वन स्टॉप सेंटर
चर्चा में क्यों?
महिला और बाल विकास मंत्रालय लिंग आधारित हिंसा से पीड़ित भारतीय महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिये 10 देशों में वन स्टॉप सेंटर (One Stop Centres- OSC) स्थापित करेगा।
- इनमे बहरीन, कुवैत, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब के जेद्दा और रियाद, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा तथा सिंगापुर शामिल है जहाँ वन स्टॉप सेंटर खोले जाएंगे।
- यह सभी ज़िलों में लगभग 700 मौजूदा OSC के अलावा देश में 300 OSC भी स्थापित करेगा।
प्रमुख बिंदु
वन स्टॉप सेंटर के बारे में:
- यह महिलाओं के खिलाफ हिंसा की समस्या के समाधान के लिये एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे अप्रैल 2015 में लॉन्च किया गया था।
- यह इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (Indira Gandhi Mattritav Sahyaog Yojana) सहित राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन के लिये अंब्रेला योजना की एक उप-योजना है।
- एक ही छत के नीचे हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता एवं सहयोग प्रदान करने के लिये देश भर में वन स्टॉप सेंटर और विश्व भर में प्रत्येक मिशन के लिये कम-से-कम एक OSC स्थापित किया जाएगा।
- भारतीय मिशन विश्व भर में भारतीयों और भारत सरकार के बीच संपर्क हेतु एक महत्त्वपूर्ण प्रतिनिधित्व प्रदान करता है।
उद्देश्य:
- परिवार के भीतर या कार्यस्थल पर या समुदाय के भीतर, निजी या सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा से प्रभावित महिलाओं का समर्थन करना।
- विशेष रूप से उन महिलाओं के लिये जो अपनी जाति, पंथ, नस्ल, वर्ग, शिक्षा की स्थिति, उम्र, संस्कृति या वैवाहिक स्थिति के बावजूद यौन, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और आर्थिक शोषण का सामना करती हैं।
अनुदान:
- यह निर्भया फंड के माध्यम से वित्तपोषित है और केंद्र सरकार राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को 100% वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
निर्भया फंड
- निर्भया फंड फ्रेमवर्क महिलाओं की सुरक्षा के लिये एक नॉन-लैप्सेबल कॉर्पस फंड प्रदान करता है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2013 में की गई थी।
- यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (MoF) के आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) द्वारा प्रशासित है।
- इसका उपयोग महिला सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं और पहलों के लिये किया जा सकता है।
लेखा परीक्षा:
- लेखा परीक्षा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के मानदंडों के अनुसार की जाएगी और सामाजिक लेखा परीक्षा भी नागरिक समाज समूहों द्वारा की जाएगी।
सेवाएँ:
- आपातकालीन प्रतिक्रिया और बचाव सेवाएँ।
- मेडिकल सहायता।
- प्राथमिकी दर्ज करने में महिलाओं की सहायता।
- मनो-सामाजिक समर्थन और परामर्श।
- कानूनी सहायता और परामर्श।
- आश्रय।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिये भारतीय कानूनी ढाँचा:
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO), 2012
- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005
- दहेज निषेध अधिनियम, 1961।
महिलाओं के लिये कुछ अन्य पहलें:
- शी-बॉक्स पोर्टल।
- सुकन्या समृद्धि योजना।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना।
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना।
- राष्ट्रीय शिशुगृह योजना।
- महिला ई-हाट।
- गति योजना।
- किरण योजना।