हरियाणा Switch to English
हरियाणा पोर्टफोलियो आवंटन
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में हरियाणा के नए मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के लिये विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 13 मंत्री हैं।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा के मंत्रियों की सूची और विभाग (2024):
- नायब सैनी (मुख्यमंत्री): गृह, वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान, नगर एवं ग्राम नियोजन, सूचना एवं जनसंपर्क, न्याय, सामान्य प्रशासन, आवास, CID, कार्मिक, विधि एवं विधायी, अन्य पद जो किसी को आवंटित नहीं किये गए।
- अरविंद कुमार शर्मा: सहकारिता, जेल, चुनाव, विरासत और पर्यटन।
- श्याम सिंह राणा: कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन।
- रणबीर सिंह गंगवा: लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, लोक निर्माण।
- कृष्ण कुमार बेदी: सामाजिक न्याय, अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग कल्याण, अंत्योदय, आतिथ्य।
- कृष्ण लाल पंवार: विकास, पंचायतें, खान एवं भूविज्ञान।
- राव नरबीर सिंह: उद्योग, पर्यावरण, सैनिक कल्याण।
- महिपाल ढांडा: स्कूल एवं उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य।
- विपुल गोयल: राजस्व, शहरी स्थानीय निकाय, नागरिक उड्डयन।
- श्रुति चौधरी: महिला एवं बाल विकास, सिंचाई।
- आरती सिंह राव: स्वास्थ्य, आयुष।
- राजेश नागर: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, मुद्रण एवं लेखन सामग्री (स्वतंत्र प्रभार)।
- गौरव गौतम: युवा सशक्तिकरण, खेल, विधि एवं विधायी (संलग्न)।
- 91वाँ संशोधन अधिनियम:
- संविधान (91वाँ संशोधन) अधिनियम, 2003 ने अनुच्छेद 164 में खंड 1A जोड़ा, जो कहता है कि "किसी राज्य में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी।"
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल 2024
चर्चा में क्यों?
भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association- IOA) की अध्यक्ष पी. टी. उषा ने हाल ही में घोषणा की है कि उत्तराखंड 2024 में राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी करेगा।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड पहली बार राष्ट्रीय खेलों के 38 वें संस्करण की मेज़बानी करेगा। ये खेल अक्तूबर 2024 में आयोजित किये जायेंगे।
- देहरादून, हलद्वानी और हरिद्वार सहित उत्तराखंड के विभिन्न शहर कार्यक्रमों की मेज़बानी करेंगे।
- राष्ट्रीय खेल 2024 में 30 से अधिक खेल विधाएँ शामिल होंगी।
- भारतीय ओलंपिक संघ:
- IOA भारत में ओलंपिक आंदोलन और राष्ट्रमंडल खेलों का शासी निकाय है।
- अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee- IOC), राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (Commonwealth Games Federation- CGF), एशियाई ओलंपिक परिषद (Olympic Council of Asia- OCA) और राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के संघ (Association of National Olympic Committees- ANOC) के संबद्ध सदस्य के रूप में, IOA देश में खेल प्रशासन और एथलीटों के कल्याण के विभिन्न पहलुओं का प्रबंधन करता है।
- IOA ओलंपिक खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और IOC, CGF, OCA और ANOC की अन्य अंतर्राष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले एथलीटों या टीमों के प्रतिनिधित्व की देखरेख करता है।
- खेलों में भागीदारी के अलावा, IOA ने खेल शिक्षा और ओलंपिक अध्ययन के विकास के लिये विभिन्न हितधारकों के साथ अनेक पहल भी की हैं।
- IOA को युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- स्थापना:
- इसकी स्थापना वर्ष 1927 में हुई थी तथा सर दोराबजी टाटा इसके संस्थापक अध्यक्ष और डॉ. ए.जी. नोहरेन इसके महासचिव थे।
- यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में पंजीकृत है।
- सदस्य:
- IOA के सदस्यों में राष्ट्रीय खेल महासंघ (National Sports Federations- NSF) , राज्य ओलंपिक संघ, IOC सदस्य और अन्य चुनिंदा बहु-खेल संगठन शामिल हैं।
- ओलंपिक चार्टर के अनुसार, NSF की सदस्यता में ज्यादातर वे NSF शामिल होते हैं जो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों, शीतकालीन ओलंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के खेल कार्यक्रम में शामिल खेलों को नियंत्रित करते हैं।
- शासन:
- वर्तमान में इसका संचालन राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली 32 सदस्यीय कार्यकारी परिषद द्वारा किया जाता है।
- कार्यकारी परिषद के लिये चुनाव प्रत्येक चार वर्ष में एक बार आयोजित किया जाता है।
- कार्यकारी परिषद के कामकाज में IOA की विभिन्न स्थायी समितियों द्वारा भी सहायता प्रदान की जाती है, जो शासन के विभिन्न पहलुओं में सहायता के लिये विषय-क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ गठित की जाती हैं।
राष्ट्रीय खेल
- पृष्ठभूमि: ओलंपिक आंदोलन, जिसने 1920 के दशक में राष्ट्र का ध्यान आकर्षित किया, में राष्ट्रीय खेल शामिल हैं। भारत में राष्ट्रीय खेलों की कल्पना सबसे पहले भारतीय ओलंपिक खेलों के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य राष्ट्र में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देना था।
- वर्ष 1924 में अविभाजित पंजाब के लाहौर में भारतीय ओलंपिक खेलों का प्रथम संस्करण आयोजित किया गया।
- भारतीय ओलंपिक खेलों को वर्ष 1940 में राष्ट्रीय खेलों का नाम दिया गया था। इस प्रतियोगिता में कई भारतीय राज्यों के एथलीट विभिन्न खेल विधाओं में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हैं।
- उद्देश्य:
- ये भारतीय एथलीटों, खेल संगठनों आदि के लाभ के लिये आयोजित किये जाते हैं।
- वे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल बुनियादी ढाँचे के विकास की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
- इसका उद्देश्य खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिये बड़ी संख्या में युवाओं को आकर्षित करना है।
- इसका उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों में खेल संस्कृति को विकसित करना तथा उन्हें स्वस्थ समाज के निर्माण में खेलों के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना है।
- अधिकार क्षेत्र: राष्ट्रीय खेलों की अवधि और नियम पूरी तरह से भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकार क्षेत्र में हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
सिंहस्थ 2028
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ से पहले उज्जैन के लिये प्रमुख विकास पहलों की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकास योजना की पहली प्राथमिकता इस आयोजन में भाग लेने वाले साधुओं और आध्यात्मिक नेताओं की जरूरतों को पूरा करना है।
- उन्होंने हरिद्वार को एक आदर्श तीर्थ नगरी बताया तथा इसकी सफलता को उज्जैन में भी दोहराने की इच्छा व्यक्त की।
- इस योजना में बुनियादी ढाँचे में सुधार, तीर्थयात्रियों के लिये सुविधाएँ बढ़ाना और उज्जैन की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत से समझौता किये बिना आधुनिक सुविधाएँ सुनिश्चित करना शामिल है।
सिंहस्थ कुंभ
- सिंहस्थ कुंभ मेला एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो प्रत्येक 12 वर्ष में भारत के मध्य प्रदेश के उज्जैन में आयोजित किया जाता है।
- इस त्योहार का नाम सिंह राशि के नक्षत्र के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यह तब मनाया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि में प्रवेश करता है।
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