प्रारंभिक परीक्षा
लोक नृत्य यक्षगान
- 28 Nov 2024
- 5 min read
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
15 वर्षीय प्रतिभाशाली तुलसी राघवेंद्र हेगड़े ने एक अग्रणी यक्षगान कलाकार के रूप में पहचान बनाई है। हाल ही में उन्हें रोटरी क्लब ऑफ मद्रास ईस्ट द्वारा यंग अचीवर अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया।
यक्षगान क्या है?
- परिचय: यक्षगान तटीय कर्नाटक का एक पारंपरिक लोक नृत्य-नाटक है जिसमें नृत्य, संगीत, गीत एवं विस्तृत वेशभूषा का संयोजन शामिल है।
- इसके नाम "यक्षगान" का अर्थ है "दिव्य संगीत" (यक्ष का अर्थ है दिव्य और गान का अर्थ है संगीत)। यह विद्वानों के संवादों एवं रात भर चलने वाले प्रदर्शनों के माध्यम से एक दिव्य विश्व को प्रस्तुत करता है।
- यक्षगान का आयोजन खुले आसमान के नीचे (अक्सर गाँव के धान के खेतों में, फसल कटने के बाद) किया जाता है। पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा किया जाने वाला यक्षगान अब महिलाओं द्वारा भी किया जाता है, जो अब यक्षगान मेलों ( मंडलियों) का हिस्सा बन रहे हैं।
- यक्षगान के प्रमुख तत्व:
- प्रत्येक प्रदर्शन रामायण या महाभारत जैसे प्राचीन हिंदू महाकाव्यों की एक उप-कहानी (प्रसंग) पर केंद्रित होता है ।
- इन प्रदर्शनों में मंचीय अभिनय एवं कमेंट्री का संयोजन होता है, जिसमें मुख्य गायक कथा सुनाते हैं तथा साथ में इसमें पारंपरिक संगीत भी होता है।
- संगीत : यक्षगान संगीत में चंदे (ड्रम), हारमोनियम, मडेल, ताल (मिनी धातु क्लैपर) और बाँसुरी जैसे वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है, जो नर्तकों के लिये लयबद्ध वातावरण बनाते हैं।
- पोशाक : कलाकार विस्तृत और अनोखी वेशभूषा पहनते हैं, जिसमें सिर पर बड़ी टोपी, चेहरे पर रंगीन रंग, शरीर की पोशाक और पैरों में संगीतमय मालाएँ (गेज्जे) शामिल हैं।
- ये पोशाकें भारी होती हैं, इन्हें पहनने के लिये काफी ताकत की आवश्यकता होती है, तथा इनका प्रदर्शन कई घंटों तक चलता है।
- प्रत्येक प्रदर्शन रामायण या महाभारत जैसे प्राचीन हिंदू महाकाव्यों की एक उप-कहानी (प्रसंग) पर केंद्रित होता है ।
लोक नृत्य
- परिचय: यह नृत्य शैली पीढ़ियों से चली आ रही है, जो समुदाय के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और दैनिक जीवन को दर्शाती है, तथा पहचान व्यक्त करने और सांस्कृतिक विरासत को प्रसारित करने का काम करती है।
भारत के प्रमुख लोक नृत्य:
क्षेत्र |
लोक नृत्य शैली |
आंध्र प्रदेश |
बुर्राकथा, बुट्टा बोम्मालू |
असम |
बिहू |
बिहार |
बिरहा, जट-जटिन |
छत्तीसगढ |
गौर मारिया, राउत नाच |
गोवा |
तरंग मेल, फुगडी |
गुजरात |
गरबा |
हिमाचल प्रदेश |
चारबा |
जम्मू और कश्मीर |
दुम्हल |
झारखंड |
छऊ (सरायकेला) |
कर्नाटक |
यक्षगान, भूत आराधना, पटा कुनीथा |
केरल |
कुम्मी, कोलकालि-परिचकाली, पढ़यानी, कैकोट्टिकली, चकयार कुथु, मयिलाट्टम |
मध्य प्रदेश |
जवारा |
मणिपुर |
थांग टा |
मिज़ोरम |
चेराव |
नगालैंड |
रांगमा |
ओडिशा |
छऊ (मयूरभंज), पाइका, झूमर, डंडा-जात्रा, दलखई |
पंजाब |
भांगड़ा, गिद्दा, झूमर |
राजस्थान |
घूमर, कालबेलिया |
सिक्किम |
सिंघी छाम |
तमिलनाडु |
कुम्मी, मईलट्टम |
उतार प्रदेश। |
रासलीला, दादरा |
पश्चिम बंगाल |
छऊ (पुरुलिया), आलकाप |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (a). केवल 1 उत्तर: C |