प्रारंभिक परीक्षा
आनुवंशिक विविधता हेतु बाघ का स्थानांतरण
- 01 Nov 2024
- 7 min read
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में ओडिशा सरकार द्वारा महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी टाइगर रिज़र्व से एक बाघिन को ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व (STR) में स्थानांतरित किया, जिसका नाम जमुना है।
- इस स्थानांतरण का उद्देश्य सिमिलिपाल के बाघों की आनुवंशिकी में विविधता को बढ़ाना था, जहाँ बाघों की कम संख्या के कारण इनमें अंतःप्रजनन (अतिसंबद्ध जीवों का समागम) को लेकर चिंताएँ हैं ।
इस स्थानांतरण से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- पूर्व के स्थानांतरण प्रयास: वर्ष 2018 में, सुंदरी नामक एक बाघिन को ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिज़र्व में स्थानांतरित किया गया था ।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा स्थानांतरण परियोजना को स्वीकृति प्रदान की जाती है।
- काले बाघों का स्थानांतरण:
- बाघों की संख्या: वर्ष 2024 में किये गए ओडिशा बाघ आकलन के अनुसार सिमिलिपाल में कुल 24 वयस्क बाघ हैं, जिनमें स्यूडो मेलानिस्टिक बाघों की विशेष उपस्थिति दर्ज की गई थी।
- सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व ही एकमात्र ऐसा पर्यावास है जहाँ ये काले बाघ पाए जाते हैं।
- बाघों की संख्या: वर्ष 2024 में किये गए ओडिशा बाघ आकलन के अनुसार सिमिलिपाल में कुल 24 वयस्क बाघ हैं, जिनमें स्यूडो मेलानिस्टिक बाघों की विशेष उपस्थिति दर्ज की गई थी।
- अंतःप्रजनन संबंधी चिंताएँ: सर्वाधिक स्यूडो मेलानिस्टिक बाघ (24 वयस्कों में से 13) सिमिलिपाल में है जिसके कारण इनके बीच अंतःप्रजनन और आनुवंशिक विविधता को लेकर चिंताएँ हैं, जिसके फलस्वरूप बाह्य आनुवंशिक इनपुट की आवश्यकता होती है।
- आगामी पहल: सिमिलिपाल में एक मेलेनिस्टिक टाइगर सफारी स्थापित करने की योजना की जा रही है, जो विश्व में इस प्रकार की पहली सफारी होगी।
नोट:
- एक आनुवंशिक लक्षण के कारण ब्लैक अथवा स्यूडो मेलानिस्टिक बाघ अस्तित्व में आते हैं, जिससे एक अद्वितीय लक्षणप्ररूप का निर्माण होता है और यह उनकी आनुवंशिक विविधता की कमी को इंगित करता है।
- ये बाघ शरीर पर चौड़ी और मिश्रित धारियों से अभिलक्षित होते हैं।
सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- अवस्थिति: सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में अवस्थित है।
- इसे वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ अभयारण्य के रूप में अभिहित किया गया था।
- वर्ष 2009 में UNESCO ने सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान को बायोस्फीयर रिज़र्व की सूची में शामिल किया।
- भूगोल: जोरंडा और बरेहिपानी जैसे जलप्रपात तथा खैरीबुरू एवं मेघाशिनी चोटियाँ सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हैं।
- बुरहाबलंगा, पलपला बंदन, सालंदी, खैरी और देव नदियाँ इससे होकर गुज़रती हैं।
- इसका नाम 'सिमुल' (रेशमी कपास) वृक्ष के नाम पर रखा गया है।
- जैवविविधता: यहाँ मुख्यतः उष्णकटिबंधीय आद्र पर्णपाती वन पाए जाते हैं।
- स्तनधारी जीव: यहाँ बाघ, तेंदुए, सांभर हिरण, बार्किंग हिरण, गौर, वन्य बिल्लियाँ, जंगली सूअर, चार सींग वाले मृग, जायंट गिलहरी और सामान्य लंगूर पाए जाते हैं।
- पक्षी प्रजातियाँ: यहाँ ग्रे हॉर्नबिल, भारतीय पाइड हॉर्नबिल और मालाबार पाइड हॉर्नबिल जैसी विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- सरीसृप: मगर प्रजाति के मगरमच्छ खैरी और देव नदियों में पाए जाते हैं।
- मूल जनजातियाँ: यहाँ कोल्हा, संथाल, भूमिजा, बथुडी, गोंड, खड़िया, मांकड़िया और सहारा जैसी मूल जनजातियाँ निवास करती हैं।
- ये जनजातियाँ पवित्र उपवनों की उपासना करते हैं जिन्हें झरिया कहा जाता है।
ताडोबा अंधारी टाइगर रिज़र्व से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- अवस्थिति: यह महाराष्ट्र में स्थित है और राज्य का सबसे पुराना और सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
- ताड़ोबा/तारु संबंद्ध क्षेत्र के जनजातीय समुदायों के स्थानीय देवता हैं जिनकी ये समुदाय उपासना करते हैं।
- अंधारी नाम अंधारी नदी से लिया गया है जो इस अभ्यारण्य से होकर बहती है।
- भूगोल: इसमें दो प्रमुख झीलें, ताडोबा झील और कोल्सा झील तथा ताडोबा नदी स्थित हैं।
- जैवविविधता:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित बाघ आरक्षित क्षेत्रों में "क्रांतिक बाघ आवास (Critical Tiger Habitat)" के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र किसके पास है? (2020) (a) कॉर्बेट उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त में से किसे बाघ अभयारण्य घोषित किया गया है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |