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टू द पॉइंट

सामाजिक न्याय

निर्भया फंड

  • 07 Aug 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किये गए आँकड़ों के अनुसार, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने निर्भया फंड के तहत आवंटित कुल बजट के 20 प्रतिशत से भी कम हिस्से का उपयोग किया है।

‘निर्भया फंड’ के बारे में

  • बलात्कार पीड़ितों की सहायता करने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस फण्ड की स्थापना की गई।
  • शुरुआत में इसके तहत तत्कालीन वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने 1000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की थी।
  • पिछले छह वर्षों में वित्त बजट में आवंटन के माध्यम से यह फंड 3,600 करोड़ रुपए तक पहुँच चुका है।
  • मानवता को शर्मसार कर देने वाली वर्ष 2012 की सामूहिक बलात्कार घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई थी।

उद्देश्य

  • इस फंड से महिला सशक्तीकरण से संबंधित कई योजनाओं के क्रियान्वयन की योजना थी।
  • निर्भया फंड महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित योजनाओं को सहायता प्रदान करता है।

चुनौतियाँ

  • निर्भया फंड के द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रदत्त धनराशि का सही उपयोग नहीं हो पाता है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 से 2018 के बीच केंद्र सरकार द्वारा निर्भया फंड के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिये कुल 854.66 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। जिसमें से मात्र 165.48 करोड़ रुपए ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा खर्च किये गए हैं।
  • दुष्कर्म जैसी घटनाओं में कमी देखने को नहीं मिली है।

समाधान

  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों हेतु निर्भया फंड की धनराशि के उपयोग को अनिवार्य बनाते हुए उपयोग की समीक्षा भी की जानी चाहिये।
  • धनराशि का उपयोग पीड़ितों की सहायता के अतिरिक्त महिलाओं को शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त करने के लिये भी किया जा सकता है।

कुछ प्रमुख योजनाएँ, जिनके तहत राज्यों को यह राशि आवंटित की गई थी निम्नलिखित हैं-

  • इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System)
  • केंद्रीय पीड़ित मुआवज़ा निधि (Central Victim Compensation Fund)
  • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (Cyber Crime Prevention against Women and Children)
  • वन स्टॉप स्कीम (One Stop Scheme)
  • महिला पुलिस वालंटियर (Mahila Police Volunteer)

वर्तमान संदर्भ

  • विभिन्न योजनाओं के तहत निर्भया फंड की आवंटित राशि को खर्च करने के मामले में चंडीगढ़ (59.83%) शीर्ष स्थान पर तत्पश्चात मिज़ोरम (56.32%), उत्तराखंड (51.68%), आंध्र प्रदेश (43.23%) और नगालैंड (38.17%) का स्थान आता है।
  • तीन ऐसे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश (मणिपुर, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप) भी हैं जिन्होंने इस राशि का प्रयोग इन योजनाओं के लिये नहीं किया है।
  • वहीं दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने इस राशि का सिर्फ 0.84% और 0.76% हिस्सा ही प्रयोग किया है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में ही निर्भया फंड की नींव रखी गई थी। इसके बावजूद दिल्ली का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा है।

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