लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

सैगा बारहसिंघा

  • 14 Dec 2023
  • 4 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में हाल ही में सैगा बारहसिंघा (सैगा टैटरिका) की स्थिति को देखते हुए उन्हें गंभीर रूप से संकटग्रस्त से निकट संकटग्रस्त में पुनर्वर्गीकृत किया है।

  • यह महत्त्वपूर्ण अद्यतन सकारात्मक संरक्षण प्रयासों को दर्शाता है तथा सैगा बारहसिंघा प्रजाति के अस्तित्व के लिये एक आशावादी दृष्टिकोण प्रदान करता है।

सैगा बारहसिंघा से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय:
    • सैगा बारहसिंघा एक बड़ा, घुमंतू, प्रवासी शाकाहारी (शाकभक्षी) प्राणी है जो यूरेशिया के स्टेपीज़ में निवास करता है।
      • यह कज़ाकिस्तान, मंगोलिया, रूसी संघ, तुर्कमेनिस्तान एवं उज़्बेकिस्तान में पाया जाता है।
    • यह बोविडे (ऑर्डर आर्टियोडैक्टाइला) परिवार से संबंधित है।
    • सैगा की दो उप-प्रजातियाँ हैं: सैगा टाटारिका टाटरिका (अधिकांश रेंज (range) में पाई जाती हैं) और सैगा टाटरिका मोंगोलिका (केवल मंगोलिया में पाई जाती हैं)।
    • ये विशिष्ट आवास में कम उगने वाली वनस्पतियों से आच्छादित समतल खुले क्षेत्र होते हैं, जो जानवरों को तेज़ी से भागने की अनुमति देते हैं।
    • उनकी नाक असामान्य रूप से लटकती हुई होती है, जिससे वे ऊँट जैसे दिखते हैं, हालाँकि वे बकरी के आकार के होते हैं और नर सैगा में सींग होते हैं।

  • सैगा जनसंख्या में कमी:
    • सैगा, जो हिमयुग के बाद से पृथ्वी पर निवासरत है, को 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद एक दशक के भीतर अपनी आबादी में 95% से अधिक की कमी का सामना करना पड़ा।
    • यह कमी मुख्य रूप से इस प्रजाति के मांस और सींग के लिये अवैध शिकार के कारण थी। इसके सींग का उपयोग एक चीनी पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।
    • 2015 में एक बड़ी महामारी के कारण 200,000 से अधिक जानवरों की मृत्यु हो गयी थी, जो प्रजातियों की आशाजनक पुनर्प्राप्ति के लिये एक बड़ी क्षति थी।
  • संरक्षण:
    • संरक्षण प्रयासों से सैगा बारहसिंघा की वैश्विक रेड लिस्ट स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है।
      • कज़ाकिस्तान ने प्रजातियों की पुनर्प्राप्ति, अवैध शिकार विरोधी पहलों को लागू करने, कानून प्रवर्तन उपायों तथा राज्य संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना में सराहनीय नेतृत्व दिखाया है।
      • वन्य जीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन (CMS) ने सैगा बारहसिंघा के संरक्षण के लिये सरकारों और नागरिक समाज संगठनों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान की है।
      • सैगा बारहसिंघा की संख्या 1.9 मिलियन से अधिक हो गई है साथ ही इसकी मंगोलियाई उप-प्रजाति में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो वर्ष 2023 की गणना में 15,540 की संख्या तक पहुँच गई है।
  • वर्तमान चुनौतियाँ:
    • अवैध शिकार, अवैध व्यापार, बीमारी, जलवायु परिवर्तन, अशांति और बुनियादी ढाँचे का विकास लगातार इसके अस्तित्व के लिये चुनौतियाँ उत्पन्न कर रहा है। 
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2