सूचकांकों और रिपोर्टों का सारांश (2020-21) | 26 Sep 2021

चिल्ड्रन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स

  • जारीकर्त्ता:
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह बच्चों के दृष्टिकोण से जलवायु जोखिम का पहला व्यापक विश्लेषण है।
    • यह आवश्यक सेवाओं तक बच्चों की पहुँच के आधार पर जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरणीय घटनाओं, जैसे कि चक्रवात और हीटवेव आदि के प्रति बच्चों की भेद्यता के आधार पर विभिन्न देशों को रैंक प्रदान करता है।
    • पाकिस्तान (14वाँ), बांग्लादेश (15वाँ), अफगानिस्तान (25वाँ) और भारत (26वाँ) उन दक्षिण एशियाई देशों में शामिल हैं, जहाँ बच्चों पर जलवायु संकट के प्रभाव का जोखिम सबसे अधिक है।


की इंडिकेटर फॉर एशिया एंड द पैसिफिक 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • यह रिपोर्ट एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा जारी की जाती है।
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • यह रिपोर्ट ‘एशियाई विकास बैंक’ के 49 क्षेत्रीय सदस्यों के लिये व्यापक आर्थिक, वित्तीय, सामाजिक और पर्यावरणीय आँकड़े प्रस्तुत करती है।
    • यह दर्शाती है कि इस क्षेत्र ने पिछले दो दशकों में कई विकास लक्ष्यों के संबंध में पर्याप्त प्रगति हासिल की है।


वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • अमेरिका स्थित संपत्ति सलाहकार ‘कुशमैन एंड वेकफील्ड’ (Cushman & Wakefield) 
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह यूरोप, अमेरिका और एशिया-प्रशांत (APAC) के 47 देशों में वैश्विक विनिर्माण की दृष्टि से सबसे फायदेमंद स्थानों का आकलन करता है।
    • रैंकिंग निर्धारण हेतु चार प्रमुख मापदंड इस प्रकार हैं:
      • विनिर्माण को पुनः शुरू करने के मामले में देश की क्षमता। 
      • कारोबारी माहौल (प्रतिभा/श्रम की उपलब्धता, बाज़ारों तक पहुँच)।
      • संचालन लागत।
      • जोखिम (राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय)।
    • भारत अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व स्तर पर दूसरा सबसे अधिक मांग वाला विनिर्माण गंतव्य बन गया है।
      • वर्ष 2020 की रिपोर्ट में अमेरिका दूसरे स्थान पर, जबकि भारत तीसरे स्थान पर था।

हंगर हॉटस्पॉट्स रिपोर्ट

  • जारीकर्त्ता:
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • विश्व के प्रमुख हंगर हॉटस्पॉट में इथियोपिया, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, उत्तरी नाइजीरिया और यमन शामिल हैं।
    • लगातार हिंसक हमले, प्राकृतिक खतरे, महामारी के झटके और खराब मानवीय पहुँच खाद्य असुरक्षा के प्रमुख कारक माने जाते हैं।

वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक, 2020

  • जारीकर्त्ता:
  • सूचकांक के बारे में:
    • आकलन का आधार : साइबर सुरक्षा के समग्र प्रदर्शन का आधार पाँच मापदंडों पर निहित है जो इस प्रकार हैं: कानूनी उपाय, तकनीकी उपाय, संगठनात्मक उपाय, क्षमता विकास और सहयोग।
    • अमेरिका शीर्ष पर रहा, उसके बाद यूके (यूनाइटेड किंगडम) और सऊदी अरब एक साथ दूसरे स्थान पर रहे। एस्टोनिया सूचकांक में तीसरे स्थान पर रहा।
    • भारत 37 स्थानों की बढ़त के साथ 10वें स्थान पर पहुँच गया है।
      • एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत चौथे स्थान पर रहा।

विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • पहली बार इसे वर्ष 1989 में प्रकाशित किया गया था और इसका संकलन इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (Institute for Management Development- IMD) लुसाने (स्विट्ज़रलैंड) द्वारा किया गया है।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह चार कारकों की जाँच करके देशों की समृद्धि और प्रतिस्पर्द्धात्मकता को मापता है:
      • आर्थिक प्रदर्शन
      • सरकारी दक्षता
      • व्यापार दक्षता
      • आधारभूत संरचना
    • स्विटज़रलैंड (प्रथम), स्वीडन (द्वितीय) तथा डेनमार्क (तृतीय), शीर्ष वैश्विक परफॉरमर्स हैं।
      • शीर्ष प्रदर्शन करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सिंगापुर- 5वें, हॉन्गकॉन्ग- 7वें, ताइवान- 8वें व चीन- 16वें स्थान पर है।
    • भारत ने इस सूचकांक में 43वाँ स्थान बनाए रखा है।

ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स

  • जारीकर्त्ता:
    • इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU)
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह सूचकांक पाँच व्यापक श्रेणियों यथा- स्थायित्व (25%), संस्कृति एवं पर्यावरण (25%), स्वास्थ्य देखभाल (20%), शिक्षा (10%), आधारभूत अवसंरचना (20%) में विस्तृत 30 से अधिक गुणात्मक और मात्रात्मक कारकों के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण करता है।
    • रहने योग्य शीर्ष 3 शहर:
      • ऑकलैंड (न्यूज़ीलैंड), ओसाका (जापान), एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया)।
    • निचले स्तर पर रहने योग्य 3 शहर:
      • दमिश्क (सीरिया), लागोस (नाइजीरिया), पोर्ट मोरेस्बी (पापुआ न्यू गिनी)।

ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व बैंक
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • विश्व अर्थव्यवस्था के बीते 80 वर्षों में किसी भी मंदी के बाद की सबसे तीव्र वृद्धि दर देखे जाने की उम्मीद है।
    • वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये भारत की अर्थव्यवस्था 8.3%, वर्ष 2022-23 के लिये 7.5% और वर्ष 2023-24 के लिये 6.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट ऑन ग्लोबल रेमिटेंस

  • जारीकर्त्ता:
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी ( सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है।
      • रेमिटेंस कम आय वाले और विकासशील देशों में लोगों के लिये आय के सबसे बड़े स्रोतों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है। 
    • भारत दुनिया में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता है जिसके बाद चीन का स्थान है। प्रेषण भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाता है और देश के चालू खाते के घाटे को पूरा करने में मदद करता है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका (68 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से प्रेषित धन का बहिर्वाह सर्वाधिक था, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी तथा चीन का स्थान है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2021

  • आयोजक:
    •  संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (UNESCO)
  • दिवस के विषय में:
    • वर्ष 2021 के लिये ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ की थीम ‘इनफाॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है। 
    • वर्ष 1991 में यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी।
      • यह दिवस वर्ष 1991 में यूनेस्को द्वारा अपनाई गई 'विंडहोक' (Windhoek) घोषणा को भी चिह्नित करता है, यह मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स (RSF) या रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स
  • सूचकांक के विषय में:
    • यह सूचकांक पत्रकारों के लिये उपलब्ध स्वतंत्रता के स्तर के अनुसार देशों और क्षेत्रों को रैंक प्रदान करता है। 
    • शामिल मापदंड
      • बहुलवाद 
      • मीडिया की स्वतंत्रता
      • मीडिया के लिये वातावरण और स्वयं-सेंसरशिप
      • कानूनी ढाँचा
      • पारदर्शिता 
      • समाचारों और सूचनाओं के लिये मौजूद बुनियादी अवसंरचना
    • इस सूचकांक में नॉर्वे (Norway) लगातार पाँच वर्षों से पहले स्थान पर है, जिसके बाद फिनलैंड (Finland) और डेनमार्क का स्थान है। 
      • चीन 177वें और उत्तरी कोरिया 179वें तथा तुर्कमेनिस्तान 178वें स्थान पर है।
    • वर्ष 2020 की तरह इस वर्ष भी भारत 142वें स्थान पर है।

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट, 2021

  • जारीकर्त्ता:
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • इस रिपोर्ट का उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के मध्य सापेक्ष अंतराल में हुई प्रगति का आकलन करना है।
    • लिंग समानता का आकलन करने हेतु चार मापदंडों में शामिल हैं:
      • आर्थिक भागीदारी और अवसर।
      • शिक्षा का अवसर।
      • स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता।
      • राजनीतिक सशक्तीकरण।
    • इसमें उच्चतम स्कोर 1 है, जबकि 0 निम्नतम स्कोर होता है।  
    • दक्षिण एशिया, सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में से एक है, जिसके बाद केवल मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका का स्थान है।
      • दक्षिण एशियाई देशों में भारत का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, भारत रैंकिंग में 156 देशों में 140वें स्थान पर है।

वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में ‘सतत् विकास समाधान नेटवर्क’
  • रिपोर्ट के विषय में:
    • वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 149 देशों के नागरिकों के खुशहाली स्तर को मापते हुए इस बात को दर्शाती है कि इन देशों के लोग स्वयं को कितना खुश मानते हैं।
    • इसकी रैंकिंग मतदान (गैलप वर्ल्ड पोल) पर आधारित है, जो छ: कारकों को शामिल करती है:
      • प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति समानता)।
      • सामाजिक सहयोग। 
      • जन्म के समय स्वस्थ जीवन प्रत्याशा।
      • जीवन में विकल्प चुनने की स्वतंत्रता।
      • उदारता।
      • भ्रष्टाचार की धारणा।
    • उत्तरदाता अपनी वर्तमान जीवन स्थिति का मूल्यांकन 0-10 के पैमाने पर करते हैं।
    • फिनलैंड को लगातार चौथे वर्ष विश्व का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया है।
      • अफगानिस्तान (149) सबसे नाखुश देश है।
    • रिपोर्ट में भारत को 149 देशों में 139वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
  • अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस
    • यह दिवस मनुष्य के जीवन में खुशहाली के महत्त्व को इंगित करता है।
    • पहली बार खुशहाली दिवस का संकल्प भूटान द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जहाँ राष्ट्रीय आय के बजाय राष्ट्रीय खुशी के महत्त्व पर ज़ोर दिया जाता है। 
    • वर्ष 2021 की थीम: ‘हैप्पीनेस फॉर आल, फॉरएवर’

प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट, 2021

  • जारीकर्त्ता :
  • रिपोर्ट के विषय में :
    • यह जोखिम/असमानताओं को कम करने के लिये नीतियों पर निर्भर है, साथ ही सीमांत प्रौद्योगिकियाँ समानता बढ़ाने में योगदान करती हैं।
    • यह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नीतियों, उपकरणों और संस्थागत सुधारों को संबोधित करता है, जो सभी के लिये समान अवसर सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक हैं।
    • भारत प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तुलना में सीमांत प्रौद्योगिकियों में सबसे बड़े 'ओवर परफॉर्मर' के रूप में उभरा।
      • भारत की वास्तविक सूचकांक रैंकिंग 43 है, जबकि प्रति व्यक्ति आय के आधार पर अनुमानित रैंकिंग 108 है।

खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट 2021

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी)।
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • अब तक का सबसे व्यापक खाद्य अपशिष्ट डेटा संग्रह, विश्लेषण और मॉडलिंग प्रस्तुत करता है।
    • 2030 की ओर राष्ट्रीय प्रगति को ट्रैक करने के लिये घरेलू, खाद्य सेवा और खुदरा स्तर पर खाद्य अपशिष्ट को मापने हेतु देशों के लिये एक पद्धति प्रकाशित करता है।
    • खाद्य हानि सूचकांक के विपरीत यह कुल खाद्य अपशिष्ट (विशिष्ट वस्तुओं से जुड़े नुकसान या अपशिष्ट के बजाय) को मापता है।
    • ऑस्ट्रिया जैसे विकसित देश विकासशील और कम विकसित देशों की तुलना में बहुत कम मात्रा में कचरे का उत्पादन करते हैं।

करप्शन परसेप्शन सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल।
  • सूचकांक के बारे में:
    • विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर सूचकांक 180 देशों और क्षेत्रों को रैंक प्रदान करता है।
    • यह शून्य (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (न्यूनतम भ्रष्ट) के पैमाने का उपयोग करता है।
    • उच्चतम स्कोर (88 के स्कोर के साथ) वाले देश डेनमार्क और न्यूज़ीलैंड हैं, इसके बाद फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन और स्विटज़रलैंड हैं, जिनमें से प्रत्येक का स्कोर 85 है।
      • दक्षिण सूडान और सोमालिया 12-12 अंकों के साथ निचले देश हैं।
    • 180 देशों में भारत 40 के स्कोर के साथ 86वें स्थान पर है।

दावोस संवाद

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व आर्थिक मंच।
  • संवाद के बारे में:
    • यह दावोस (स्विट्ज़रलैंड) में WEF की वार्षिक बैठक है जो वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग आधारित एजेंडा को आकार देने के लिये दुनिया के शीर्ष नेताओं को शामिल करती है।
    • यह कोविड के बाद दुनिया में WEF के ग्रेट रीसेट इनिशिएटिव के शुभारंभ का प्रतीक है।

विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • खाद्य और कृषि संगठन (FAO)।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह वैश्विक कृषि जिंस बाज़ारों में विकास की निगरानी में मदद करता है।
    • खाद्य वस्तुओं की एक टोकरी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में मासिक परिवर्तन को मापता है।
    • अनाज, तिलहन, डेयरी उत्पाद, मांस और चीनी की टोकरी के लिये उपायों में बदलाव।
    • आधार अवधि: 2014-16।

मानव विकास सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह इस बात पर ज़ोर देता है कि किसी देश के विकास का आकलन करने के लिये लोगों और उनकी क्षमताओं को अंतिम मानदंड होना चाहिये, न कि केवल आर्थिक विकास।
    • तीन मूल आयामों के आधार पर:
      • स्वस्थ और दीर्घ जीवन।
      • ज्ञान तक पहुंच।
      • एक सभ्य जीवन स्तर।
    • सूचकांक मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर) 2020 का एक हिस्सा है, जिसके अन्य घटकों में शामिल हैं:
      • असमानता-समायोजित मानव विकास सूचकांक (IHDI)।
      • लिंग विकास सूचकांक (जीडीआई)।
      • लैंगिक असमानता सूचकांक (जीआईआई)।
      • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई)।
    • सूचकांक में नॉर्वे सबसे ऊपर है, उसके बाद आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड हैं।
    • एशियाई क्षेत्र में; सिंगापुर (11), सऊदी अरब (40) और मलेशिया (62) "बहुत उच्च मानव विकास" का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष पर थे।
      • भारत (131), भूटान, बांग्लादेश, म्याँमार, नेपाल, कंबोडिया, केन्या व पाकिस्तान को "मध्यम मानव विकास" वाले देशों में स्थान दिया गया।

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक

  • जारीकर्त्ता:
    • संयुक्त रूप से जर्मनवाच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह स्वतंत्र रूप से 57 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन की निगरानी करता है जो वैश्विक GHG उत्सर्जन का 90%+ उत्पन्न करते हैं।
    • यह जलवायु संरक्षण के प्रयासों और अलग-अलग देशों द्वारा की गई प्रगति की तुलना को सक्षम बनाता है।
    • प्रयुक्त पैरामीटर:
      • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (कुल स्कोर का 40%)।
      • अक्षय ऊर्जा (20%)।
      • ऊर्जा उपयोग (20%)।
      • जलवायु नीति (20%)।
    • शीर्ष तीन रैंक खाली थे क्योंकि किसी भी देश ने सूचकांक में पर्याप्त उच्च स्थान पाने के लिये मानदंडों को पूरा नहीं किया था।
    • केवल दो G20 राष्ट्र, यूके और भारत CCPI 2021 में उच्च रैंक वाले देशों में से हैं।
      • संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, रूस, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब सूचकांक में सबसे नीचे हैं।
      • GHG का वर्तमान में सबसे बड़ा उत्सर्जक चीन 33वें स्थान पर है।
    • भारत कुल मिलाकर 10वें स्थान पर रहा और उसने 100 में से 63.98 अंक हासिल किये।
      • भारत ने अपने INDC में 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली की हिस्सेदारी को 40% तक बढ़ाने का वादा किया है।

विश्व आर्थिक आउटलुक

  • जारीकर्त्ता:
    • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)।
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • यह अप्रैल और अक्तूबर के महीनों में साल में दो बार प्रकाशित होती है।
    • निकट व मध्यम अवधि के दौरान वैश्विक आर्थिक विकास का विश्लेषण और भविष्यवाणी करती है।

वैश्विक भूख सूचकांक, 2020

  • जारीकर्त्ता: 
    • कंसर्न वर्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ़।
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भूख को मापता है और ट्रैक करता है।
    • प्रयुक्त पैरामीटर:
      • अल्पपोषण: अपर्याप्त कैलोरी सेवन।
      • चाइल्ड वेस्टिंग। 
      • चाइल्ड स्टंटिंग।
      • बाल मृत्यु दर: पाँच साल से कम उम्र में।
    • भूख को 100-बिंदुओं के पैमाने पर निर्धारित करता है जहाँ 0 सबसे अच्छा संभव स्कोर है वहीं 100 सबसे खराब स्कोर है।
    • 27.2 के स्कोर के साथ भारत में भूख का "गंभीर" स्तर है।
      • यह सूचकांक में 107 देशों में 94वें स्थान पर है।
      • भारत का स्थान नेपाल (73), पाकिस्तान (88), बांग्लादेश (75), इंडोनेशिया (70) से पीछे है।

गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व बैंक
  • रिपोर्ट के बारे में:
    • "नए गरीब" में संदर्भित किये जाएंगे:
      • शहरी गरीब।
      • अनौपचारिक सेवाओं तथा कृषि में संलग्न गरीब।
      • भीड़भाड़ वाले शहरी अधिवास में रहने वाले और लॉकडाउन तथा गतिशीलता प्रतिबंधों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले।
    • नए गरीब व्यक्तियों में से कई उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशियाई क्षेत्र से होंगे।
    • भारत में गरीबी का आकलन नीति आयोग की टास्क फोर्स द्वारा किया जाता है।

विश्व जोखिम सूचकांक 2020

  • जारीकर्त्ता:
    • पर्यावरण और मानव सुरक्षा के लिये संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय संस्थान (यूएनयू-ईएचएस), बुंडनिस एंटविकलुंग हिल्फ्ट और जर्मनी में स्टटगार्ट विश्वविद्यालय।
  • सूचकांक के बारे में:
    • यह विश्व जोखिम रिपोर्ट 2020 का हिस्सा है।
    • यह जोखिम और भेद्यता के गुणन के माध्यम से विभिन्न देशों और क्षेत्रों के लिये आपदा जोखिम का वर्णन करता है।
    • महाद्वीपों में ओशिनिया सबसे अधिक जोखिम में है, इसके बाद अफ्रीका और अमेरिका का स्थान है।
      • वानुअतु (दक्षिण प्रशांत महासागर) दुनिया भर में सबसे अधिक आपदा जोखिम वाला देश है।
      • सबसे कमज़ोर देशों के दो-तिहाई से अधिक अफ्रीका के हैं।
    • भारत 181 देशों में 89वें स्थान पर है और बांग्लादेश, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के बाद दक्षिण एशिया में चौथा सबसे अधिक जोखिम वाला देश है।

मानव पूंजी सूचकांक 2020

  • जारीकर्त्ता:
    • विश्व बैंक
  • सूचकांक के बारे में:
    • मानव पूंजी में जीवन से संदर्भित ज्ञान, कौशल और स्वास्थ्य शामिल होता है।
    • सूचकांक सभी देशों में मानव पूंजी के प्रमुख घटकों को बेंचमार्क प्रदान करता है।
    • प्रयुक्त पैरामीटर: 174 देशों के बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के आँकड़े (मार्च 2020 तक; महामारी से पहले की अवधि)।
    • इस पैरामीटर में दुनिया की 98% आबादी शामिल है।
    • 174 देशों में भारत 116वें स्थान पर है।

वैश्विक नवाचार सूचकांक- 2020

  • जारीकर्त्ता :
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह दुनिया भर के 131 देशों और विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को उनके नवाचार प्रदर्शन का आकलन करने की अनुमति देता है। 
      • राजनीतिक वातावरण, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा और व्यापार परिष्कार शामिल है।
    • 2020 का विषय है‚ ''नवाचार को वित्त कौन प्रदान करेगा?''
    • शीर्ष पाँच देश हैं- स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, यूएसए, यूके और नीदरलैंड।
    • एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में चीन, भारत, फिलीपींस और वियतनाम ने सूचकांक में सबसे अधिक प्रगति की है।
      • भारत को 48वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जिससे भारत पहली बार वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) में शीर्ष 50 देशों के समूह में शामिल हो गया है।

‘स्टेट ऑफ द यंग चाइल्ड इंडिया इन इंडिया’ रिपोर्ट 

  • जारीकर्त्ता :
    • गैर-सरकारी संगठन (NGO) मोबाइल क्रेच (Mobile Creches) 
  • रिपोर्ट के बारे में :
    • यह 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और संज्ञानात्मक विकास को मापता है।
    • रिपोर्ट में दो प्रकार के इंडेक्स तैयार किये गए हैं- (1) यंग चाइल्ड आउटकम इंडेक्स और (2) यंग चाइल्ड एन्वायरनमेंट इंडेक्स।
    • मानक पैरामीटर :
      • शिशु मृत्यु दर (IMR)।
      • स्टंटिंग (Stunting)।
      • प्राथमिक विद्यालय स्तर पर कुल उपस्थिति।
    • 0-1 के पैमाने पर समग्र भारत का स्कोर 0.585 है।
    • केरल, गोवा, त्रिपुरा, तमिलनाडु और मिज़ोरम बच्चों की भलाई के मामले में शीर्ष पाँच राज्यों में शामिल हैं।
      • असम, मेघालय, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार का स्कोर देश के औसत से कम है।
  • यंग चाइल्ड एन्वायरनमेंट इंडेक्स :
    • इस इंडेक्स के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले नीतिगत उपायों को समझने का प्रयास किया गया है।
      • मानक पैरामीटर :
        • गरीबी उन्मूलन।
        • प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मज़बूत करना।
        •  शिक्षा स्तर में सुधार करना।
        •  स्वच्छ जल आपूर्ति।
        •  लिंग समानता का प्रचार।
    • इस इंडेक्स में केरल, गोवा, सिक्किम, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने शीर्ष पाँच स्थान प्राप्त किये हैं।
      • भारत का कुल स्कोर 0.672 है।

डिजिटल क्वालिटी ऑफ लाइफ इंडेक्स 2020

  • जारीकर्त्ता :
    • एक ऑनलाइन प्राइवेसी सॉल्यूशन प्रोवाइडर, सर्फशर्क (SurfShark)
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह विश्व के 85 देशों (डिजिटल जनसंख्या का 81%) की डिजिटल सेवाओं की गुणवत्ता पर किया गया वैश्विक शोध है।
    • मानक पैरामीटर :
      • इंटरनेट की वहनीयता
      • इंटरनेट की गुणवत्ता
      • इलेक्ट्रॉनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर
      • इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा
      • इलेक्ट्रॉनिक गवर्नमेंट
    • उच्चतम DQL वाले 10 देशों में से 7 यूरोप में हैं, जिसमें डेनमार्क अग्रणी है।
      • स्कैंडिनेवियाई देशों ने अपने नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल सेवा प्रदान करने में उत्कृष्टता हासिल की है।
      • अमेरिकी महाद्वीप में कनाडा, एशिया में जापान, अफ्रीका में दक्षिण अफ्रीका और ओशिनिया में न्यूज़ीलैंड शीर्ष पर हैं।
    • भारत 85 देशों में से 57 के समग्र रैंक पर है।

बुजुर्गों के लिये जीवन का गुणवत्ता सूचकांक

  • जारीकर्त्ता :
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह रिपोर्ट भारतीय राज्यों में आयु बढ़ने के क्षेत्रीय पैटर्न की पहचान करने के साथ-साथ देश में आयु बढ़ने की समग्र स्थिति का भी आकलन करती है। 
    • चार स्तंभ: वित्तीय कल्याण, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य प्रणाली और आय सुरक्षा। 
    • राजस्थान और हिमाचल प्रदेश क्रमशः वृद्ध और अपेक्षाकृत वृद्ध राज्यों में शीर्ष स्कोरर हैं।
      • चंडीगढ़ और मिज़ोरम केंद्रशासित प्रदेश एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों की श्रेणी में शीर्ष स्कोरर हैं।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2019-20

  • जारीकर्त्ता :
  • सर्वेक्षण के बारे में :
    • यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है जो अमिताभ कुंडू (Amitabh Kundu) की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश के आधार पर गठित किया गया है।
    • यह देश में रोज़गार की स्थिति का मानचित्रण करता है।
    • कई चरणों पर डेटा एकत्र करता है, जैसे- 
      •  बेरोज़गारी का स्तर।
      • रोज़गारी के प्रकार और संबंधित भागीदार।
      • विभिन्न प्रकार की नौकरियों से अर्जित मज़दूरी।
      • किये गए कार्य के घंटों की संख्या आदि।
    • प्रतिवर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति तथा वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) दोनों में रोज़गार एवं बेरोज़गारी संकेतकों का अनुमान लगाना।

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट (AISHE), 2020

  • जारीकर्त्ता :
    • उच्च शिक्षा विभाग।
  • रिपोर्ट के बारे में :
    • यह रिपोर्ट देश में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर प्रमुख प्रदर्शन संकेतक प्रदान करती है।
    • भारत में सबसे अधिक नामांकन उत्तर प्रदेश में हुए, इसमें 49.1% छात्र और 50.9% छात्राएँ हैं, इसके बाद तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र का स्थान आता है।

SDG इंडिया इंडेक्स 2020-21

  • जारीकर्त्ता :
  • इंडेक्स के बारे में :
    • यह सूचकांक एजेंडा 2030 के तहत वैश्विक लक्ष्यों की व्यापक प्रकृति की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
      • डेटा-संचालित मूल्यांकन के माध्यम से SDGs के लक्ष्यों पर देश की प्रगति की निगरानी करता है।
    • प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के लिये 16 SDGs पर लक्ष्यवार स्कोर (0-100 के बीच) की गणना करता है। 
      • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके एसडीजी इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: एस्पिरेंट (0-49), परफॉर्मर (50-64), फ्रंट-रनर (65-99), अचीवर (100)।
    • केरल ने सूचकांक  में तीसरी बार शीर्ष पर अपना स्थान बरकरार रखा, उसके बाद तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश का स्थान है।
      • बिहार, झारखंड और असम सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य थे। 

'ईज़ ऑफ लिविंग' एंड म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स 2020

  • जारीकर्त्ता :
    • आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय।
  • म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स के बारे में :
    • यह सेवाओं, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन के विभिन्न क्षेत्रों में नगरपालिकाओं के स्थानीय सरकारी कार्यों की जाँच करता है।
    • MPI में 111 नगर पालिकाओं के क्षेत्रीय प्रदर्शन की जाँच की गई (दिल्ली में NDMC और तीनों नगर निगमों का अलग-अलग मूल्यांकन किया जा रहा है)। 
    • मिलियन प्लस श्रेणी: इसमें इंदौर को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, इसके बाद सूरत और भोपाल हैं।
      • एक मिलियन से कम जनसंख्या श्रेणी : NDMC शीर्ष स्थान पर रही, इसके बाद तिरुपति और गांधीनगर का स्थान रहा।
  • ईज़ ऑफ लिविंग’ सूचकांक के बारे में :
    • यह सूचकांक में शामिल भारतीय शहरों के जीवन स्तर, आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलेपन के आधार पर व्यापक समझ प्रदान करता है।
    • मिलियन प्लस श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों शहरों में बंगलूरु के बाद पुणे और अहमदाबाद का स्थान है।
      • अमृतसर, गुवाहाटी, बरेली, धनबाद और श्रीनगर का प्रदर्शन सबसे खराब है।
    • एक मिलियन से कम जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहर- शिमला, भुवनेश्वर और सिलवासा हैं।
      • अलीगढ़, रामपुर, नामची, सतना और मुजफ्फरपुर का प्रदर्शन सबसे खराब है।

भारत नवाचार सूचकांक 2020

  • जारीकर्त्ता :
  • सूचकांक के बारे में :
    • इस सूचकांक को वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index-GII) की तर्ज पर विकसित किया गया है।
    • इस सूचकांक को भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करने तथा इन क्षेत्रों में नवाचार से संबंधित नीतियाँ तैयार करने के लिये विकसित किया गया है।
    • मानक पैरामीटर :
      • प्रति मिलियन आबादी पर पेटेंट।
      • वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशन।
      • अनुसंधान पर जीडीपी खर्च का प्रतिशत।
      • जनसांख्यिकी लाभांश।
      • शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता।
    • प्रमुख राज्यों में कर्नाटक लगातार दो वर्षों से शीर्ष स्थान पर है और उसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है।
      • झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार का स्कोर सूचकांक में सबसे कम है।
      • पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों की रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश सबसे ऊपर है।
      • दिल्ली ने 46.6 के स्कोर के साथ देश में सबसे अधिक अंक प्राप्त किये हैं, जबकि लक्षद्वीप का स्कोर सबसे कम 11.7 है।