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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Oct 2024
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उत्तर प्रदेश Switch to English

सखी निवास छात्रावास

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने मिशन शक्ति पहल का एक नया चरण शुरू किया, जिसका उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिये सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है। 

प्रमुख बिंदु 

  • मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत अक्तूबर 2024 तक वाराणसी, लखनऊ और नोएडा  जैसे शहरों में 18 नए सखी निवास छात्रावास खोले जाएंगे।
  • यह कार्यक्रम कामकाजी महिलाओं के लिये कार्यस्थलों के निकट सुरक्षित, किफायती आवास उपलब्ध कराता है।
    • प्रत्येक छात्रावास में 50 महिलाएँ रह सकेंगी, तथा विवाहित महिलाएँ अपने बच्चों (बेटियों के लिये 18 वर्ष तक, बेटों के लिये 12 वर्ष तक) को अपने साथ रख सकेंगी।
  • केन्द्र और राज्य सरकारें इस परियोजना का संयुक्त वित्तपोषण करती हैं।
  • "नारी शक्ति 5.0" उत्तर प्रदेश सरकार का एक अभियान है।
    • इसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाना है।

मिशन शक्ति

  • परिचय: मिशन शक्ति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक योजना है जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिये हस्तक्षेप को मज़बूत करना है।
    • यह जीवन-चक्र सातत्य के आधार पर महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों का समाधान करके और अभिसरण एवं नागरिक-स्वामित्व के माध्यम से उन्हें राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार बनाकर “महिला-नेतृत्व वाले विकास” के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को साकार करने का प्रयास करता है।
  • उप-योजनाएँ: इसमें दो उप-योजनाएँ हैं - 'संबल' और 'सामर्थ्य'। "संबल" उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा के लिये है, जबकि "सामर्थ्य" उप-योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये है।

MISSION SHAKTI


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में नवमी पर सार्वजनिक अवकाश

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंदू परंपराओं में महत्त्वपूर्ण दिन नवमी के अवसर पर 11 अक्तूबर, 2024 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • नवमी को ‘कन्या भोज’ और हवन (पवित्र अग्नि समारोह) जैसे अनुष्ठानों के साथ नवरात्रि का समापन होता है।
  • हिंदू कैलेंडर में, नवमी चंद्र पखवाड़े (पक्ष) का नौवाँ दिन है। प्रत्येक महीने में दो नवमी होती हैं, एक "उज्ज्वल" (शुक्ल) पखवाड़े के नौवें दिन और एक "अंधकार" (कृष्ण) पखवाड़े के नौवें दिन। 
  • हिंदू धर्म में नवमी दो त्योहारों से भी जुड़ी हुई है।
  • महा नवमी: शरद नवरात्रि का नौवाँ दिन, महानवमी उस दिन की याद में मनाया जाता है जब देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर को हराया था। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। 
  • रामनवमी: भगवान राम  के जन्म का उत्सव मनाने वाला त्योहार।

भारत में कैलेंडर का वर्गीकरण

कैलेंडर

प्रकार

वर्ष

शुरुआत

प्रमुख विशेषताएँ

विक्रम संवत

हिंदू चंद्र कैलेंडर

57 ई.पू.

शकों पर विजय के बाद राजा विक्रमादित्य द्वारा प्रस्तुत

चंद्र आधारित; 12 माह, 354 दिन; शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष में विभाजित; कुछ वर्षों में 13वाँ माह (अधिक मास)।

शक संवत

हिंदू सौर कैलेंडर

78 ई.

कुषाणों को पराजित करने के बाद शक शासकों द्वारा शुरू किया गया

सौर-आधारित; वर्ष 1957 में भारत के आधिकारिक कैलेंडर के रूप में अपनाया गया; प्रत्येक वर्ष 365 दिन का होता है।

हिजरी कैलेंडर

इस्लामी चंद्र कैलेंडर

622 ई.

सऊदी अरब से शुरू

चन्द्र आधारित; 12 महीने जिसमें 354 दिन होते हैं; 9वाँ महीना, रमज़ान, उपवास के लिये रखा जाता है।

जॉर्जियाई कैलेंडर

वैज्ञानिक सौर कैलेंडर

1582 ई.

पोप ग्रेगरी XIII द्वारा प्रस्तुत

सौर-आधारित; जूलियन कैलेंडर का स्थान लिया; वर्तमान प्रयोग में आने वाला नागरिक कैलेंडर; 365 दिन, लीप वर्ष के साथ 365.25 दिन।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा विधानसभा प्रोफाइल अवलोकन

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में हरियाणा में नई विधानसभा का चुनाव हुआ, जिसमें आयु, संपत्ति और लिंग प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए।

प्रमुख बिंदु 

  • जनसांख्यिकी एवं आयु:
    • विधायकों की औसत आयु 55.6 वर्ष है, जो 2019 (54.8 वर्ष) से थोड़ी अधिक है।
    • सबसे युवा विधायक 25 वर्षीय आदित्य सुरजेवाला हैं और सबसे बुज़ुर्ग 80 वर्षीय रघुवीर सिंह कादियान हैं।
  • आपराधिक मामले:
    • 13 विधायकों पर आपराधिक मामले लंबित हैं: कॉन्ग्रेस के 7, भाजपा के 3 और 3 निर्दलीय।
    • पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सबसे अधिक मामले (8) हैं।
  • धन एवं परिसंपत्तियाँ:
    • विधायकों की औसत संपत्ति वर्ष 2019 में 18.29 करोड़ रुपए से बढ़कर 24.87 करोड़ रुपए हो गई है।
    • सावित्री जिंदल (निर्दलीय, हिसार) 270.66 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ सबसे धनी विधायक हैं।
    • सबसे कम धनी विधायक कपूर सिंह (भाजपा, बवानी खेड़ा) हैं, जिनकी संपत्ति 7.2 लाख रुपए है।
  • शिक्षा और व्यवसाय:
    • 61 विधायक कम से कम स्नातक हैं, तथा विधानसभा में दो-तिहाई सदस्य स्नातक हैं।
    • 44% सामाजिक/राजनीतिक कार्यों में, 41% व्यवसाय में तथा 27% कृषि में लगे हुए हैं।
  • महिला प्रतिनिधित्व:
    • महिला विधायकों की संख्या 9 से बढ़कर 13 हो गई है, जो वर्ष 2014 के रिकार्ड से मेल खाती है।
    • नई विधानसभा में महिलाओं की संख्या 14% है, जिनमें से 5 भाजपा से और 7 कॉन्ग्रेस से हैं।

HARYANA_ASSEMBLY_PROFILE


मध्य प्रदेश Switch to English

रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व घोषित किया जाएगा

चर्चा में क्यों? 

भोपाल के निकट स्थित मध्य प्रदेश का रातापानी वन्यजीव अभयारण्य राज्य का 8वाँ टाइगर रिज़र्व बनने के लिये तैयार है। 

प्रमुख बिंदु 

  • रातापानी वन्यजीव अभयारण्य: अपनी समृद्ध जैवविविधता और सांस्कृतिक महत्त्व के लिये जाना जाने वाला यह अभयारण्य राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर चुका है और राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
  • स्थान और क्षेत्र: रातापानी वन्यजीव अभयारण्य रायसेन, सीहोर और भोपाल ज़िलों में लगभग 3,500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें से 1,500 वर्ग किलोमीटर को कोर टाइगर क्षेत्र के रूप में नामित किया जाएगा, जबकि 2,000 वर्ग किलोमीटर बफर जोन के रूप में काम करेगा।
  • बाघों की जनसंख्या: अभयारण्य में लगभग 40 बाघ हैं, इसके अतिरिक्त 12 बाघ नियमित रूप से भोपाल के निकट वन क्षेत्रों में विचरण करते हैं।
  • पर्यटन और अर्थव्यवस्था: टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी वित्त पोषण में वृद्धि के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
  • सुरक्षा उपाय: दुर्घटनाओं और अवैध शिकार के कारण बाघों की मृत्यु को रोकने के लिये 25 ओवरपास और अंडरपास का निर्माण किया जाएगा तथा कोर क्षेत्र के गाँवों को स्थानांतरित किया जाएगा।
  • जैवविविधता: बाघों के अलावा, अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें तेंदुए, लकड़बग्घे, सियार और चीतल, साँभर और नीलगाय जैसे कई शाकाहारी जानवर शामिल हैं। यहाँ 150 से ज़्यादा पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं, जो इसे पक्षी प्रेमियों के लिये एक स्वर्ग बनाती हैं।
  • ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व : अभयारण्य में भीमबेटका शैलाश्रय, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, एवं अनेक ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इस क्षेत्र में सांस्कृतिक मूल्य जोड़ते हैं।

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