प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

उज्जयिनी मध्याह्न रेखा

  • 23 Jul 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

सामाजिक विज्ञान की कक्षा 6 की नई NCERT की पाठ्यपुस्तक के अनुसार, भारत की अपनी एक प्रधान मध्याह्न रेखा थी जो ग्रीनविच मध्याह्न रेखा से काफी आगे थी और इसे "मध्य रेखा" कहा जाता था, जो मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से होकर गुज़रती थी।

मुख्य बिंदु:

  • मध्य रेखा उज्जयिनी (आज का उज्जैन) शहर से होकर गुज़रती थी, जो कई शताब्दियों तक खगोल विज्ञान का एक प्रतिष्ठित केंद्र था।
    • लगभग 1,500 वर्ष पहले प्रसिद्ध खगोलशास्त्री वराहमिहिर यहीं रहते थे और काम करते थे।
  • भारतीय खगोलशास्त्री अक्षांश और देशांतर की अवधारणाओं से परिचित थे, जिनमें शून्य या प्रधान मध्याह्न रेखा की आवश्यकता भी शामिल थी।
  • उज्जयिनी मध्याह्न रेखा सभी भारतीय खगोलीय ग्रंथों में गणना के लिये एक संदर्भ बन गई।

वराहमिहिर (505–587 ई.)

  • वह एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री, गणितज्ञ और ज्योतिषी थे
  • उल्लेखनीय कार्य:
    • बृहत् संहिता (खगोल विज्ञान, ज्योतिष, वास्तुकला, रत्न विज्ञान, कृषि, गणित और रत्न विज्ञान पर व्यापक कार्य)।
      • उन्होंने ज्योतिष के प्रमुख पहलुओं जैसे कि कुंडली आदि के बारे में लिखा।
      • वे पंचसिद्धांतिका (गणितीय खगोल विज्ञान पर पुस्तक) में यह बताने वाले पहले व्यक्ति थे कि अयनांश (विषुवों का पूर्वगमन) 50.32 सेकंड तक रहता है।
    • उन्होंने सबसे पहले गुरुत्वाकर्षण को एक आकर्षक “बल” के रूप में वर्णित किया, जो विभिन्न वस्तुओं को एक साथ बाँधता है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2