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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    मानक समय से क्या अभिप्राय है? क्या भारत की मानक समय- व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता है? अपना मत प्रकट करें ।

    05 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    साधारणतः देश के मध्य भाग से गुज़रने वाली देशांतर रेखा पर स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना जाता है। भारत में इलाहाबाद के नैनी के समीप से गुजरने वाले 82  ̊30 ̍पूर्वी देशांतर के स्थानीय समय को भारतीय मानक समय माना जाता है।

    देश के पूर्वी तथा पश्चिमी छोर के स्थानीय समय में लगभग दो घंटे का अंतर है। देश का पूर्वी क्षेत्र वर्तमान मानक समय के अनुसार काम करने में असहज रहता है। इसी कारण पूर्वी क्षेत्र के लिये अलग मानक समय की मांग समय-समय पर उठती रही है। वर्तमान मानक समय के प्रति पूर्वी क्षेत्र की असहजता के पीछे निम्नलिखित कारण हैं :-

    • देश के पूर्वी हिस्से में सूर्योदय सुबह लगभग 4 बजे (अरुणाचल प्रदेश में) हो जाता है, परन्तु शेष भारत की तरह यहाँ भी दफ्तर जाने का समय सुबह 10 बजे का है अर्थात् दिल्ली में कोई व्यक्ति तरोताज़ा होकर दफ्तर पहुँचता है और उत्तर पूर्वी राज्यों में वह दिन का काफी समय गुज़रने के बाद दफ्तर पहुँचता है। एक प्रकार से वह काम से लौटते हुए नहीं, बल्कि जाते वक्त भी थका हुआ होता है।
    • पूर्वी-पश्चिमी छोर के स्थानीय समय में इतने अंतर के कारण मानव श्रम तथा वर्ष भर में अरबों यूनिट बिजली का नुकसान होता है। मानव श्रम की हानि से निश्चित तौर पर इन राज्यों का विकास बाधित होता है।
    • ब्रिटिश काल के दौरान देश में तीन अलग-अलग मानक समय थे। बॉम्बे मानक समय, कलकत्ता मानक समय और चाय बागान मानक समय। असम के चाय बागानों में यह मानक समय अब भी लागू है ।  

    हाल ही में यह मुद्दा लोकसभा में उठाया गया है, जिसके बाद सरकार भी इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह तो निश्चित है कि अलग मानक समय की व्यवस्था से मानव श्रम का उचित प्रबंधन और बड़ी मात्रा में बिजली की बचत की जा सकती है।

    एक अन्य उपाय के अनुसार अलग-अलग मानक समय बनाने के बजाए पूर्वोत्तर राज्यों में काम-काज़ का समय एक या दो घंटे पहले करना भी इस समस्या का व्यावहारिक और प्रभावी समाधान हो सकता है। 

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