरल, सांभर और हॉग हिरण शामिल हैं।
- यह 580 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर है, जैसे किंगफिशर, वैगटेल, फोर्कटेल, तीतर और हॉर्नबिल।


झारखंड Switch to English
झारखंड में सांप्रदायिक हिंसा
चर्चा में क्यों?
झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले में 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि की सजावट और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों में झड़प हो गई।
- हिंसक झड़प के दौरान दोनों पक्षों ने पथराव किया, कई दुकानों और वाहनों को आग लगा दी।
मुख्य बिंदु
- हज़ारीबाग में सांप्रदायिक झड़प:
- यह झड़प डुमरोआं गाँव में हुई। जिसमें कई लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिये हज़ारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया।
- पुलिस के अनुसार, मुसलमानों ने हिंदुस्तान चौक पर महाशिवरात्रि के झंडे लगाने और ध्वनि प्रणाली लगाने का विरोध किया।
- दोनों समुदायों के बीच बहस बढ़ गई और निकटवर्ती मदरसे से पथराव शुरू हो गया।
- जवाबी कार्रवाई में हिंदुओं ने भी विरोधी पक्ष पर पत्थर फेंके।
- आधिकारिक वक्तव्य:
- अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और भाईचारे के साथ महाशिवरात्रि मनाने का आग्रह किया।
- उन्होंने आश्वासन दिया कि घटनास्थल पर पुलिस तैनात है, स्थिति नियंत्रण में है तथा ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सांप्रदायिक हिंसा
- भारतीय दंड संहिता (IPC) सांप्रदायिक हिंसा को किसी भी ऐसे कृत्य के रूप में परिभाषित करती है जो धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देता है और सद्भाव बनाए रखने के लिये प्रतिकूल कार्य करता है।
- सांप्रदायिक हिंसा पर BNS प्रावधान:
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 का उद्देश्य विभिन्न आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी और घृणा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को रोकना और दंडित करना है।
- यह ऐसे कृत्यों के लिये कारावास और जुर्माने का प्रावधान करके सामाजिक सद्भाव बनाए रखने का प्रयास करता है, विशेषकर जब ये कृत्य पूजा स्थलों या धार्मिक समारोहों के दौरान होते हैं।

